01 जुलाई को खत्म हुए हफ्ते में भारी उतार-चढ़ाव के बीच इंडियन बेंचमार्क इंडेक्स हल्की बढ़त के साथ बंद हुए। रुपये की ऐतिहासिक गिरावट , विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली, पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाने और मिलेजुले ग्लोबल संकेतों के बीच निवेशक परेशान नजर आए। हालांकि बेहतर जीएसटी वसूली और जून के मजबूत ऑटो बिक्री से बाजार को सपोर्ट मिला।
हफ्ते के अंत में Sensex 179.95 अंक यानी 0.34 फीसदी की बढ़त के साथ 52907.93 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, Nifty 52.75 अंक यानी 0.33 फीसदी की बढ़त के साथ 15752 के स्तर पर बंद हुआ है। हालांकि जून महीने में सेंसेक्स 4.5 फीसदी की गिरावट के साथ और निफ्टी 4.8 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ है।
पिछले हफ्ते विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय बाजार में 6836.71 करोड़ रुपये की बिकवाली की जबकि इसी अवधि में घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 5926.47 करोड़ रुपये की खरीदारी की। वहीं जून महीने में एफआईआई की तरफ से 58112.37 बिकवाली देखने को मिली है जबकि DIIs की तरफ से 46599.23 करोड़ रुपये की खरीदारी की है।
इस हफ्ते भी डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट जारी रही। पहली बार डॉलर के मुकाबले रुपये ने 79 का स्तर पार कर लिया और इसने 79.11 का नया रिकॉर्ड लो छुआ। हफ्ते के अंत में डॉलर के मुकाबले रुपया साप्ताहिक आधार पर 70 पैसे की गिरावट के साथ 79.04 के स्तर पर बंद हुआ है। बता दें कि 24 जून को डॉलर के मुकाबले रुपया 78.34 के स्तर पर बंद हुआ था।
आगे कैसी रहेगी बाजार की चाल
Sharekhan के गौरव रत्नपारखी का कहना है कि पिछले हफ्ते बाजार की शुरुआत मजबूती के साथ हुई थी लेकिन यह अपनी बढ़त कायम नहीं रख सका। इस पूरे हफ्ते बाजार में कंसोलिडेशन देखने को मिला और कारोबार हफ्ते के आखिरी दिन दोनों साइड में भारी स्विंग देखने को मिला।
निफ्टी के लिए नियर शॉर्ट टर्म सपोर्ट 15700-15660 के करीब स्थित था। हालांकि 1 जुलाई को निफ्टी ने अपना यह सपोर्ट तोड़ दिया। अब इसके लिए 15500 के करीब सपोर्ट नजर आ रहा है। बाजार के ओवर ऑल ढ़ांचे से संकेत मिलता है कि आने वाले कारोबारी सत्रों में निफ्टी में 15500-15900 की रेंज में कंसोलिडेशन देखने को मिल सकता है। 15900-16000 के जोन में पहुंचने पर निफ्टी में बिकवाली का दबाव आता नजर आ सकता है । वहीं अगर निफ्टी 15600-15500 की तरफ फिसलता है तो यह खरीदारी का मौका होगा।
Samco Securities के येशा शाह का कहना है कि अगले हफ्ते बाजार में उतार-चढ़ाव कायम रहने की संभावना है। निवेशकों की नजर FOMC के मिनट पर रहेगी। इसके अलावा अगले हफ्ते आने वाले चाइना के महंगाई आंकड़ों पर भी दुनिया भर के बाजारों की नजर रहेगी। घरेलू बाजार पर नजर डालें तो अब वित्त वर्ष 2023 के पहले तिमाही के नतीजे मार्केट का सेंटिमेंट तय करेंगे।
बाजार का शॉर्ट टर्म बियरिश बना हुआ है। हालांकि निफ्टी ने अपने ग्लोबल पीयर्स की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। अब निफ्टी के लिए ऊपर की तरफ 15930 पर बड़ी बाधा नजर आ रही है। इसके शॉर्ट टर्म ट्रेड के निर्धारण के लिए निफ्टी को यह बाधा तोड़नी होगी। जब तक निफ्टी इस लेवल को तोड़कर ऊपर नहीं जाता है तब तक निगेटिव आउटलुक के साथ निफ्टी पर हमारा नजरिया न्यूट्रल है। जब तक ग्लोबल सेंटिमेंट निगेटिव बने रहेंगे तब तक भारतीय बाजार भी निगेटिव बने रहेंगे।
स्वतंत्र टेक्निकल एनालिस्ट मनीष शाह का कहना है कि किसी बड़ी रैली के लिए निफ्टी को अब 15950-16000 का स्तर तोड़कर ऊपर टिकना होगा। ऐसा लग रहा है कि निफ्टी इस ब्रेकआउट के पहले अपने लिए बेस बना रहा है। अगले हफ्ते निफ्टी हमें 15950-15650 के बीच घूमता नजर आ सकता है। निफ्टी के एक बार 16000 के ऊपर जाने के बाद ही हमारी एग्रेसिव बाईंग करने की सलाह होगी।
वीकली चार्ट पर निफ्टी ने एक लॉन्ग लोअर शैडो के साथ रेड कैंडल बनाया है। वर्तमान में निफ्टी के लिए 15700 पर सपोर्ट नजर आ रहा है। वहीं नीचे की तरफ इसके लिए 15300-15250 पर दूसरे बड़े सपोर्ट हैं।
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