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Zomato के शेयरों में 20% गिरावट के बाद CEO दीपिंदर गोयल ने क्यों कहा, 'मुझे गिरावट का इंतजार था'

Deepinder Goyal ने कहा, कंपनी की वैल्युएशन आईपीओ की 8 अरब डॉलर से 17 अरब डॉलर के पीक पर जाने और बाद में नीचे आने पर उनका कोई कंट्रोल नहीं था

अपडेटेड Jan 24, 2022 पर 8:28 PM
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दीपिंदर गोयल, फाउंडर और चीफ एग्जीक्यूटिव, जोमैटो

Zomato CEO : ऑनलाइन डिलिवरी फर्म जोमैटो के फाउंडर और चीफ एग्जीक्यूटिव दीपिंदर गोयल (Deepinder Goyal) ने कहा कि सिर्फ एग्जीक्यूशन ही ऐसी चीज है जो हमारे कंट्रोल में है। कंपनी की वैल्युएशन ऊपर या नीचे जाने पर उनका कोई कंट्रोल नहीं है। उन्होंने यह बात सोमवार को कही, जब राइवल कंपनी स्विगी के अच्छी फंडिंग जुटाने की खबर के साथ कंपनी के शेयर में भारी गिरावट दर्ज की गई।

मार्केट कैप में भारी गिरावट

जोमैटो के स्टॉक में भारी बिकवाली के साथ कंपनी की मार्केट कैप घटकर 9.78 अरब डॉलर पर आने के बाद कर्मचारियों को भरोसा दिलाते हुए गोयल ने कहा, “मैं लंबे समय से कमजोर मार्केट का इंतजार कर रहा हूं। ऐसा तब होता है जब सभी के लिए फंडिंग खत्म हो जाती है और सबसे सॉलिड टीम और एग्जीक्यूशन वाली कंपनियां टॉप पर पहुंचती हैं।” उन्होंने कहा, “चलिए काम करते हैं, वैल्यू क्रिएट करते हैं, कॉस्ट घटाते हैं और हमेशा की तरह स्टॉक की कीमत की तरफ नहीं देखते हैं।”


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स्विगी ने जिटाए 70 करोड़ डॉलर

दिलचस्प बात यह रही कि ऐसा तब हुआ, जिस दिन फूड और ग्रॉसरी डिलिवरी प्लेटफॉर्म स्विगी ने 10.7 अरब डॉलर की वैल्युएशन के साथ 70 करोड़ डॉलर जुटाने का ऐलान किया। जुलाई, 2021 में हुए पिछले फंडिंग राउंड में, स्विगी ने 5.5 अरब डॉलर की वैल्युएशन के साथ सॉफ्टबैंक विजन फंड 2, प्रोसस, एक्सेल और वेलिंगटन से 1.25 अरब डॉलर जुटाए थे।

इस इनवेस्टमेंट के साथ बंगलुरू बेस्ड स्विगी देश की चौथी डेकाकॉर्न यानी 10 अरब डॉलर या ज्यादा वैल्यू वाली प्राइवेटली-हेल्ड कंपनी बन गई है। इससे पहले फिनटेक कंपनी पेटीएम, होटल एग्रीगेटर ओयो और एड-टेक कंपनी बायजूस डेकाकॉर्न बन चुकी हैं।

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अभी भी आईपीओ से ज्यादा है वैल्युएशन

अपने कर्मचारियों को भेजे ईमेल में, गोयल ने यह भी कहा कि 10 अरब डॉलर पर भी कंपनी की मार्केट कैप उसके 8 अरब डॉलर के आईपीओ वैल्युएशन से ज्यादा है। ग्लोबल और डॉमेस्टिक बॉन्ड यील्ड्स में बढ़ोतरी के चलते जोमैटो के साथ ही पेटीएम और पॉलिसीबाजार जैसी इंटरनेट कंपनियों के शेयरों में बिकवाली शुरू हो गई।

बिजनेस के फंडामेंटल्स में नहीं हुआ कोई बदलाव

उन्होंने लेटर में लिखा, “स्टॉक मार्केट और पब्लिक कंपनियों के साथ यही बात है कि बिजनेस के फंडामेंटल्स में कोई बदलाव हुए बिना इनफ्लेशन, इंटरेस्ट रेट्स आदि मैक्रो इकोनॉमिक फैक्टर्स के चलते वैल्युएशन में खासा बदलाव हो सकता है।” उन्होंने कहा, “हमारा कंपनी की वैल्युएशन आईपीओ की 8 अरब डॉलर से 17 अरब डॉलर के पीक पर जाने और बाद में नीचे आने पर कोई कंट्रोल नहीं था।”

 

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