सितंबर-अगस्त वित्त वर्ष का अनुपालन करने वाली Accenture ने कल अपने तीसरी तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं। तीसरी तिमाही में कंपनी के आय में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिली है। जानकारों का कहना है कि यह भारतीय आईटी कंपनियों के लिए शुभ संकेत है। गौरतलब है कि Accenture एक अमेरिकी आईटी कंपनी है जिसका भारत में भी अच्छा खास कारोबार है। कल आए कंपनी के तीसरे तिमाही के नतीजों के मुताबिक कंपनी की आय सालाना आधार पर 22 फीसदी की बढ़त के साथ 16.2 अरब डॉलर पर रही है। वहीं इसकी ऑपरेटिंग इनकम 23 फीसदी की बढ़त के साथ 2.6 अरब डॉलर पर रही है। जबकि मार्जिन 16.1 फीसदी पर रही है। कंपनी को तीसरी तिमाही में 17 अरब डॉलर के नए डील मिले हैं जो कि अब तक का दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है।
इसके अलावा Accenture ने 2022 के लिए अपने आय अनुमान को 24-26 फीसदी से बढ़कर 25.5-26.5 फीसदी कर दिया है। इसके पहले इंफोसिस ने भी अप्रैल में वित्त वर्ष 2023 के लिए मजबूत ग्रोथ का गाइडेंस दिया था।
Kotak Securities के कवल सलूजा का कहना है कि Accenture का फोरकास्ट अच्छा नजर आ रहा है। उन्होंने आगे कहा कि खराब होती मैक्रो परिस्थितियों का ग्राहकों के निर्णय पर अभी कोई खराब असर देखने को नहीं मिला है। Accenture ने अपने रेवेन्यू ग्रोथ के गाइडेंस में बढ़ोतरी की है। इसके अलावा उसने संवेदनशील माने जाने वाले यूरोप में मजबूत ग्रोथ हासिल की है। इसके अलावा कंसल्टिंग में भी बेहतर बुकिंग मिली है। उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान माहौल में कंपनी के नतीजे और गाइडेंस अच्छे नजर आ रहे हैं।
गौरतलब है कि हाल के महीनों में दूसरी आईटी कंपनियों के साथ ही Accenture के शेयरों में भी गिरावट देखने को मिली है। पिछले 3 महीनों में इस स्टॉक में 12 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है और अपने पीक से यह शेयर 46 फीसदी तक टूट चुका है। इसी तरह भारत के अधिकांश आईटी स्टॉक्स की भी काफी पिटाई हुई है। वर्तमान कैलेंडर ईयर में निफ्टी आईटी इंडेक्स सबसे बड़े लूजरों में रहा है।
भारत में जल्द ही जून तिमाही के नतीजों का मौसम शुरु होने वाला है। ऐसे में एनालिस्ट का कहना है कि Accenture के अच्छे आंकड़े आईटी शेयरों में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए शुभ संकेत हैं।
मोतीलाल ओसवाल के मुकुल गर्ग का कहना है कि Accenture की कमेंट्री से संकेत मिलता है कि आईटी सेक्टर के लिए डिमांड में मजबूती बनी हुई है और कमजोर मैक्रो माहौल का असर अभी आईटी सेक्टर की ग्रोथ पर दिखना नहीं शुरु हुआ है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि आईटी सेक्टर के लिए सप्लाई से जुड़ी दिक्कतें, बढ़ी एट्रिशन रेट और नई भर्तियों में गिरावट चिंता का विषय बनी हुई है।
Accenture के मार्जिन गाइडेंस से इस बात का संकेत मिलता है कि वित्त वर्ष 2023 में आईटी कंपनियों के मार्जिन में स्थिरता बनी रहेगी। मुकुल गर्ग का कहना है कि आईटी सेक्टर पर हमारी धारणा पॉजिटिव बनी हुई है। उम्मीद है कि आगे आईटी कंपनियों की ग्रोथ और मार्जिन में मजबूती देखने को मिलेगी। निवेश के नजरिए से मुकुल गर्ग को Infosys, HCL Tech और TCS जैसे आईटी स्टॉक पसंद हैं।
Accenture के मैनेजमेंट ने मजबूत पाइपलाइन और डिजिटल, क्लाउड और सिक्योरिटी में मजबूत निवेश के संकेत दिये हैं। जानकारों का कहना है कि Accenture के गाइडेंस में मैक्रो माहौल में कमजोरी के कारण डिमांड में किसी सुस्ती के संकेत नहीं है। Accenture का मानना है कि कंपनियों के खर्च में ग्रोथ की तुलना में लागत में कटौती की तरफ ज्यादा फोकस नजर आ रहा है। ऐसे में भारतीय आईटी कंपनियों को फायदा हो सकता है क्योंकि वे पूरी दुनिया में कॉस्ट एफिसिएंट सॉल्यूशन उपलब्ध कराने के लिए जानी जाती हैं।
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