भारतीय इक्विटी बाजार पिछले हफ्ते में मामूली बढ़त के साथ बंद हुए। एफआईआई द्वारा की गई निरंतर खरीदारी से बाजार को सहारा मिला। छुट्टियों की वजह से अबकी बार छोटे कारोबारी हफ्ते में बाजार ने मजबूत नोट पर शुरुआत की। इसके बाद अगले दो सत्रों में ये पॉजिटिव रहा। हालांकि ग्लोबल सेंट्रल बैंकों द्वारा दरों में संभावित बढ़ोतरी की चिंता के बीच अंतिम कारोबारी दिन में बाजार में मुनाफावसूली देखी गई।
पिछले हफ्ते बीएसई सेंसेक्स 183.37 अंक (0.30 प्रतिशत) की बढ़त के साथ 59,646.15 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 60.50 अंक (0.34 प्रतिशत) की बढ़त के साथ 17,758.5 के स्तर पर बंद हुआ। हफ्ते के दौरान सेंसेक्स ने 60,000 का आंकड़ा पार किया और निफ्टी भी 18,000 के करीब पहुंच गया।
बीएसई स्मॉल-कैप इंडेक्स 1 प्रतिशत बढ़ा। इसमें शामिल फोर्ब्स गोकक, रेप्को होम फाइनेंस, डीएफएम फूड्स, सांघी इंडस्ट्रीज, राणे होल्डिंग्स, नावा बिड़ला टायर्स, यारी डिजिटल इंटीग्रेटेड सर्विसेज, ब्राइटकॉम ग्रुप, जुबिलंट इंडस्ट्रीज और बैंको प्रोडक्ट्स (इंडिया) के शेयरों में 20 से 61 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली। वहीं नवकार कॉर्पोरेशन, वोल्टैम्प ट्रांसफॉर्मर्स, हिम्मतसिंगका सीड, गायत्री प्रोजेक्ट्स, जागरण प्रकाशन, टीसीएनएस क्लोदिंग कंपनी, डीबी रियल्टी, आईनॉक्स लीजर और पीवीआर में 10-20 प्रतिशत की गिरावट नजर आई।
बीएसई मिड-कैप की बात करें तो इसमें पिछले हफ्ते 1 प्रतिशत की तेजी आई। इसे अडानी पावर, आईआरसीटीसी, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज और क्लीन साइंस एंड टेक्नोलॉजी में आई तेजी का सहारा मिला। जबकि मुथूट फाइनेंस, भारत फोर्ज, अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइजेज और बेयर क्रॉप साइंस के शेयरों में गिरावट देखने को मिली।
पिछले हफ्ते बीएसई लार्ज-कैप इंडेक्स में 0.65 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला। इसमें अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन, एचडीएफसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी, अंबुजा सीमेंट्स, अडानी एंटरप्राइजेज, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन और आयशर मोटर्स के शेयरों में मजबूती देखने को मिली।
बीएसई सेंसेक्स में, लार्सन एंड टुब्रो ने मार्केट कैप के मामले में सबसे अधिक बढ़त दर्ज की। उसके बाद भारती एयरटेल, हिंदुस्तान यूनिलीवर और बजाज फिनसर्व के मार्केट कैप में सबसे ज्यादा बढ़त देखने को मिली। जबकि दूसरी ओर रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारतीय स्टेट बैंक और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज का मार्केट कैप सबसे ज्यादा गिरा।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने पिछले हफ्ते भी अपनी खरीदारी जारी रखी। उन्होंने 3,128.96 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदी। जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 1,808.89 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची। हालांकि इस महीने में अब तक FIIs ने 17,970.62 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदी और DIIs ने 6,052.67 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची है।
सेक्टोरल इंडेक्स पर नजर डालें तो बीएसई पावर में 3 प्रतिशत, बीएसई टेलीकॉम ने 2 प्रतिशत और बीएसई कैपिटल गुड्स इंडेक्स में 1.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई। हालांकि, बीएसई मेटल इंडेक्स करीब 2 प्रतिशत टूटा।
पिछले हफ्ते में भारतीय रुपया 13 पैसे की गिरावट के साथ 19 अगस्त को 79.78 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। जबकि 12 अगस्त को यह 79.65 पर बंद हुआ था।
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