भारत का सबसे बड़ा फाइनेशियल टेक्नोलॉजी स्टार्टअप और पेटीएम ब्रैंड नेम से कारोबार करने वाला One 97 Communications पटरी पर आता नजर आ रहा है। 5 अगस्त को आए कंपनी के नतीजे कुछ ऐसे ही संकेत दे रहे हैं। 2022 में ग्लोबल टेक्नोलॉजी स्टॉक्स में आई गिरावट के चलते तमाम स्टार्टअप आलोचकों के रडार पर आ गए और लोगों का ध्यान इस बात की तरफ चला गया कि टेक्नोलॉजी आधारित नए जमाने की कंपनियां मुनाफे में आने के लिए क्या कर रही हैं। ऐसा लगता है कि पेटीएम बाजार के इस नजरिए को समझ गया है।
05 अगस्त को आए कंपनी के पहले तिमाही के नतीजे लगभग सभी मोर्चों पर उम्मीद से बेहतर रहे हैं। इस अवधि में कंपनी के पूरे कारोबार में फाइनेंशियल सर्विसेज कारोबार का हिस्सा बढ़ता नजर आया है। ये तिमाही आधार पर 12 फीसदी से बढ़कर 16 फीसदी पर पहुंच गया है।
इसी तरह कंपनी का घाटा जनवरी-मार्च 2022 तिमाही की तुलना में अप्रैल-जून 2022 तिमाही में 762.5 करोड़ रुपये से घटकर 644 करोड़ रुपये पर आ गया है। इस अवधि में कंपनी का ऑपरेटिंग घाटा 270 करोड़ रुपये पर रहा हैजो कि ब्रोकरेज फर्म जेएम फाइनेंशियल के 370 करोड़ रुपये के अनुमान की तुलना में काफी बेहतर रहा है।
पेटीएम के मैनेजमेंट में अपने गाइडेंस से एनालिस्टों को प्रभावित किया है। कंपनी के मैनेजमेंट का कहना है कि उसका फोकस लागत घटाने और कार्यक्षमता बढ़ाने पर रहा है। जिसके चलते पेमेंट प्रोसेसिंग लागत में गिरावट आई है और मुनाफे में बढ़ोतरी हुई है। कंपनी आगे भी इस पर अपना फोकस बनाए रखेगी।
मैनेजमेंट ने कहा है कि कंपनी अपनी योजना के अनुसार आगे बढ़ रही है और अगले वित्त वर्ष के सितंबर तिमाही तक इसके ब्रेक-इवेन प्वाइंट (ना घाटा, ना मुनाफा) पर आने की पूरी संभावना है। निवेशकों को भी कंपनी के प्रबंधन की बात पसंद आ रही है। आज के कारोबार में एनएसई पर यह शेयर 1.21 बजे के आसपास 44.25 रुपये यानी 5.72 फीसद की बढ़त के साथ828.50 रुपये के आसपास दिख रहा था।
पेटीएम के शेयर 12 मई को अपना रिकॉर्ड लो छूने के बाद अब तक 62 फीसदी की तेजी दिखा चुके हैं। ये स्टॉक अपने 6 महीनें के हाई पर दिख रहा है। लेकिन एनालिस्ट अभी भी इस तेजी से बहुत प्रभावित नहीं दिख रहे हैं। बाजार जानकारों का कहना है कि पेटीएम मुनाफे की तुलना में ग्रोथ पर ज्यादा फोकस करेगी। जानकार कंपनी के जल्द मुनाफे में आने को लेकर आशंकित हैं।
जेएम फाइनेंशियल ने अपने एक नोट में कहा है कि कंपनी में काफी धीमी दर से ग्रोथ की संभावना नजर आ रही है। इस स्टॉक में वर्तमान दरों से गिरावट की संभावना भी बनी हुई है। ब्रोकरेज हाउस का मानना है कि पेटीएम का मुनाफे में आना इस बात पर बहुत ज्यादा निर्भर करेगा कि वह अपने डायरेक्ट और इनडायरेक्ट खर्चों और लागत को कैसे घटाता है। इसमें ESOPs पर आने वाला भारी खर्चा भी शामिल है।
गौरतलब है कि मनीकंट्रोल ने इसके पहले बताया था कि कंपनी के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर विजयशेखर शर्मा और सीएफओ मधुर देवड़ा जैसे प्रबंधकीय पदों पर बैठे लोगों को दिए जाने वाले ESOPs का खर्चा पिछले वित्त वर्ष के 11.02 करोड़ रुपये से 50 गुने से ज्यादा का उछाल भरते हुए वित्त वर्ष 2022 में 567 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।
बता दें कि कंपनी के इनडायरेक्ट खर्च और लागत में ESOP की बड़ी हिस्सेदारी है। कंपनी का इनडायरेक्ट खर्च अभी भी बिक्री के 59 फीसदी के हाई के लेवल पर है।
जेएम फाइनेंशियल का कहना है कि कंपनी के पेमेंट प्रोसेसिंग चार्ज में कमी आना मुश्किल है। कंपनी के ग्रोथ में फाइनेंशियल सर्विसेस के ग्रोथ की अहम भूमिका होगी। जब तक कंपनी के फाइनेंशियल सर्विसेज में मजबूत ग्रोथ नहीं देखने को मिलेगी। तब तक कंपनी के मुनाफे में आने की संभावना को लेकर आशंका बनी रहेगी।
Macquarie Capital जैसे ब्रोकरेज हाउस भी कंपनी की आगे की संभावना को लेकर आश्वस्त नजर नहीं आ रहे हैं। इसी तरह घरेलू ब्रोकरेज फर्म आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज को भी कंपनी के अगले 5 तिमाहियों में मुनाफे में आने के ऐलान पर भरोसा नहीं है। हालांकि आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने इस स्टॉक को Buy रेटिंग दिया है।
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