आप शानदार रिटर्न की संभावना वाले शेयरों की तलाश में हैं तो आप लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों के शेयरों पर दांव लगा सकते हैं। विदेशी ब्रोकरेज फर्म एचएसबीसी ने लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जताई है। उसने इसकी वजह भी बताई है। एचएसबीसी का मानना है कि लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों की अर्निंग्स को लेकर ज्यादा रिस्क नहीं दिख रहा, जबकि वैल्यूएशन सही लेवल पर नजर आ रही है। एचएसबीसी का कहना है कि इनवेस्टर्स एसबीआई लाइफ, एचडीएफसी लाइफ और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के स्टॉक्स पर दांव लगा सकते हैं।
HDFC Life के स्टॉक्स एचएसबीसी की पहली पसंद
HSBC ने HDFC Life को अपनी पहली पसंद बताई है। हालांकि, उसने बाकी तीन लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों के शेयरों पर भी 'Buy' दी है। उसने इन शेयरों के टारगेट प्राइस को 8 फीसदी तक बढ़ाया है। एचएसबीसी का कहना है कि SBI Life के शेयर 1,950 रुपये तक जा सकते हैं। HDFC Life के शेयर 870 रुपये तक जा सकते हैं, जबकि ICICI Prudential का स्टॉक्स 720 रुपये की तरफ बढ़ रहा है।
लाइफ इंश्योरेंस का मार्जिन आउटलुक पॉजिटिव
विदेशी ब्रोकरेज फर्म ने कहा है कि इंडिया में नॉन-लिंक्ड इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स में लोगों की दिलचस्पी बढ़ रही है। उधर, क्रेडिट टर्म प्लांस में रिकवरी आई है, जिससे ग्रोथ के लिए दबाव का सामना कर रही लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों को कुछ राहत मिल सकती है। कंपनियों का फोकस प्रोडक्ट मिक्स पर बढ़ा है, जिससे मार्जिन आउटलुक पॉजिटिव दिखता है। उधर, लाइफ इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स के बाजार में प्रतिस्पर्धा में भी कमी के संकेत हैं।
APE ग्रोथ 13-14 फीसदी रहने की उम्मीद
ज्यादातर एनालिस्ट्स का मानना है कि FY26 में बड़ी प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनियों की सालाना इक्विवैलेंट (APE) ग्रोथ 13-14 फीसदी के बीच रह सकती है। एचएसबीसी का मानना है कि कई चीजें लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों के पक्ष में दिख रही हैं। RBI ने इंटरेस्ट रेट घटाया है। अनसेक्योर्ड लोन डिस्बर्समेंट बढ़ा है। नॉन-पार्टिसिपेटिंग प्रोड्क्स में ग्राहकों की दिलचस्पी बढ़ी है। इसका पॉजिटिव असर लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों को आने वाली तिमाहियों में मिल सकता है।
यह भी पढ़ें: Defense Stocks: कुछ डिफेंस स्टॉक्स में आ सकता है करेक्शन, निवेश करने जा रहे हैं तो पहले ये बातें जान लें
FY26 लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों के लिए बेहतर रह सकता है
HDFC Life के लिए आने वाला समय शानदार हो सकता है। इसकी वजह यह है कि इसकी निर्भरता लिंक्ड प्रोडक्ट्स पर सबसे कम है। उधर, अगर लिंक्ड प्रोडक्ट्स की सेल्स में तेज गिरावट देखने को मिलती है तो इसका सबसे खराब असर SBI Life पर पड़ सकता है। ब्रोकरेज फर्म ने कहा है कि FY25 में लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों का प्रदर्शन कमजोर रहा। इसकी कई वजहें हैं। क्रेडिट प्रोडक्ट्स ऑफरिंग कमजोर रही। प्रतियोगिता चरम पर थी। सरेंडर वैल्यू के नियमों में बदलाव लागू हो गया।