भारतीय बाजार हाल के दिनों में ग्लोबल बाजारों में आई कमजोरी के बावजूद मजबूती दिखा रहे हैं। हालांकि कुछ मार्केट एनालिस्ट ऐसे हैं जिनका मानना है कि पश्चिम देशों की मंदी के चलते आगे भारतीय बाजारों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। Max Life Insurance के सीईओ मिहिर वोरा ने CNBC TV-18 को दिए गए इंटरव्यू में कहा है कि यूरोप और चीन ग्लोबल इकोनॉमी का एक बड़ा हिस्सा हैं। अगले कुछ महीनों तक इनकी तरफ से कोई अच्छी खबर आने की संभावना नहीं है। मौद्रिक नीतियों को लेकर यूएस फेड और ECB का नजरिया काफी कठोर हो गया है। ऐसे में ग्लोबल मार्केट के लिए काफी बड़ी चुनौतियां नजर आ रही हैं। भारतीय बाजार के लिए ये किसी खतरे की घंटी की तरह ही है।
इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि भारतीय इकोनॉमी काफी मजबूत है। घरेलू इकोनॉमी की शॉर्ट और लॉन्ग टर्म संभावना काफी मजबूत है। उन्होंने यहां तक कहा कि भारत का ग्रोथ आउटलुक कोरोना महामारी की पहले की स्थिति से भी बेहतर नजर आ रहा है। ऐसे में हमें निवेश के नजरिए से उन सेक्टरों पर फोकस करना चाहिए जो लोकल मार्केट और इकोनॉमी पर आधारित हैं। अपने इस मानक के आधार पर मिहिर वोरा ने 4 ऐसे सेक्टर सुझाए हैं जिन पर नजर बनाए रखनी चाहिए। ये हैं सीमेंट, बैंक, आईटी और ऑटो।
सीमेंट सेक्टर पर मिहिर वोरा का कहना है कि अंतराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमतों में काफी नरमी आई है। जिसके चलते सीमेंट सेक्टर एक बार फिर जोश में दिख रही है। बीते हफ्ते के दौरान सीमेंट सेक्टर में करीब 15 फीसदी की तेजी आई है। उन्होंने कहा कि यह ऐसा सेक्टर है जो पूरी तरह से लोकल इकोनॉमी और बाजार पर डिपेंड है। इसके अलावा इस सेक्टर को रियल एस्टेट में आ रही तेजी और इंफ्रा पर सरकार के फोकस से भी फायदा होगा।
बैंकिंग सेक्टर पर बात करते हुए मिहिर वोरा का कहना है कि इस सेक्टर के तमाम स्टॉक अपने नए हाई पर नजर आ रहे हैं। जिसमें SBI और ICICI Bank जैसे नाम शामिल हैं। हाल में आई तेजी के बाद भी इस सेक्टर में अभी काफी संभावनाएं हैं। मिहिर वोरा पीएसयू बैंकों की तुलना में प्राइवेट बैंकों को ज्यादा वरीयता दे रहे हैं। हालांकि पीएसयू के SBI जैसे बड़े नामों पर भी वे बुलिश हैं।
आईटी सेक्टर पर बात करते हुए मिहिर वोरा ने कहा कि यह ऐसे सेक्टरों में रहा है जहां डिमांड की तुलना में सप्लाई ज्यादा हो गई है। शायद इसकी वजह आईटी कारोबार का ग्लोबल ढ़ाचा है। ऐसे में जब यूएस और यूरोप में कमजोरी रहती है तो इसकी सबसे ज्यादा मार आईटी सेक्टर पर पड़ती है। मिहिर वोरा ने आगे कहा कि अब तक आईटी पर पश्चिमी देशों की सरकारों की तरफ से सबसे ज्यादा खर्च होता नजर आया है। अब इस बात की काफी संभावना है कि यूरोप और अमेरिका में आईटी सर्विसेस के लिए उतनी बेहतर कॉर्पोरेट डिमांड ना देखने को मिले जितना कोरोना महामारी काल में देखने को मिली थी । ऐसे में हमें इस सेक्टर को लेकर सर्तक रहना चाहिए।
पिछले कुछ महीनों से ऑटो सेक्टर में जोरदार तेजी देखने को मिली है। डिमांड में बढ़त और कच्चे माल की कीमतों में गिरावट का फायदा भी इस सेक्टर को मिला है । मिहिर वोरा का मानना है कि अभी इस सेक्टर में हमें और तेजी देखने को मिलेगी । ऐसे में अगले कुछ तिमाहियों को ध्यान में रखकर इस सेक्टर के स्टॉक में निवेश करना चाहिए।
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