अल्ट्राटेक के लिए इंडिया सीमेंट डील अच्छी नहीं, बाजार में यहां से 5-7% की और तेजी मुमकिन: राकेश अरोड़ा

राकेश अरोड़ा ने कहा कि बाजार में रोटेशन हो रहा है। केमिकल और फाइनेंशियल्स जैसे जो सेक्टर दबाव में चल रहे थे उनमें अब तेजी आ रही है। इनमें अब तेजी कायम रहने की संभावना है। आईटी सेक्टर भी अब रफ्तार पकड़ता दिख सकता है

अपडेटेड Jun 27, 2024 पर 1:31 PM
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राकेश का कहना है कि रियल्टी कंपनियों में अभी और तेजी बाकी है। आगे हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों में भी तेजी बढ़ेगी

मार्केट फंडामेंटल पर चर्चा करने के लिए आज सीएनबीसी-आवाज़ के साथ जुड़े GoIndiaStocks.com के फाउंडर राकेश अरोड़ा। इनके पास बिजनेस और कैपिटल मार्केट का 25 सालों से ज्यादा का अनुभव है। राकेश जी मेटल सेक्टर पर पैनी नजर रखते हैं। राकेश अरोड़ा दिग्गज मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट में शुमार होते हैं। ये Macquarie के साथ भी काम कर चुके हैं।

बाजार में अभी और तेजी बाकी

राकेश अरोड़ा का कहना है कि बाजार में अब तक जो तेजी आई है उसको कंपनियों के मजबूत प्रदर्शन का सपोर्ट मिला है। ऐसे में बाजार में वैल्यूशन अभी भी कोई बहुत महंगे नहीं हैं। उनको लगता है कि इस रैली में अभी थोड़ा और दम बाकी है। बाजार की नजर अब बजट पर लगी हुई है। बाजार में यहां से 5-7 फीसदी की और तेजी देखने को मिल सकती है।


राकेश अरोड़ा ने आगे कहा कि बाजार में रोटेशन हो रहा है। केमिकल और फाइनेंशियल्स जैसे जो सेक्टर दबाव में चल रहे थे उनमें अब तेजी आ रही है। इनमें अब तेजी कायम रहने की संभावना है। आईटी सेक्टर भी अब रफ्तार पकड़ता दिख सकता है। राकेश अरोड़ा का कहना है कि अंडरपरफॉर्मिंग सेक्टरों में अब रोटेशन संभव है।

अल्ट्राटेक के लिए इंडिया सीमेंट डील अच्छी नहीं

अल्ट्राटेक और इंडिया सीमेंट डील पर बात करते हुए राकेश अरोड़ा ने कहा कि अल्ट्राटेक के मुताबिक ये डील उनके लिए एक फाइनेंशियल इन्वेस्टमेंट है। ऐसे में लगता है कि इस डील में इंडिया सीमेंट के प्रोमोटर्स ने अपना हिस्सा नहीं बेचा है। शायद इंडिया सीमेंट के एक बड़े शेयर होल्डर ने ये बिक्री की है। उनके लिए तो एक बहुत अच्छी डील है क्योंकि उनको इंडिया सीमेंट से निकलने का अच्छा मौका मिल गया, क्योंकि दूसरे तरीके से ये संभव नहीं था।

लेकिन अल्ट्राटेक के लिहाज से ये डील अच्छी नहीं है। कंपनी आमतौर पर इस तरह की डील करती नहीं है। 23 फीसदी हिस्सेदारी के अधिग्रहण की अल्ट्राटेक के लिए कोई खास अहमियत नहीं है। ऐसा लगता है कि अल्ट्राटेक ने ये डील एसेट को ब्लॉक करने के लिए किया है, क्योंकि उनके और अदाणी के बीच मार्केट शेयर को लेकर काफी कॉम्पिटीशन चल रहा है। ऐसे में लगता है कि अल्ट्राटेक ने 2000 करोड़ रुपए का ये इन्वेस्टमेंट 15.50 मिलियन टन के एसेट को ब्लॉक करने के लिए किया है।

सीमेंट सेक्टर पर बात करते हुए राकेश अरोड़ा ने कहा कि सीमेंट सेक्टर में अदाणी और अल्ट्राटेक का दबदबा बढ़ा है। रैम्को सीमेंट्स का कारोबार भी अच्छा चल रहा है। सीमेंट की डिमांड अच्छी, लेकिन प्राइस नहीं बढ़े हैं।

स्टील कंपनियों के मार्जिन अब ज्यादा नहीं बढ़ेंगे

मेटल पर बात करते हुए राकेश ने कहा कि पिछले एक साल में स्टील सेक्टर की री-रेटिंग हुई है। स्टील कंपनियों के मार्जिन में तेजी आई है। लेकिन स्टील कंपनियों के मार्जिन अब ज्यादा नहीं बढ़ेंगे। स्टील कंपनियों में अब वॉल्यूम ग्रोथ का असर दिखेगा। चीन में एक्सपोर्ट बूस्टर घटने से फायदा होगा। एल्युमिनियम के भाव भी अब ज्यादा नहीं बढ़ेंगे। मेटल के ग्लोबल आउटलुक में सुस्ती जारी है।

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रियल्टी कंपनियों में अभी भी तेजी बाकी

राकेश का कहना है कि रियल्टी कंपनियों में अभी और तेजी बाकी है। आगे हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों में भी तेजी बढ़ेगी। रियल्टी कंपनियों में 10 साल का साइकल होता है जो अभी पूरा होना बाकी है।

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