Electric mobility :इस हफ्ते FAME 3 पॉलिसी पर एक अहम बैठक होने वाली है। यह बैठक PMO में होगी। इसअहम बैठक में स्वैपेबल बैटरी को स्कीम में शामिल करने पर चर्चा हो सकती है। इसमें फास्ट चार्जर को बढ़ावा देने के लिए फंड का एलान भी संभव है। इंडस्ट्री का कहना है कि उसको FAME 3 स्कीम का बेसब्री से इंतजार है। सीएनबीसी-आवाज़ के संवाददाता रोहन सिंह ने बताया कि FAME 3 को लेकर सरकार कई बड़े फैसले ले सकती है। इस बैठक में सरकार भारी उद्योग मंत्रालय स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन की रिपोर्ट सौंपेगा।
FAME 3 के मसौदे में मामूली बदलाव संभव, क्लेम को सरल बनाने पर हो सकती है चर्चा
बैठक में FAME 3 के मसौदे में मामूली बदलाव संभव है। इसके तहत क्लेम को सरल बनाने पर चर्चा हो सकती है। FAME 3 में नई उभरती तकनीक के लिए अलग कैटेगरी पर भी विचार हो सकता है। इलेक्ट्रिक ट्रक, ट्रैक्टर और अन्य नई तकनीक के लिए फंड जारी करने पर भी विचार किया जा सकता है। नौ बड़े महानगरों के लिए ई-बस चलाने के लिए स्कीम लाने का एलान हो सकता है। इसके अलावा फास्ट चार्जर को बढ़ावा देने के लिए फंड आबंटित करने पर विचार किया जा सकता है।
बता दें की भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार सब्सिडी देती है। ये अनुदान वर्तमान में ईएमपीएस के जरिए दिए जा रहे हैं, लेकिन FAME-3 जल्द ही लॉन्च किया जा सकता है। FAME 3 इलेक्ट्रिक वाहन प्रमोशन सिस्टम कब तक पेश किया जा सकता है? इस पर केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने बुधवार को कहा कि सरकार FAME इलेक्ट्रिक मोबिलिटी कार्यान्वयन योजना के तीसरे चरण को एक से दो महीने में पूरा कर लेगी। योजना पर अंतर-एजेंसी समूह द्वारा प्राप्त इनपुट पर बात करते हुए, उन्होंने कहा कि वर्तमान में FAME योजना के पहले दो चरणों में सामने आई परेशानियो को हल करने के प्रयास चल रहे हैं।
FAME 3 अंतरिम इलेक्ट्रिक मोबिलिटी एन्हांसमेंट प्लान (EMPS) 2024 की जगह लेता है, जो 30 सितंबर को समाप्त हो रहा है। EMPS को सरकार ने मार्च 2024 से चार महीने की अवधि के लिए लॉन्च किया था। हालांकि, बाद में इसे 30 सितंबर, 2024 तक बढ़ा दिया गया था।
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा फेम सब्सिडी का पहला चरण 2015 में शुरू किया गया था। यह योजना 1 अप्रैल, 2015 को लागू हुई और मूल रूप से इसे दो साल तक चलाने का इरादा था, लेकिन बढ़ती रुचि के कारण इसे 31 मार्च, 2019 तक बढ़ा दिया गया।
FAME का दूसरा चरण 2019 में तीन वर्षों में 10 अरब रुपये की प्रारंभिक लागत के साथ शुरू हुआ। बाद में 15 अरब रुपये की अतिरिक्त लागत पर इसे मार्च 2024 तक बढ़ा दिया गया था।