बाजार की आगे की दशा और दिशा पर बात करते हुए CapGrow Capital Advisors के को-फाउंडर और पोर्टफोलियो मैनेजर अरुण मल्होत्रा का कहना है कि बाजार में वर्तमान में दिखाई देने वाले रिस्क फैक्टर अक्टूबर-नवंबर तक बने रहेंगे। अगले साल से हमें बाजार में कुछ स्थिरता आती दिखाई देगी और 2023 के अंत से इक्विटी मार्केट में हमें कुछ तेजी आती नजर आएगी।
मनीकंट्रोल के साथ हुई अपनी इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि हाल के दिनों में हमें बाजार में भारी बिकवाली देखने को मिली है। इसके चलते भी आगे हमें एक रैली की संभावना नजर आ रही है। उन्होंने आगे कहा कि इस समय हमें इक्विटी बाजार में अपना निवेश बढ़ाना चाहिए। तमाम अच्छे शेयर अच्छे भाव पर मिल रहे हैं। अगर हम इस समय अच्छे शेयर पर निवेश करते हैं तो हमें अगले 12 महीने में काफी अच्छा रिटर्न मिलता नजर आ सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि वौलेटाइल बाजार में हमें सस्ते में अच्छे शेयर खरीदने के मौके मिलते हैं। वर्तमान बाजार हमें ऐसे ही मौके दे रहा है। अरुण मल्होत्रा का कहना है कि अगर बाजार में और गिरावट आती है तो वो इंश्योरेंस, फार्मा और टेक्नोलॉजी स्टॉक में निवेश करना पसंद करेंगे।
इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि महंगाई, मंदी, मौद्रिक नीतियों में कड़ाई, एफआईआई की बिकवाली और जियोपॉलिटिकल तनाव जैसी चुनौतियां इस साल अक्टूबर-नवंबर तक बनी रहेगी। कैलेंडर ईयर 2023 में यह चुनौतियां कमजोर पड़ती दिखेगी और साल 2023 के अंत तक बाजार एक बार फिर से पटरी पर आता नजर आएगा।
अरुण मल्होत्रा के मुताबिक FANG (Facebook या Meta, Amazon, Netflix, Google) जैसे तमाम टेक्नोलॉजी स्टॉक अब तक काफी फिसल चुके हैं। इसी तरह SPACs की भी भारी पिटाई हुई है। उनमें से कुछ तो 80 तक टूट चुके है। ऐसे में यूक्रेन के मामले में जैसे ही कोई अच्छी प्रगति होती है वैसे ही हमें बाजार में जोरदार शॉर्ट कवरिंग रैली आती नजर आएगी।
इस बातचीत में उन्होंने कहा कि दुनिया भर में टेक्नोलॉजी में विकास ग्रोथ का मूलमंत्र है और यह आगे जारी रहेगा। इस दुनिया में बने रहने का नया मंत्र है नए-नए आविष्कार और खोज। ऐसे में हमारा मानना है कि टेक्नोलॉजी कंपनियां आगे लाइम लाइट में बनी रहेंगी। इसके अलावा फार्मा बिजनेस एक ऐसा बिजनेस है जो हर स्थिति में काम करता है। अनिश्चितता भरे माहौल में फार्मा सेक्टर का प्रदर्शन अच्छा रहता है। ऐसे में फार्मा पर हमारी नजर बनी हुई है।
केमिकल सेक्टर पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि स्पेशियलिटी केमिकल सेक्टर में आगे ग्रोथ की अच्छी संभावनाएं हैं। लेकिन ये स्टॉक इस समय काफी महंगे नजर आ रहे हैं। हालांकि भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत और पीएलआई स्कीम से इस सेक्टर को फायदा होने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2027 तक स्पेशियलिटी केमिकल इंडस्ट्रीज में सालाना आधार पर 10-12 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिल सकती है।
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