अमेरिका की एक्टिविस्ट शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च LLC ने 10 अगस्त को एक नई रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट में SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) और उनके पति धवल बुच (Dhaval Buch) पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। कहा गया कि माधबी और धवल बुच के पास अदाणी ग्रुप में 'पैसे की हेराफेरी' में इस्तेमाल किए गए दो ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी। हिंडनबर्ग का कहना है कि दंपति ने बरमूडा और मॉरीशस फंड्स में गुप्त हिस्सेदारी रखी थी, जिनका संबंध अदाणी ग्रुप से है। इस रिपोर्ट में जानते हैं माधबी पुरी बुच के बारे में अहम डिटेल...
SEBI की पहली महिला चेयरपर्सन
माधबी पुरी बुच 1 मार्च, 2022 से भारत के मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की पहली महिला चेयरपर्सन हैं। IIM-अहमदाबाद की पूर्व छात्र SEBI की सबसे कम उम्र की प्रमुख और मार्केट रेगुलेटर संस्था की प्रमुख बनने वालीं प्राइवेट सेक्टर के पहली व्यक्ति हैं।
पुरी बुच रेगुलेशन, सुपरविजन और सर्विलांस से जुड़े प्रमुख विभागों की देखरेख करती हैं और आर्थिक और नीति विश्लेषण, निवेशक सहायता और शिक्षा और IT विभागों को लीड करती हैं। उनके पास नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटीज मार्केट्स (NISM) की सीधी निगरानी की भी जिम्मेदारी है।
वह एक कंसल्टिंग और इनक्यूबेशन फर्म, एगोरा एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड की फाउंडर-डायरेक्टर हैं, और SEBI प्रमुख बनने से पहले उन्होंने चीन में न्यू डेवलपमेंट बैंक में भी काम किया है।
वित्तीय बाजार का तीन दशकों का अनुभव
बुच के पास वित्तीय बाजार का तीन दशकों का अनुभव है। वह 1989 में ICICI बैंक में शामिल हुईं और एक इन्वेस्टमेंट बैंकर के रूप में काम किया, देश के प्रमुख ब्रोकिंग संगठन का नेतृत्व किया, एक प्राइवेट इक्विटी प्रमुख में सीनियर पद पर रहीं और BRICS देशों के समूह की ओर से बनाए गए न्यू डेवलपमेंट बैंक में भी कुछ समय के लिए काम किया।
माधबी पुरी बुच के पास इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) अहमदाबाद से MBA की डिग्री है और सेंट स्टीफंस कॉलेज, नई दिल्ली से गणित में ग्रेजुएट की डिग्री है।
उन्होंने शंघाई में न्यू डेवलपमेंट बैंक के सलाहकार और प्राइवेट इक्विटी फर्म, ग्रेटर पैसिफिक कैपिटल के सिंगापुर ऑफिस के प्रमुख की जिम्मेदारी भी निभाई है।
बैंक से लेकर टेलीकॉम सेक्टर में किया काम
उन्होंने ICICI सिक्योरिटीज लिमिटेड में मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) और CEO और ICICI बैंक के बोर्ड में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में भी काम किया। भारत लौटने पर, बुच ने Idea सेल्युलर लिमिटेड और NIIT लिमिटेड सहित कई प्रमुख कंपनियों के बोर्ड में नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के पदों पर काम किया। उन्होंने एक छोटा सा फाउंडेशन भी बनाया है, जो जमीनी स्तर के NGO के साथ मिल कर कई प्रोजेक्ट चलाता है।
पुरी बुच ने 05 अप्रैल, 2017 और 04 अक्टूबर, 2021 के बीच WTM के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान SEBI के पूर्व चेयरमैन अजय त्यागी के साथ मिलकर काम किया है। तत्कालीन SEBI अध्यक्ष अजय त्यागी के साथ उनके घनिष्ठ सहयोग ने भारत के रेगुलेटरी क्षेत्र में उनके असर को और भी मजबूत किया।
माधबी के पति धवल बुच का भी एक लंबा-चौड़ा करियर रहा है। हालांकि, सार्वजनिक रूप से वे कम ही चर्चओं में रहते हैं। माधबी की तरह उनकी प्रोफेशनल जर्नी को कॉर्पोरेट जगत में बड़ी उपलब्धियों की तरह ही देखा जाता है।
हालांकि, हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) के हालिया आरोपों ने उन्हें अदाणी ग्रुप के वित्तीय लेनदेन में कथित तौर पर शामिल ऑफशोर संस्थाओं से जोड़कर सुर्खियों में ला दिया है।