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INDIA MARCH PMI DATA : 16 साल की ऊंचाई पर पहुंचा मैन्युफैक्चरिंग PMI, 56.9 से बढ़कर 59.1 पर आया

INDIA MARCH PMI DATA : 2 अप्रैल को जारी पीएमआई आंकड़ों के मुताबिक नए ऑर्डरों में तेज बढ़त देखने को मिली है। मार्च के दौरान मांग में उछाल देखने को मिला है। 59.1 के स्तर पर मार्च मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 50 के प्रमुख स्तर से ऊपर है, जो गतिविधि में विस्तार को संकुचन से अलग करता है। हालांकि यह 59.2 के फ्लैश अनुमान से नीचे है जो 21 मार्च को जारी किया गया था

अपडेटेड Apr 02, 2024 पर 11:40 AM
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भारत का मार्च मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 2008 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों ने मजबूत उत्पादन और नए ऑर्डर के चलते नए लोगों को रोजगार भी दिए हैं

INDIA MARCH PMI DATA : भारत का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई डेटा 59.1 के स्तर पर दिख रहा है जो 16 साल का अब तक का हाइएस्ट लेवल है। अक्टूबर 2020 के बाद से उत्पादन और नए ऑर्डर में सबसे मजबूत ग्रोथ के कारण एचएसबीसी इंडिया पीएमआई 16 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई फरवरी के 56.9 से बढ़कर 59.1 के स्तर पर आ गया है। 2 अप्रैल को जारी आंकड़ों से पता चलता है कि मार्च में भारत की मैन्युफैक्चरिंग गतिविधि का विस्तार जारी रहा और इस क्षेत्र के लिए एचएसबीसी परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) 59.1 पर आ गया, जो 16 वर्षों में सबसे अधिक है।

लगातार 33वें महीने 50 से ऊपर रही मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई

मार्च में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई लगातार 33वें महीने 50 से ऊपर रही है। फरवरी में भारत की मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 56.9 पर रही थी। 59.1 के स्तर पर मार्च मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 50 के प्रमुख स्तर से ऊपर है, जो गतिविधि में विस्तार को संकुचन से अलग करता है। हालांकि यह 59.2 के फ्लैश अनुमान से नीचे है जो 21 मार्च को जारी किया गया था। बता दें कि 50 का स्तर मैन्युफैक्चरिंग गतिविधि में विस्तार और संकुचन के विभाजक रेखा का काम करता है। यानी मैन्युफैक्चरिंग PMI की 50 से ऊपर की रीडिंग मैन्युफैक्चरिंग गतिविधि में विस्तार का संकेत देती है। जबकि 50 से नीचे की रीडिंग मैन्युफैक्चरिंग गतिविधि में संकुचन का संकेत होती है।


 मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 2008 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर

भारत का मार्च मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 2008 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों ने मजबूत उत्पादन और नए ऑर्डर के चलते नए लोगों को रोजगार भी दिए हैं। एचएसबीसी के अर्थशास्त्री इनेस लैम के मुताबिक मजबूत मांग और उत्पादन में बढ़त के कारण मार्च में इनपुट लागत बढ़ी है।

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नए ऑर्डरों में देखने को मिली तेज बढ़त 

2 अप्रैल को जारी पीएमआई आंकड़ों के मुताबिक नए ऑर्डरों में तेज बढ़त देखने को मिली है। मार्च के दौरान मांग में उछाल देखने को मिला है और 3.5 साल के हाई पर रही है। घरेलू और एक्सपोर्ट दोनों बाजारों से नए ऑर्डरों में बढ़त देखने को मिली है। अफ्रीका, एशिया, यूरोप और अमेरिका में बेहतर बिक्री देखने को मिली है। इंडेक्स कंपाइलर एसएंडपी ग्लोबल के मुताबिक मई 2022 के बाद से नए निर्यात ऑर्डर सबसे तेज गति से बढ़े हैं।

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