ICICI Bank ने सेबी चीफ माधबी पुरी बुच पर कांग्रेस की ओर से लगाए गए आरोपों का जवाब दिया है। बैंक ने स्पष्ट किया है कि रिटायरमेंट के बाद 2017 से सेबी चीफ को कोई वेतन या ESOP नहीं दिया गया है। बैंक ने इस आरोप को खारिज कर दिया कि सेबी चीफ 2017 में मार्केट रेगुलेटर में शामिल होने के बाद आईसीआईसीआई बैंक और उसकी सहयोगी कंपनी से वेतन ले रही थीं। बैंक ने कहा कि बैंक या उसके ग्रुप की कंपनियों ने उन्हें कोई वेतन या कोई एम्प्लॉई स्टॉक ऑप्शन प्लान (ESOP) नहीं दी है।
ICICI Bank ने मीडिया को दिए एक बयान में कहा, "ICICI बैंक या उसके ग्रुप की कंपनियों ने सुश्री माधबी पुरी बुच को उनके रिटायरमेंट के बाद उनके रिटायरमेंट बेनिफिट के अलावा कोई वेतन या कोई ESOP नहीं दिया है। यह ध्यान देने योग्य है कि उन्होंने 31 अक्टूबर, 2013 से सुपरएनुएशन (superannuation) का विकल्प चुना था।"
बैंक ने आगे बताया कि ICICI ग्रुप में अपनी नौकरी के दौरान बुच को लागू पॉलिसी के अनुसार वेतन, रिटायरमेंट बेनिफिट, बोनस और ESOP के रूप में मुआवजा मिला। बैंक ने यह भी स्पष्ट किया है कि बुच को उनकी रिटायरमेंट के बाद किए गए सभी पेमेंट आईसीआईसीआई ग्रुप में उनके रोजगार के दौरान किए गए थे। बैंक ने कहा, "इन भुगतानों में ESOP और रिटायरमेंट बेनिफिट शामिल हैं।"
सेबी चीफ पर लगाए गए थे ये आरोप
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया है कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने मार्केट रेगुलटर के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान ICICI बैंक से इनकम हासिल की। इसके साथ ही बुच पर हितों के टकराव का नया मामला सामने आया है। पवन खेड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि माधबी पुरी बुच ने 2017-2024 के दौरान आईसीआईसीआई बैंक से 16.8 करोड़ रुपये की आय हासिल की। इसके अलावा, खेड़ा ने कहा कि बुच को एसेट मैनेजमेंट इकाई ICICI प्रूडेंशियल से भी इनकम हासिल हुई।
उन्होंने कुछ गोपनीय रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि सेबी चीफ ने ICICI बैंक के लिए नियमों में ढील दी। पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि सेबी चीफ एक साथ तीन जगहों से सैलरी ले रही थीं। वह ICICI बैंक, ICICI प्रूडेंशियल और SEBI से एक साथ सैलरी ले रही थीं। उन्हें 2017 और 2024 के बीच ICICI बैंक से 16.8 करोड़ रुपये की नियमित आय हासिल हुई। खेड़ा ने कहा, 'अगर आप पूर्णकालिक सेबी सदस्य हैं, तो आप ICICI बैंक से वेतन क्यों प्राप्त कर रहे थे।'