एक्सपोर्ट ड्यूटी के फैसले के बाद मेटल शेयरों से FPI ने निकाले 85 करोड़ डॉलर, जानिए कब सुधरेंगे इनके दिन

इन्वेस्टमेंट बैंक Nomura Asia ने हाल ही में जारी अपने एक नोट में कहा है कि ग्लोबल ग्रोथ में मंदी इस समय कमोडिटी स्टॉक के लिए सबसे बड़ा जोखिम है

अपडेटेड Jul 12, 2022 पर 1:55 PM
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Bloomberg Commodity Index में मध्य जून से अब तक 14 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है। ग्लोबल बाजार में तमाम बेस मेटल की कीमतें अपने हाई से 15-20 फीसदी नीचे नजर आ रही हैं

मई महीने में सरकार ने घरेलू बाजार में बेसिक कमोडिटी की बढ़ती महंगाई पर नकेल कसने के लिए मेटल के एक्सपोर्ट पर टैक्स लगाने का ऐलान किया था। जिसके चलते एफपीआई की तरफ से कमोडिटी स्टॉक से बाहर निकलने की होड़ सी लगती नजर आई। पिछले 2 महीनों में एफपीआई ने 6754 करोड़ रुपए यानी करीब 85 करोड़ डॉलर के मेटल शेयरों की बिकवाली की है।

सरकार द्वारा स्टील सहित दूसरे मेटल एक्सपोर्ट की नकेल कसने के लिए उठाए गए कदम के चलते मेटल सेक्टर के आउटलुक में नकारात्मक बदलाव हुआ है जिसकी वजह से एफपीआई की तरफ से यह बिकवाली आती दिखी है। बता दें कि मई के आखिरी हिस्से में भारत सरकार ने स्टील सहित आयरन ओर के एक्सपोर्ट पर लगने वाले एक्सपोर्ट ड्यूटी में बढ़ोतरी का ऐलान किया था। इसके अलावा सरकार ने स्टील मीलों की उत्पादन लागत घटाने के लिए कोयले के इंपोर्ट पर लगने वाले इंपोर्ट ड्यूटी में भी कटौती की थी।

20 मई को हुए इस ऐलान के बाद से अब तक निफ्टी मेटल इंडेक्स में 14 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। सरकार के इस कदम से देश में स्टील की कीमतों पर भी निगेटिव असर पड़ा है। देश के तमाम हिस्से में स्टील की कीमतें 20 फीसदी से ज्यादा गिर गई हैं। एक्सपोर्ट ड्यूटी में बढ़ोतरी के कारण निर्यात में आई गिरावट के चलते तमाम स्टील मीलें मेनटेनेन्स के नाम पर मीलों को कुछ दिनों के लिए बंद रखने पर भी विचार कर रही हैं।


Motilal Oswal ने हाल में आई अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सरकार के इस कदम के चलते मेटल सेक्टर में काफी सुस्ती आ गई है। इससे कंपनियों की क्षमता विस्तार योजनाओं पर भी असर पड़ेगा और कंपनियां अपने विस्तार योजनाओं को कुछ समय के लिए ठंडे बस्ते में भी डाल सकती हैं।

सरकार के इस कदम के अलावा ग्लोबल इकोनॉमी के मंदी की आशंका ने भी मेटल शेयरों पर निगेटिव असर डाला है। Bloomberg Commodity Index में मध्य जून से अब तक 14 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है। ग्लोबल बाजार में तमाम बेस मेटल की कीमतें अपने हाई से 15-20 फीसदी नीचे नजर आ रही हैं।

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इन्वेस्टमेंट बैंक Nomura Asia ने हाल ही में जारी अपने एक नोट में कहा है कि ग्लोबल ग्रोथ में मंदी इस समय कमोडिटी स्टॉक के लिए सबसे बड़ा जोखिम है। जो स्टॉक कमोडिटी बूम के समय सबसे ज्यादा भागे थे उनको 2023 में सबसे ज्यादा मार पड़ने की उम्मीद है। बाजार जानकारों का कहना है कि आगे अगर भारत सरकार मई के अपने एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाने के फैसले में कोई बदलाव करती है और ग्लोबल मार्केट में मेटल के भाव में तेजी आती है तभी मेटल स्टॉक के दिन सुधरेंगे।

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First Published: Jul 12, 2022 1:55 PM

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