Highway Infra IPO Listing: इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और मैनेजमेंट कंपनी हाईवे इंफ्रा के शेयरों की आज घरेलू मार्केट में धांसू एंट्री हुई। इसके आईपीओ को भी निवेशकों का धांसू रिस्पांस मिला था और ओवरऑल इसे 316 गुना से अधिक बोली मिली थी। आईपीओ के तहत ₹70 के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज BSE पर इसकी ₹117.00 और NSE पर ₹115.00 पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को 67% तक का लिस्टिंग गेन (Highway Infra Listing Gain) मिला। लिस्टिंग के बाद शेयर और ऊपर चढ़े। उछलकर BSE पर यह ₹122.84 (Highway Infra Share Price) के अपर सर्किट पर पहुंच गया और इसी पर बंद भी हुआ यानी कि पहले कारोबारी दिन की समाप्ति पर आईपीओ निवेशक 75.49% मुनाफे में हैं।
Highway Infra IPO के पैसे कैसे होंगे खर्च
हाईवे इंफ्रा का ₹130.00 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 5-7 अगस्त तक खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का जबरदस्त रिस्पांस मिला था और ओवरऑल यह 316.64 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 432.71 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 473.10 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 164.48 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत ₹97.52 करोड़ के नए शेयर जारी हुए हैं। इसके अलावा ₹5 की फेस वैल्यू वाले 46.40 लाख शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिके हैं। ऑफर फॉर सेल का पैसा तो शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को मिला है। वहीं नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों में से ₹65.00 करोड़ वर्किंग कैपिटल की जरूरतों और बाकी पैसे आम कॉरपोरेट उद्देश्यों पर खर्च होंगे।
Highway Infrastructure के बारे में
वर्ष 1995 में बनी हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर एक इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और मैनेजमेंट कंपनी है। यह टोलवे कलेक्शन, ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्यूरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन) प्रोजेक्ट्स और रियल एसेट्स डेवलपमेंट का काम करती है। यह सड़क, हाईवे, पुल और घर बनाती है और उनके मेंटेनेंस का काम संभालती है। इसके अलावा टोलवे कलेक्शन बिजनेस के तहत नीलानी के जरिए इसे हाईवे प्रोजेक्ट्स मिलते हैं जिस पर यह टोलवे कलेक्शन सिस्टम का काम संभालती है। यह उन कुछ टोल ऑपरेटर्स में शुमार है जो टोलवे कलेक्शन के लिए एएनपीआर (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निजशन) तकनीक का इस्तेमाल करती है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे समेत देश के 11 राज्यों और 1 यूनियन टेरिटरी में इसका टोल कलेक्शन बिजनेस चल रहा है। अगस्त 2024 तक कंपनी ने 24 टोलवे कलेक्शन प्रोजेक्ट पूरे कर लिए थे और अभी 7 प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। अब ईपीसी इंफ्रा प्रोजेक्ट्स की बात करें तो अगस्त 2024 तक के आंकड़ों के मुताबिक इसने 63 ईपीसी प्रोजेक्ट पूरे किए हैं, और 20 प्रोजेक्ट पर फिलहाल काम चल रहा है। रियल एस्टेट की बात करें तो यह कंपनी के कारोबार का छोटा हिस्सा है।
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो यह लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2023 में इसे ₹13.80 करोड़ का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2024 में उछलकर ₹21.41 करोड़ और वित्त वर्ष 2025 में ₹22.40 करोड़ पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी की टोटल इनकम सालाना 5% से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर ₹504.48 करोड़ पर पहुंच गया। हालांकि इस दौरान कंपनी पर कर्ज भी लगातार बढ़ा जोकि वित्त वर्ष 2023 के आखिरी में ₹63.36 करोड़ और वित्त वर्ष 2024 के आखिरी में ₹69.62 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 के आखिरी में ₹71.82 करोड़ पर पहुंच गया।
डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।