Credit Cards

MSCI के रिव्यू करने के फैसले का Adani Group के शेयरों पर क्या असर पड़ेगा?

विदेशी निवेशक स्टॉक मार्केट्स में निवेश करने के लिए MSCI सूचकांकों को बेंचमार्क के रूप में इस्तेमाल करते हैं। इसलिए इन सूचकांकों का बहुत महत्व है। भारतीय कंपनियों के इन सूचकांकों में शामिल होने पर उनमें विदेशी निवेश बढ़ जाता है। इसी तरह सूचकांकों से उनके हटने पर उनमें बिकवाली देखने को मिलती है

अपडेटेड Feb 09, 2023 पर 8:28 PM
Story continues below Advertisement
MSCI का पूरा नाम मॉर्गन स्टेनली कैपिटल इंटरनेशनल है। यह एक इनवेस्टमेंट रिसर्च फर्म है, जो ग्लोबल इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स को स्टॉक इंडाइसेज और गवर्नेंस टूल्स देता है।

MSCI ने कहा है कि वह अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों के फ्री-फ्लोट की स्थिति को रिव्यू करेगा। साथ ही अपने सूचकांकों में शामिल होने की अडानी ग्रुप के शेयरों की योग्यता पर भी विचार करेगा। MSCI कई तरह के सूचकाकों से जुड़ी सेवाएं देता है। हिंडनबर्ग की रिसर्च रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में उथल-पुथल मची हुई है। एमएससीआई ने कहा है कि उसे अडानी ग्रुप से जुड़े कुछ खास सिक्योरिटीज की फ्री-फ्लोट स्थिति और एलिजिबिलिटी के बारे में कई मार्केट पार्टिसिपेंट्स के फीडबैक मिले हैं। ये MSCI ग्लोबल इनवेस्टिबल मार्केट इंडेक्सेज (GIMI) से जुड़े हैं।

अगर MSCI अडानी ग्रुप की कंपनियों के फ्री-फ्लोटिंग शेयरों की संख्या घटाने का फैसला करता है तो इसका खराब असर शेयरों की कीमतों पर पड़ेगा। एमएससीआई के रिव्यू करने के फैसले की खबर आने के बाद अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखने को मिली। इससे पहले हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद आई शेयरों में गिरावट थमती दिख रही थी।

MSCI क्या है?

MSCI का पूरा नाम मॉर्गन स्टेनली कैपिटल इंटरनेशनल है। यह एक इनवेस्टमेंट रिसर्च फर्म है, जो ग्लोबल इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स को स्टॉक इंडाइसेज और गवर्नेंस टूल्स देता है। इंडेक्स फंड्स, हेज फंड्स और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स MSCI Indices को बेंचमार्क मानते हैं। इसी के आधार पर वे अलग-अलग मार्केट्स में अपने इनवेस्टमेंट एलोकेशन के फैसले लेते हैं। MSCI Index में किसी तरह का बदलाव होने पर शेयर बाजारों में बड़ी खरीदारी या बिकवाली देखने को मिल सकती है।


यह भी पढ़ें : अडानी ग्रुप की कंपनियों के खिलाफ Hindenburg रिसर्च रिपोर्ट की जांच होगी या नहीं! सुप्रीम कोर्ट 10 फरवरी को लेगा फैसला

MSCI कब-कब रिव्यू करता है?

MSCI अपने सूचकांकों का रिव्यू हर तिमाही करता है। हर छह महीने पर वह अपने सूचकांकों की रिबैलेंसिंग करता है। रिबैलेंसिंग के बाद एमएससीआई सूचकांकों में से कुछ शेयरों को हटा दिया जाता है और कुछ शेयरों को शामिल कर लिया जाता है। इससे मार्केट में कुछ शेयरों में खरीदारी तो कुछ में बिकवाली देखने को मिलती है। 30 नवंबर, 2022 को MSCI ग्लोबल स्टैंडर्ड इंडेक्स में छह भारतीय कंपनियों के शेयरों को शामिल करने का फैसला लागू होने के बाद इंडियन मार्केट्स में 9,010.41 करोड़ रुपये की खरीदारी हुई थी।

फ्री फ्लोट का मतलब क्या है?

फ्री फ्लोट का मतलब किसी कंपनी के उन शेयरों से है, जो पब्लिक ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध रहते हैं। एमएससीआई उन शेयरों को फ्री फ्लोट मानता है जो कुल शेयरों में से विदेशी इनवेस्टर्स के खरीदने के लिए पब्लिक इक्विटी मार्केट्स में उपलब्ध होते हैं। अडानी समूह की 8 कंपनियों के शेयर MSCI सूचकांकों में शामिल हैं। इनमें Adani Enterprises, Adani Ports, Adani Total Gas, Adani Green, Adani Tansmission, Adani Power, Ambuja और ACC शामिल हैं।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।