रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच बढ़ती महंगाई के इस दौर में बाजार मे भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। लेकिन इस दौरान कमोडिटी की कीमतों में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली । ऐसे में कई कमोडिटी उत्पादक कंपनियों के शेयरों में भारी बढ़ोतरी हुई है। जिसमें तमाम स्टील कंपनियों के शेयर भी शामिल हैं। स्टॉक मार्केट के जानकारों के मुताबिक कोरोना बाद की स्थितियों में स्टील की मांग में जोरदार बढ़ोतरी देखने को मिली है। इस बीच रूस-यूक्रेन के युद्ध जैसे घटानाओं के कारण स्टील और मेटल के सप्लाई में बाधा आई है जिससे आपूर्ति की तुलना में मांग काफी बढ़ गई है और मांग आपूर्ति के इस अंतर की वजह से मेटल शेयरों में आग लग गई है। स्टील शेयरों को इस स्थिति का जबरदस्त फायदा मिल रहा है।
पिछले 1 महीने में Steel Authority of India Limited (SAIL) के शेयरों में 11.5 फीसदी , Shyam Metalics के शेयरों में 18 फीसदी और Tata Steel के शेयरों में 5 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिली है। इसी तरह JSW Steel के शेयर में 1 महीने में करीब 14 फीसदी की तेजी आई है।
बाजार जानकारों का कहना है कि चूंकि भारतीय कंपनियों के पास मेटल का मजबूत बफर स्टॉक है। ऐसे में बाजार को उम्मीद है कि चौथी तिमाही स्टील कंपनियों के लिए जोरदार रहेगी। जानकारों का यह भी कहना है कि भारत की एक्सपोर्ट आधारित स्टील मेकर कंपनियों के लिए चौतरफा हरियाली की स्थिति नजर आ रही है क्योंकि भारतीय कंपनियां की उत्पादन लागत सस्ते श्रमिकों की उपलब्धता और कम भाव में आयरन ओर मिलने के कारण दुनिया के दूसरे देशों में काफी कम है।
Swastika Investmart के संतोष मीणा का कहना है कि चीन कार्बन फुटप्रिंट घटाने पर फोकस कर रहा है। इसके लिए वह स्टील का प्रोडक्शन कम कर रहा है। ऐसे में एक्सपोर्ट आधारित भारतीय स्टील कंपनियों के लिए अच्छे मौके नजर आ रहे हैं। इसके अलावा इंफ्रास्ट्रक्चर , कंस्ट्रक्शन और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में एक बार फिर तेजी लौटने के चलते आगे स्टील की मांग में बढ़त की उम्मीद है जो स्टील स्टॉक के लिए फायदेमंद साबित होगा।
संतोष मीणा का कहना है कि ऐसे स्थिति में Jindal Steel & Power का स्टॉक निवेश के लिहाज से काफी अच्छा नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि Jindal Steel & Power को आगे स्टील कमोडिटी के बुल रन का अच्छा फायदा मिलेगा। कंपनी का डेट-इक्विटी रेशियो काफी निचले स्तर पर है। इसके अलावा कंपनी के बैकवर्ड इंटिग्रेशन और क्षमता विस्तार योजना को देखते हुए यह स्टॉक वर्तमान भाव पर बहुत ही अच्छा नजर आ रहा है।
इसी तरह GCL Securities के रवि सिंघल का कहना है कि आगे भारत की एक्सपोर्ट आधारित स्टील कंपनियों के लिए बेहतर मौके नजर आ रहे हैं। सस्ते श्रम और कच्चे माल की कम कीमतों के कारण भारतीय कंपनियां दूसरे देशों की कंपनियों की तुलना में बेहतर स्थिति में नजर आ रही हैं। आगामी नतीजों के मौसम में एक्सपोर्ट आधारित स्टील कंपनियों की स्थित काफी मजबूत रहने की संभावनाएं हैं। ऐसे में इस तरह के शेयरों पर दांव लगाने की सलाह होगी।
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