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राकेश झुनझुनवाला के रिटेल निवेशकों को दिए गए गुरुमंत्र, रखें याद नहीं पड़ेगा पछताना

राकेश झुनझुनवाला ने निवेश के लिए कई गुरु मंत्र दिए हैं। उनमें उनका पहला मंत्र है कि इक्विटी मार्केट में विश्वास बनाए रखना चाहिए

अपडेटेड Aug 15, 2022 पर 3:19 PM
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राकेश झुनझुनवाला ने एक बार कहा था ट्रेडिंग का मतलब होता है 'ले फटाफट, दे फटाफटा'। ट्रेडिंग बहुत शॉर्ट टर्म बेसिस पर करनी चाहिए। ट्रेडिंग में आपको इससे जुड़े सारे जोखिम की जानकारी होनी चाहिए

दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला को उनके निवेश के तरीके के आधार पर भारत का वॉरेन बफे कहा जाता था। 14 अगस्त को सुबह किडनी और दिल की बीमारी के चलते उनका निधन हो गया। ट्रेडर से इनवेस्टर बने राकेश झुनझुनवाला ने अपने पीछे 32000 करोड़ रुपये की बड़ी विरासत छोड़ी है। उन्होंने समय-समय पर रिटेल निवेशकों को तमाम निवेश मंत्र दिए हैं। आइए इन पर डालते हैं इन पर एक नजर।

इक्विटी में बनाए रखें विश्वास

राकेश झुनझुनवाला का पहला मंत्र है इक्विटी मार्केट में विश्वास बनाए रखें। उन्होंने कहा था कि अगर बाजार ने मुझे रिटर्न नहीं दिया होता तो मैनें इतनी संपत्ति नहीं कमाई होती और फाइनेंशियल एडवाइजर इस तरह फल-फूल नहीं रहे होते। इक्विटी मार्केट ने गोल्ड, ज्वेलरी, रियल एस्टेट, बैंक अकाउंट सेविंग इंटरेस्ट जैसे सभी दूसरे एसेट क्लास की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है।


धैर्य बनाए रखें

राकेश झुनझुनवाला के मुताबिक धैर्य बनाए रखना बाजार में निवेश का बहुत बड़ा मूलमंत्र है। मार्केट को सिखाया नहीं जा सकता बल्कि हमें मार्केट से सीखने की जरूरत होती है। सीखने की इच्छा जिज्ञासा से पूरी होती है। बाजार में उतरे, सीखें और रिसर्च करें। टाइटन ने मुझे कभी 3 साल में करीब 100 फीसदी रिटर्न दिया था। अब अगर अगले 3 साल में वही स्टॉक मुझे 15-18 फीसदी का रिटर्न देता है तो हमें इसकी बिकवाली क्यों करनी चाहिए? 100 फीसदी रिटर्न देने के बाद टाइटन या इसी तरह के दूसरे स्टॉक को मैं बेच नहीं सकता। किसी स्टॉक से 100 फीसदी रिटर्न मिलने के बाद उसको बेचकर फिर उसी तरह का स्टॉक खोजना आसना नहीं है।

म्यूचुअल फंड में एसआईपी के जरिए करें निवेश

म्यूचुअल फंड एक तरह का स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट व्हीकल है। बाजार में निवेश करने के लिए मेहनत और सर्तकता की जरूरत होती है। जब तक आप फुल टाइम इन्वेस्टर ना हो तब तक आपको अपने निवेश के लिए एक प्रोफेशनल की सहायता की जरूरत होती है। म्यूचुअल फंड बहुत कम कीमत पर इस तरह की प्रोफेशनल हेल्प देते हैं।

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एसआईपी क्यों है बेहतर

राकेश झुनझुनवाला ने एक बार कहा था कि इक्विटी मार्केट से 12-18 फीसदी से ज्यादा को रिटर्न की उम्मीद न करें। इक्विटी मार्केट महालक्ष्मी रेस कोर्स नहीं है। अगर आप एसआईपी के जरिए निवेश करते हैं तो मुझे इस बात का पूरा विश्वास है कि आपको 8, 10 या 15 साल में बहुत अच्छा रिटर्न मिलेगा। ओवर स्मार्ट बनने की कोशिश ना करें। एसआईपी को हर किसी के बचत का हिस्सा होना चाहिए।

गलतियों से ना डरें

बाजार में गलतियां होने से डरे नहीं। लेकिन वही गलतियां करें जिनको आप बर्दाश्त कर सकें। जिससे की आप अगली गलती करने के लिए बचे रहें। अगर आप गलतियों से डरते हैं तो आप अपनी जिंदगी में कोई भी निर्णय नहीं ले पाएंगे। इसके साथ ही अगर आपसे कोई गलती होती है तो अपनी गलती की जिम्मेदारी लेने से ना बचें और उससे सीखते हुए आगे बढ़ें।

स्टॉक टिप्स पर ना करें विश्वास

शेयर बाजार में मिलने वाली स्टॉक टिप्स स्वास्थ्य के लिए बड़ी हानिकारक होती है। शेयर बाजार तेजी से बदलने वाला बाजार है जिसमें आपको लगातार अपने इन्वेस्टमेंट की समीक्षा करने की जरूरत होती है।

लिवरेज्ड पोजिशन लेना तब तक गलत नहीं है जब तक की यह नपातुला हो

बिगबुल ने एकबार कहा था "शुरुआत में मेरे पास पूंजी नहीं थी। ऐसे में मैने अपना वेल्थ क्रिएट करने के लिए लिवरेज (बाहर से पैसे जुटाने) का सहारा लिय। ऐसे में लिवरेज बहुत नपा तुला होना चाहिए और इसके साथा बहुत भावना नहीं जुड़ी होनी चाहिए। इस मामले में जब कभी भी आपका निर्णय गलत होता है तो आपको बचाने कोई नहीं आता। ऐसा होने पर किसी से उम्मीद ना करें। उसकी जगह पर अपनी लिवरेज्ड पोजीशन घटाने की कोशिश करें। जब भी स्थितियां आपके खिलाफ जाती नजर आएं तो आपको बिना भावुक हुए अपना सौदा कॉट लेना चाहिए।

ट्रेडिंग और निवेश के अंतर को समझें

राकेश झुनझुनवाला ने एक बार कहा था ट्रेडिंग का मतलब होता है 'ले फटाफट, दे फटाफटा'। ट्रेडिंग बहुत शॉर्ट टर्म बेसिस पर करनी चाहिए। ट्रेडिंग में आपको इससे जुड़े सारे जोखिम की जानकारी होनी चाहिए। घाटा होने पर उसको बर्दाश्त करने की क्षमता भी होनी चाहिए। वहीं निवेश में आपको कन्विक्शन (विश्वास) की जरूरत होती है । निवेश में आपके धैर्य की परीक्षा होती है लेकिन आपके विश्वास का फल आपको मिलता है।

मिडकैप कंपनियों में निवेश के समय उनके बिजनेस मॉडल का रखें ध्यान

हम कई बार मिडकैप कंपनियों में बगैर उनके बिजनेस मॉडल को जाने निवेश करते हैं। हमें मिडकैप कंपनियों में निवेश करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि क्या उनका बिजनेस मॉडल टिकाऊ है, या उनके प्रोडक्ट की डिमांड है औऱ क्या उनके प्रॉफिट मार्जिन में टिकने की क्षमता है।

मार्केट हरदम सही होता है

मार्केट हरदम सही होता है, उसको सही करने की कोशिश न करें। अगर आपको लगता है कि आप बॉस है और आप ही हरदम सही रहते हैं तो निश्चित जान लें कि आप ऐसी जगह पटके जाएंगे जहां आपको कोई पूंछने वाला नहीं होगा।

स्टॉक मार्केट love market है

एक बार राकेश झुनझुनवाला ने कहा था कि स्टॉक मार्केट एक "love market" है । यहां आपको संवेदनशील होना चाहिए। मार्केट में आपके पास फाइनेंशियल स्टेटमेंट को लेकर आइडियाज होने चाहिए। यहां टिकने के लिए आपके पास बुद्धि की तुलना में विवेक ज्यादा होना चाहिए। भविष्य अनिश्चित है। आपके हिसाब से भविष्य कैसा होगा यह इस पर निर्भर करता है कि आज आप कहां और कैसे निवेश करते हैं।

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