पहली तिमाही में टाटा स्टील (Tata Steel) के नतीजे अनुमान से कहीं अच्छे रहे हैं। कंपनी के यूरोपीय कारोबार में तेज रिकवरी दिखी है। कंपनी की मार्जिन भी उम्मीद से कहीं बेहतर होकर 23.6% देखने को मिली है। कंपनी के इन नतीजों और आगे के आउटलुक पर टाटा स्टील के एमडी और सीईओ टीवी नरेंद्रन (T V Narendran, CEO & MD, Tata Steel) ने सीएनबीसी-आवाज़ से एक्स्क्लूसिव बातचीत की। पेश हैं उनसे बातचीत के प्रमुख अंशः
इस तिमाही कैसे रहे नतीजे इस पर जवाब देते हुए टीवी नरेंद्रन ने कहा कि हमारी कंपनी के लिए Q1 अच्छा रहा लेकिन Q2 में रूस-यूक्रेन युद्ध का असर देखने को मिल सकता है। इनपुट लागत के बढ़ने के बावजूद टाटा स्टील का भारतीय बाजार में प्रदर्शन बेहतर रहा।
कंपनी के पास इस समय कितने कॉन्ट्रैक्ट हैं और कब तक पूरे होने की संभावना है- इस पर उन्होंने कहा कि छमाही आधार पर हमारे पास कॉन्ट्रैक्ट की कमी नहीं है। यहां तक कि तिमाही आधार पर भी हमारे पास पर्याप्त कॉन्ट्रैक्ट हैं। उन्होंने कॉन्ट्रैक्ट और विस्तार से बताते हुए कहा कि अगले साल जनवरी तक के 30% कॉन्ट्रैक्ट फाइनल हो चुके हैं।
विदेशी कारोबार पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि यूरोप में कंपनी का कारोबार अच्छा रहा जबकि इंग्लैंड में सरकार के बदलने और नई सरकार के आने पर कारोबार पर क्या असर पड़ेगा इस सवाल के उत्तर में नरेंद्रन ने कहा कि हमारे कारोबार पर इससे कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। हालांकि हमें इस समय ब्रिटेन में नई सरकार का बनने का इंतजार है। हमारे कुल कारोबार में UK का बड़ा सपोर्ट है लिहाजा नई सरकार और अन्य घटनाक्रम पर हमारी नजरें लगी हुई हैं।
इनपुट कॉस्ट के बारे में बात करते हुए कंपनी के सीईओ ने कहा कि इनपुट लागत कम होने से मार्जिन में सुधार हो रहा है। इसके साथ ही इनपुट कॉस्ट का कम होना हमारे लिए फायदेमंद साबित होगा। इस तिमाही के बाद अगली तिमाहियों में डिमांड में फिर से इजाफा होने का हमारा अनुमान है।
जब उनसे पूछा गया कि इनपुट लागत बढ़ने और डिमांड की स्थिति बदलने के बाद क्या कंपनी अपने कैपेक्स प्लान में बदलाव करने की योजना बना रही है, तब उन्होंने कहा कि हमने जो कैपेक्स बनाया है हम उस पर काम करना जारी रखेंगे। हम क्षमता विस्तार पर 12 हजार करोड़ खर्च करेंगे। इस तरह कंपनी अपने कैपेक्स में कोई बदलाव नहीं करने जा रही है।
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