Railway Stocks: एक साल बाद पटरी पर लौटे रेलवे स्टॉक्स, क्या अब सुहाना होगा निवेशकों का सफर?

Railway Stocks: रेलवे स्टॉक्स में एक साल बाद नई तेजी दिखी है। RVNL, Texmaco Rail से लेकर Titagarh Rail तक शेयरों में उछाल आया। लेकिन क्या यह रैली टिकेगी? जानिए एक्सपर्ट्स से।

अपडेटेड Sep 18, 2025 पर 10:37 PM
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Titagarh Rail पर अब 10 'खरीद' की रेटिंग है, जो एक साल पहले 7 थी।

Railway Stocks: करीब एक साल तक गिरावट झेलने के बाद रेलवे स्टॉक्स में अचानक नई जान आ गई है। पिछले हफ्ते RVNL, Titagarh Rail, Jupiter Wagons और अन्य कंपनियों के शेयरों में जोरदार तेजी देखी गई। वजह रही सरकार का कैपेक्स (Capex) पर फोकस और कंपनियों को मिले नए ऑर्डर्स।

लेकिन असली सवाल यह है कि क्या यह तेजी टिकाऊ है, क्योंकि वैल्यूएशन (Valuation) अब भी चुनौती बने हुए हैं। एक्सपर्ट्स (Experts) भी रेलवे स्टॉक्स पर सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं।

किन रेलवे स्टॉक्स में दिखी तेजी?


पिछले हफ्ते Titagarh Rail, Ircon International, Texmaco Rail, RailTel, RVNL, Jupiter Wagons और IRFC के शेयर 4% से 13% तक चढ़े। यह उछाल उस एक साल की बड़ी गिरावट के बाद आया है, जब यही शेयर 16% से 38% तक टूटे थे।

तेजी को आंशिक सहारा वैल्यूएशन रीसेट से भी मिला है। पिछले साल की लगातार गिरावट के बाद अब भाव कुछ ठंडे हुए हैं। आंकड़े बताते हैं कि Texmaco Rail अभी फॉरवर्ड अर्निंग्स (Forward Earnings) के 17 गुना पर ट्रेड कर रहा है। इसका पांच साल का औसत 23x है।

Titagarh Rail 34x पर है, जबकि इसका लंबी अवधि का औसत 42x है। RailTel 33x पर है, जो इसके ऐतिहासिक औसत 23x से ऊपर है। वहीं RVNL 48x पर है, जबकि पांच साल का औसत सिर्फ 18x रहा है।

Railway up

कैसे लौटी रेलवे की रफ्तार?

आखिर रेलवे स्टॉक्स को नई जान किसने दी? मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार का लगातार पूंजीगत खर्च (Capex Spending) और कंपनियों को मिल रहे ऑर्डर्स ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है। अप्रैल से जुलाई 2025 के बीच रेलवे बोर्ड का खर्च 79,152 करोड़ रुपये रहा। यह बड़ी सरकारी कंपनियों (CPSEs) और एजेंसियों में सबसे ज्यादा है।

FY26 के लिए केंद्र सरकार ने रेलवे में 2.6 लाख करोड़ रुपये का कैपेक्स बजट किया है, जो FY25 के स्तर के लगभग बराबर है। यह दिखाता है कि सरकार इस सेक्टर पर लगातार जोर दे रही है।

रेलवे सेक्टर में ऑर्डर्स की भरमार

रेलवे कंपनियों के स्तर पर भी नए ऑर्डर्स आए हैं। Texmaco Rail को RVNL से नागपुर डिवीजन में ट्रैक्शन ओवरहेड इक्विपमेंट (Traction Overhead Equipment) लगाने का 129 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला। इसे ₹86.85 करोड़ का एक अन्य ऑर्डर अल्ट्राटेक सीमेंट से मिला है। यह कॉन्ट्रैक्ट BCFC वैगन्स और एक ब्रेक वैन की सप्लाई के लिए है।

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Jupiter Wagons को LHB Bogies के लिए 9,000 एक्सल सप्लाई करने का 113 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट मिला। वहीं RailTel को बिहार एजुकेशन प्रोजेक्ट (Bihar Education Project) के तहत 210 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला। ये सब दिखाता है कि सरकार का कैपेक्स पुश जमीनी स्तर पर मौकों में बदल रहा है।

क्या यह तेजी बिन दिशा की है?

रेलवे स्टॉक्स में हालिया तेजी के बावजूद कई ब्रोकरेज और एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यह रैली ज्यादा मजबूत आधार पर नहीं खड़ी है।

Fident Asset Management के फाउंडर और CIO ऐश्वर्य दाधीच ने कहा कि हाल की तेजी शॉर्ट टर्म की हो सकती है। उनके मुताबिक, '2021-23 की बड़ी रैली अब खत्म हो चुकी है और रेलवे स्टॉक्स अब भी महंगे दिख रहे हैं। डिफेंस (Defence) सेक्टर रेलवे से बेहतर कहानी पेश कर रहा है। सिर्फ कैपेक्स स्टोरी बढ़िया रिटर्न नहीं दे पाएगी। मैं रेलवे को कैपिटल गुड्स (Capital Goods) थीम में पसंदीदा दांव नहीं मानता।'

इंडिपेंडेंट मार्केट एक्सपर्ट अम्बरीश बालिगा की भी यही राय है। उन्होंने कहा, 'रेलवे सेक्टर में ऑर्डर इनफ्लो (Order Inflow) कभी समस्या नहीं रहा। असली मुद्दा है एग्जीक्यूशन (Execution)। शॉर्ट से मीडियम टर्म में वैल्यूएशन खिंचे हुए (Stretched) हैं। लंबी अवधि में अगर कंपनियां बड़ी ऑर्डर बुक को सही से डिलीवर कर पाती हैं, तो वे फिर आकर्षक हो सकती हैं। फिलहाल ये पूरी तरह प्राइस्ड इन (Priced In) लगती हैं यानी ऑर्डर जैसी पॉजिटिव न्यूज शेयरों की कीमत में शामिल हो चुकी है।'

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एनालिस्ट्स और नतीजे दिखा रहे सावधानी

ब्रोकरेज रिपोर्ट्स भी यही इशारा कर रही हैं। Titagarh Rail पर अब 10 'खरीद' की रेटिंग है, जो एक साल पहले 7 थी। लेकिन ज्यादातर अन्य स्टॉक्स पर कम या कोई 'खरीद' की सिफारिश नहीं है। RailTel, IRFC और RVNL पर तो 'होल्ड' (Hold) या 'सेल' (Sell) की राय ज्यादा है। यह दिखाता है कि बाजार की तेजी और एनालिस्ट्स की सोच में अंतर है।

इसके अलावा जून तिमाही (Q1 FY26) के कमजोर नतीजों ने सेक्टर की चुनौतियां उजागर कर दी हैं। RVNL का मुनाफा सालाना आधार पर 40% गिरा और EBITDA मार्जिन (EBITDA Margin) सिर्फ 1.4% रह गया। Ircon की आय 22% गिरी, जबकि RITES ने सिर्फ फ्लैट ग्रोथ (Flat Growth) दिखाई। RailTel और IRFC ने भले डबल-डिजिट प्रॉफिट (Double-Digit Profit) दिखाया हो, लेकिन कुल मिलाकर तिमाही ने एक्सिक्यूशन चुनौतियां, लागत का दबाव और अर्निंग्स (Earnings) रिकवरी की कमी सामने रखी।

रेलवे स्टॉक्स ने बेशक लंबे समय बाद रफ्तार पकड़ी है, लेकिन यह तेजी स्थायी बदलाव से ज्यादा एक सेंटीमेंट-ड्रिवन (Sentiment-Driven) मोड़ लग रही है। कम से कम एक्सपर्ट का तो यही मानना है।

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Suneel Kumar

Suneel Kumar

First Published: Sep 18, 2025 10:37 PM

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