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BPCL, HPCL, IOC के शेयर 6% तक लुढ़के, कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का असर

HPCL के शेयरों में आज 5.97 फीसदी की गिरावट आई और यह स्टॉक BSE पर 388.50 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। इसके अलावा, BPCL के शेयर 3.69 फीसदी और IOC के शेयर 3.84 फीसदी टूट गए। हाल ही में ब्रेंट क्रूड की कीमत $76.30 प्रति बैरल और वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) की कीमत $73.77 प्रति बैरल हो गई है

अपडेटेड Jan 06, 2025 पर 4:28 PM
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ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMCs) के शेयरों में आज 6 जनवरी को गिरावट देखी गई।

ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMCs) के शेयरों में आज 6 जनवरी को गिरावट देखी गई। हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL), भारत पेट्रोलियम (BPCL) और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) के शेयर लाल निशान पर बंद हुए हैं। दरअसल, कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का सिलसिला इस हफ्ते भी जारी है, जो नए साल के पहले हफ्ते से शुरू हुआ था। इसके चलते इन शेयरों में जमकर बिकवाली हो रही है। HPCL के शेयरों में आज 5.97 फीसदी की गिरावट आई और यह स्टॉक BSE पर 388.50 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। इसके अलावा, BPCL के शेयर 3.69 फीसदी और IOC के शेयर 3.84 फीसदी टूट गए।

क्या है OMC शेयरों में गिरावट की वजह

हाल ही में ब्रेंट क्रूड की कीमत $76.30 प्रति बैरल और वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) की कीमत $73.77 प्रति बैरल हो गई है। दोनों ने पिछले हफ्ते में मजबूत बढ़ोतरी दर्ज की है। बीजिंग लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए राजकोषीय प्रोत्साहन बढ़ा रहा है, शुक्रवार को घोषणा की कि वह 2025 में अल्ट्रा-लॉन्ग डेटेड ट्रेजरी बॉन्ड से फंडिंग में तेजी से वृद्धि करेगा ताकि व्यापार निवेश और उपभोक्ता-बढ़ावा देने वाली पहलों को बढ़ावा दिया जा सके।


बीजिंग ने अपनी आर्थ‍िक नीति में बदलाव करते हुए 2025 में अल्ट्रा-लॉन्ग डेटेड ट्रेजरी बॉंड्स के जरिए वित्तीय प्रोत्साहन (Fiscal Stimulus) बढ़ाने का ऐलान किया है। इसका मकसद बिजनेस इनवेस्टमेंट और उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा देना है। साथ ही, इसके केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को कहा कि वह उचित समय पर बैंकों के रिजर्व रिक्वायरमेंट रेश्यो और ब्याज दरों में कटौती करेगा।

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (Ind-Ra) ने वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) के लिए तेल और गैस क्षेत्र पर 'न्यूट्रल' आउटलुक बनाए रखा है। एजेंसी को उम्मीद है कि अपस्ट्रीम तेल कंपनियों की क्रेडिट प्रोफ़ाइल कच्चे तेल की कीमतों पर निर्भर रहेगी।

तेल की कीमतों में नरमी और पुराने फील्ड से प्रोडक्शन में कमी के कारण अपस्ट्रीम कंपनियों के लिए एबिटा जनरेशन में कमी आ सकती है। हालांकि, कच्चे तेल की कम कीमत के प्रभाव की भरपाई कच्चे तेल के उत्पादन पर स्पेशल एक्साइज हटाने और नई खोजों से प्रोडक्शन में अपेक्षित बढ़ोतरी से होने की उम्मीद है। हालांकि, Ind-Ra ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में मौजूदा गिरावट के बावजूद अपस्ट्रीम कंपनियां स्वस्थ मार्जिन अर्जित करना जारी रखेंगी, क्योंकि कीमत 65 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर बनी हुई है।

डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

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