Balaji Amines के शेयर 4% चढ़े, एक्सपर्ट इस टारगेट के साथ दे रहे हैं निवेश की सलाह, जानिए क्यों आई तेजी

Balaji Amines Share Price: बालाजी एमाइन्स के ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट के पहला चरण पूरा होने पर शेयरों में शानदार खरीदारी का रूझान दिख रहा है। एक्सपर्ट भी निवेश को लेकर उत्साहित हैं

अपडेटेड Sep 15, 2022 पर 1:50 PM
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बालाजी एमाइन्स भारत में डीएमसी और पीसी बनाने वाली यह इकलौती कंपनी है।
     
     
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    Balaji Amines Share Price:  बालाजी एमाइन्स (Balaji Amines) के शेयरों में आज तेज खरीदारी दिख रही है। मजबूत खरीदारी के चलते इसके शेयर आज 4 फीसदी मजबूत हुए हैं और बीएसई पर इंट्रा-डे में 3841.85 रुपये के भाव पर पहुंच गए। बालाजी एमाइन्स ने आज ग्रीनफोल्ड प्रोजेक्ट (यूनिट चार) के पहले चरण के पूरा होने और दूसरे चरण में कैपेसिटी जोड़ने के लिए खर्च कैपेक्स (पूंजीगत खर्च) का ऐलान किया है। इसके चलते निवेशकों का शेयरों में खरीदारी का रूझान बढ़ा और भाव में तेजी आई। कंपनी के एमडी डॉ राम रेड्डी के मुताबिक स्टैंडएलोन बेसिस पर बालाजी एमाइन्स पर कोई कर्ज नहीं है।

    एक्सपर्ट ने दी निवेश की सलाह

    केआर चोकसी इंस्टीट्यूशनल के एनालिस्ट बालाजी एमाइन्स में निवेश का बेहतर मौका देख रहे हैं। मजबूत प्रोडक्ट मिक्स, अधिकतर प्रोडक्ट में हेल्दी प्राइसिंग रीयलाइजेशन और ऑपरेशनल लीवरेज के चलते इसके ऑपरेटिंग मार्जिन में सुधार दिख रहा है। केआर चोकसी के मुताबिक कंपनी की कैपेक्स योजना के चलते आने वाले वर्षों में इसकी ग्रोथ में तेजी आएगी। ऐसे में एनालिस्टों ने 4313 रुपये के टारगेट प्राइस पर इसमें निवेश की सलाह दी है।


    प्रोजेक्ट के पहले चरण की खास बातें

    बालाजी एमाइन्स ने जानकारी दी है कि 90 एकड़ के ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट का पहला चरण पूरा हो चुका है। इस महीने के आखिरी तक डाई-मेथिल कॉर्बोनेट (DMC)/प्रोपिलीन कॉर्बोनेट (PC) और प्रोपिलीन ग्लाईकॉल (PG) प्लांट का कॉमर्शियल प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा। अनुमान है कि इन प्लांटों से सालाना 15 हजार टन डीएमसी और पीसी और 15 हजार टन पीजी का उत्पादन होगा। भारत में डीएमसी और पीसी बनाने वाली यह इकलौती कंपनी है और इसका कंपनी को रणनीतिक फायदा मिलेगा।

    डीएमसी की घरेलू मांग सालाना 8 हजार-9 हजार टन है और इसका फार्मा समेत अन्य इंडस्ट्री में होता है। इसके अलावा पीजी की बात करें तो सालाना 1.70 लाख-1.80 लाख टन की जरूरत है और पीसी की 3 हजार-4 हजार टन जिसके पूरी तरह से आयात करके मंगाया जाता है। डीएसी का इस्तेमाल पॉलीकॉर्बोनेट और लीथियम बैटरी बनाने में भी होता है। कंपनी को उम्मीद है कि पहले साल में डीएमसी/पीसी और पीजी प्लांट का 60-70 फीसदी यूटिलाइज हो जाएगा।

    प्रोजेक्ट का दूसरा चरण शुरू

    अब कंपनी ने प्रोजेक्ट का दूसरा चरण शुरू किया है। इसमें मेथिल एमाइन और डाईमेथिलएमाइन हाइड्रोक्लोराइड के दो प्लांट लगेंगे। पर्यावरण से जुड़ी मंजूरी मिल चुकी है और कंपनी को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष के आखिरी में यहां मैन्यूफैक्चरिंग फैसिलिटीज भी शुरू हो जाएगी। इस चरण में 200-220 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

    डिस्क्लेमर: यहां दिए गए निवेश टिप्स एक्सपर्ट्स के अपने निजी विचार हैं और मनीकंट्रोल की वेबसाइट या मैनेजमेंट इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है। शेयरों में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है, इसलिए निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर संपर्क करें।

    MoneyControl News

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    First Published: Sep 15, 2022 1:50 PM

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