भारतीय लोगों ने विदेश में शेयर और प्रॉपर्टी में 2025 में किया 2 अरब डॉलर का निवेश

अगर विदेश में प्रॉपर्टी और शेयरों में निवेश को मिला दिया जाए तो भारतीय लोगों ने इस साल जनवरी से सितंबर के बीच 2 अरब डॉलर से ज्यादा निवेश किया है। यह 2024 के मुकाबले 55 फीसदी ज्यादा है। वेल्थ मैनेजर्स का कहना है कि इसकी कई वजहे हैं

अपडेटेड Nov 27, 2025 पर 4:54 PM
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बीते एक साल में घरेलू शेयर बाजार के खराब प्रदर्शन की वजह से भी भारतीय निवेशक विदेशी शेयरों में पैसे लगा रहे हैं।

भारतीय लोगों ने 2025 में विदेश में प्रॉपर्टी और शेयर खरीदने के लिए खूब पैसे भेजे हैं। लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (एलआरएस) के जरिए विदेश जाने वाले पैसे में बड़ा उछाल देखने को मिला है। आरबीआई के डेटा के मुताबिक, इस साल जनवरी से सितंबर के दौरान एलआरएस के जरिए विदेश में रियल एस्टेट में भारतीय लोगों का निवेश 80 फीसदी बढ़कर 35 करोड़ डॉलर तक पहुंच गया। शेयरों और डेट इंस्ट्रूमेंट्स में उनका निवेश 50 फीसदी बढ़कर 1.68 अरब डॉलर को पार कर गया।

इस साल विदेश में 2 अरब डॉलर से ज्यादा निवेश

अगर विदेश में प्रॉपर्टी और शेयरों में निवेश को मिला दिया जाए तो भारतीय लोगों ने इस साल जनवरी से सितंबर के बीच 2 अरब डॉलर से ज्यादा निवेश किया है। यह 2024 के मुकाबले 55 फीसदी ज्यादा है। वेल्थ मैनेजर्स का कहना है कि इसकी कई वजहे हैं। अमीर लोगों में वेल्थ क्रिएशन की चाहत बढ़ी है। वे इनवेस्टमेंट में डायवर्सिफिकेशन के लिए विदेश में प्रॉपर्टी, शेयर और डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश कर रहे हैं।


डायवर्सिफिकेशन के लिए कर रहे विदेश में निवेश

नुवामा वेल्थ के प्रेसिडेंट राहुल जैन इसकी वजह भारतीय निवेशकों में बढ़ती जागरूकता को मानते हैं। उन्होंने कहा, "फाइनेंशियलाइजेशन तेजी से हो रहा है। जागरूकता भी बढ़ रही है। लोग अब डायवर्सिफिकेशन के लिए कुछ निवेश विदेश में करना चाहते हैं। पहले किसी के पाल 100 रुपये होता था तो वह उसे देश में रियल एस्टेट में निवेश करता था। जागरूकता बढ़ने की वजह से अब लोग 4-5 रुपये विदेशमें इनवेस्ट करना चाहते हैं।"

ज्यादा रिटर्न के लिए बढ़ी विदेश में निवेश की चाहत

बीते एक साल में घरेलू शेयर बाजार के खराब प्रदर्शन ने भी इंडियन इनवेस्टर्स को विदेश में शेयरों में पैसे लगाने को प्रेरित किया है। आनंदराठी इंटरनेशनल वेंचर्स आईएफएससी के सीईओ नितिन डोंगरे ने बताया, "पिछले डेढ़ साल में भारतीय शेयर बाजार ने अच्छा रिटर्न नहीं दिया है। इससे कई इनवेस्टर्स ने विदेश में निवेश के मौकों पर फोकस किया है।" एक्सपर्टस का कहना है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के आने से भी इस ट्रेंड को बढ़ावा मिला है।

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फिनटेक प्लेटफॉर्म्स दे रहे आसानी से निवेश की सुविधा

डोंगरे ने कहा, "इनवेस्टर्स के बीच ग्लोबल मार्केट्स को लेकर जागरूकता बढ़ी है। इसमें फिनटेक प्लेटफॉर्म्स और फॉरेन ब्रोकरेज फर्मों का हाथ है। ये अमेरिका, दूसरी बढ़ती इकोनॉमीज और ईटीएफ में आसानी से निवेश करने की सुविधा दे रही है। कई बड़ी फिनटेक और फॉरेन ब्रोकरेज फर्मों ने इनवेस्टर्स को एपल जैसे शेयरों में निवेश करने की सुविधा दी है।" विदेश में निवेश में भारतीय लोगों की बढ़ती दिलचस्पी में गिफ्ट सिटी जैसे नए चैनल्स का भी हाथ है।

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