टाटा ग्रुप की स्टील कंपनी Tata Steel में निचले स्तर से रिकवरी देखने को मिल रही है। इस स्टॉक में 23 जून 2022 के रिकॉर्ड लो से करीब 7 फीसदी की तेजी देखने को मिली है। हालांकि इस समय यह स्टॉक अपने रिकॉर्ड हाई से 43 फीसदी नीचे नजर आ रहा है। पूर्वी यूरोप के तनाव के चलते कमोडिटी की कीमतों में उतार-चढ़ाव से टाटा स्टील पर भारी दबाव बना हुआ है।
भारत के घरेलू बाजार में स्टील की कीमतों में 60 -61 रुपये प्रति किलो टन की गिरावट देखने को मिली है। हालांकि इस बीच घरेलू मांग में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिली है।
जेपी मॉर्गन का मानना है कि अब घरेलू स्टील मार्केट में और गिरावट की संभावना नहीं है। जेपी मॉर्गन ने टाटा स्टील को ‘overweight’ रेटिंग देते हुए इसके लिए 1400 रुपये का टारगेट दिया है जो कि वर्तमान लेवल से 58 फीसदी की तेजी दिखाता है।
जेपी मॉर्गन का कहना है कि आगे टाटा स्टील के कर्ज स्तर में गिरावट देखने को मिल सकती है। जेपी मॉर्गन ने यह भी कहा है कि चीन में कोविड -19 के कारण स्टील की डिमांड में आई गिरावट आगे जाकर कम होती नजर आ सकती है। कंपनी अपने उत्पादन क्षमता के विस्तार पर फोकस कर रही है। जिससे आगे इसके बैलेसशीट में मजबूती आएगी।
इसी तरह एक दूसरे रिसर्च हाउस मूडीज ने Tata Steel पर अपने आउटलुक को स्टेबल से बढ़ाकर पॉजिटिव कर दिया है। जिसका मतलब यह है कि आगे टाटा स्टील का प्रदर्शन बेहतर रहेगा और अगले 12 महीनों में कंपनी के कारोबार में और मजबूती आती नजर आएगी।
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