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जिम्बाब्वे और आइसलैंड से भी बुरा रहा इंडियन मार्केट, 14 महीने में पहली बार मार्केट कैप $4 ट्रिलियन के नीचे

M-Cap fall in 2025: रुपये की कमजोरी और स्टॉक मार्केट की गिरावट ने भारत के मार्केट कैप को करारा झटका दिया है। कंपनियों का मार्केट कैप 14 महीने के निचले स्तर पर आ गया है और पहली बार 4 लाख करोड़ यानी 4 ट्रिलियन डॉलर के नीचे चला आया। दुनिया के पांचवे सबसे बड़े स्टॉक मार्केट भारत को इस मामले में सबसे अधिक झटका लगा है और उसके बाद जिम्बाब्वे और आइसलैंड को

Edited By: Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Feb 14, 2025 पर 9:03 AM
जिम्बाब्वे और आइसलैंड से भी बुरा रहा इंडियन मार्केट, 14 महीने में पहली बार मार्केट कैप $4 ट्रिलियन के नीचे
m-Cap fall in 2025: रुपये की कमजोरी और स्टॉक मार्केट की गिरावट के चलते देश में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 4 ट्रिलियन डॉलर यानी 4 लाख करोड़ डॉलर के नीचे आ गया। ऐसा 14 महीने में पहली बार हुआ है।

M-Cap fall in 2025: रुपये की कमजोरी और स्टॉक मार्केट की गिरावट के चलते देश में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 4 ट्रिलियन डॉलर यानी 4 लाख करोड़ डॉलर के नीचे आ गया। ऐसा 14 महीने में पहली बार हुआ है। इस साल 2025 में अब तक दुनिया भर के सबसे अधिक मार्केट कैप भारत का ही कम हुआ है जो दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा स्टॉक मार्केट है। इसके मार्केट कैप में इस साल 18.33 फीसदी की गिरावट आई है। इसके बाद दूसरे स्थान पर जिम्बाब्वे ही जिसके मार्केट कैप में इस साल अब तक 18.3 फीसदी की गिरावट आई और तीसरे स्थान पर आइसलैंड है जिसका मार्केट कैप 18 फीसदी कम हुआ है।

इसकी तुलना में दुनिया के सबसे बड़े स्टॉक मार्केट अमेरिका का मार्केट कैप इस साल 3 फीसदी तो चीन और जापान का 2.2-2.2 फीसदी बढ़ा है। बाकी अहम बाजारों की बात करें तो हॉन्ग कॉन्ग का मार्केट कैप इस साल 1.2 फीसदी, कनाडा का 7.2 फीसदी, यूके का 7.1 फीसदी और फ्रांस का 9.9 फीसदी बढ़ा है।

रुपये की कमजोरी और स्टॉक मार्केट की गिरावट ने कम की पूंजी

भारतीय रुपया इस वर्ष अब तक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लगभग 1.5 फीसदी कमजोर हुआ है, जो एशिया में इंडोनेशियाई रुपी के बाद दूसरी सबसे खराब मुद्रा है। इसके अलावा घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी 50 इस साल 2.6 फीसदी टूटे हैं तो बीएसई मिडकैप 12 फीसदी और स्मॉलकैप करीब 15 फीसदी नीचे आए हैं। इसके चलते भारत का मार्केट कैप गिरकर 3.99 ट्रिलियन डॉलर पर आ गया जो 4 दिसंबर 2023 के बाद सबसे कम है और दिसंबर के मध्य में रिकॉर्ड 5.14 ट्रिलियन डॉलर के हाई से काफी नीचे है।

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