Daily Voice: अगले हफ्ते से शुरू होने वाले नतीजों के मौसम में "मुझे बैंकिंग और वित्त, ऑटो, रियल एस्टेट, कैपिटल गुड्स से अच्छे नंबरों की उम्मीद है। वहीं, मेटल और कमोडिटी, आईटी, सीमेंट के पहली तिमाही में नतीजे उम्मीद से कमजोर रह सकते हैं।" ये बातें मनीकंट्रोल को दिए एक साक्षात्कार में मैक्स लाइफ इंश्योरेंस के मिहिर वोरा ने कही हैं। मिहिर ने इस बातचीच में आगे कहा कि यह देखना दिलचस्प होगा कि ग्लोबल कमोडिटी और दूसरे कच्चे माल की कीमतों में आई गिरावट के बाद ऑटो, गैर जरूर खर्च, एफएमसीजी और फार्मास्युटिकल कंपनियों के मार्जिन में बढ़त होती है कि नहीं। इक्विट मार्केट का 25 सालों से ज्यादा का अनुभव रखने वाले मिहिर का कहना है कि लॉन्ग टर्म के नजरिए से हॉस्पिटल शेयर काफी अच्छे दिख रहे हैं। देश में समृद्धि बढ़ने और जीवन शैली बदलने के साथ ही हॉस्पिटल शेयरों में आगे तेजी आएगी।
क्या आपको जून तिमाही के नतीजों के बाद बीएफएसआई सेक्टर में री-रेटिंग की उम्मीद है?
इस पर मिहिर ने कहा कि मजबूत ग्रोथ रेट, मार्जिन बढ़त और एसेट क्वालिटी में सुधार जैसे अच्छे खबरों के दम पर पिछली कुछ तिमाहियों से फाइनेंशियल की री- रेटिंग पहले से ही जारी है। उम्मीद है कि अगली कुछ तिमाहियों में इस सेक्टर की एसेट क्वालिटी में स्थिरता रहेगी। दूसरी छमाही से उधार लेने की लागत कम होने लगेगी। इसके चलते बीएफएसआई सेक्टर का आउटपरफार्मेंस आगे भी जारी रहेगा।
क्या आप एएमसी शेयरों पर बुलिश हैं?
इसके जवाब में मिहिर ने कहा कि पूरे बाजार के ध्यान में रख कर देखें तो ये सेगमेंट काफी छोटा है। इस सेक्टर के लिए सबसे बड़ी चिंता रेग्युलेटरी गतिविधियों से है। इससे एएमसी कंपनियों के लॉन्ग टर्म मार्जिन पर निगेट असर पड़ सकता है। रेग्यूलेशन को लेकर कुछ चिंताए अभी भी बनी हुई हैं। लेकिन ये कहा जा सकता है कि इनका सबसे बुरा दौर बीत चुका है। इस समय एएमसी शेयरों के वैल्यूएशन अच्छे दिख रहे हैं। यहां से इनमें खरीदारी के मौके दिख रहे हैं।
कैपेक्स थीम से जुड़े शेयरों को लेकर बुलिश
मिहिर ने कहा कि वे कैपेक्स थीम से जुड़े शेयरों को लेकर बुलिश हैं। इस थीम से जुड़े शेयरों के रोड, इंफ्रा, कमर्शियल और गवर्नमेंट बिल्डिंग्स, रेलवेज, डोमेस्टिक मैन्यूफैक्चरिंग (डिफेंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, केमिकल आदि), पावर ट्रांसमिशन और डिस्ट्रिब्यूशन, रिन्यूएबल एनर्जी और ग्रीन हाइड्रोजन पर सरकार और निजी कंपनियों की तरफ से बढ़ते खर्च का फायदा मिलेगा। अगले 3-5 में भारत में इन क्षेत्रों में जोरदार निवेश होता दिखेगा।
क्या इक्विटी बाजार अब धीरे-धीरे महंगे दिख रहे हैं?
इसके जबाव में मिहिर ने कहा कि लार्जकैप के वैल्यूशन को लेकर कोई चिंता नहीं दिख रही है। 18 महीने पहले वे महंगे थे लेकिन तब से निफ्टी में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है। इसके साथ ही कुछ तिमाहियों में निफ्टी कंपनियों की आय 15-20 फीसदी बढ़ी है। स्मॉलकैप और मिडकैप में कुछ फुलाव है। लेकिन यहां भी स्टॉक चुनने के पर्याप्त अवसर हैं। हालांकि बाजार का वैल्यूएशन लॉन्ग टर्म एवरेज से थोड़ा ज्यादा है लेकिन अच्छे अर्निंग ग्रोथ आउटलुक और भारत की मजबूत मैक्रो इकोनॉमिक स्थिति को देखते हुए इसको महंगा नहीं कहा जा सकता।
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