भारत के इक्विटी बाजार द्वारा संवत 2079 के हिंदू कैलेंडर वर्ष में अपने वैश्विक प्रतिस्पर्धियों यानी कि दूसरे देशों के इक्विटी बाजारों से बेहतर प्रदर्शन करना जारी रखने की उम्मीद है। इस समय भारतीय बाजारों को मजबूत कॉर्पोरेट नतीजों से मदद मिल रही है। ऐसा एनालिस्ट्स का कहना है।
2023 में इसके 20 प्रतिशत से अधिक बढ़ने की संभावना है। मजबूत क्रेडिट ऑफटेक और प्राइवेट कैपिटल एक्सपेंडिचर में रिवाइल से भारतीय बाजारों में बढ़त देखने को मिलेगी।
हालांकि यूरोप और एशिया में आने वाली वैश्विक मंदी और भू-राजनीतिक चिंताओं को देखते हुए मनी मैनेजर्स को इक्विटी बाजार से रिटर्न में वोलैटिलिटी बने रहने की उम्मीद है। पिछली दिवाली के बाद से सेंसेक्स और निफ्टी में क्रमशः 1.89 प्रतिशत और 2.59 प्रतिशत की गिरावट दिखी है।
मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि हाल ही में उभरते बाजारों और जापान को छोड़कर एशिया के शेयर बाजार अपने बेयरिश मार्केट साइकल्स को पूरा करने के करीब पहुंच गये हैं। नोमुरा रिसर्च ने कहा कि अमेरिकी मंदी और पांच चिप साइकल्स पर इंडिकेटर्स की समीक्षा के बाद चिपमेकर्स सहित एशियाई इक्विटी मार्केट अगले कुछ हफ्तों में नीचे लुढ़क सकते हैं।
एनालिस्ट्स का कहना है कि भारत में महंगाई की चिंता है और बढ़ी हुई इनपुट लागत की भी दिक्कत है। इसके बावजूद जीएसटी कलेक्शन, एशियाई क्षेत्र में सबसे ज्यादा जीडीपी ग्रोथ, सामान्य से बेहतर मानसून और कंपनियों के मजबूत नतीजे देखने को मिले हैं। ये ऐसे फैक्टर्स हैं जो भारतीय अर्थव्यवस्था को अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बेहतर बनायेंगे।
सेक्टोरल इंडेक्स में निफ्टी रियल्टी और आईटी इंडेक्स पिछले साल के मुकाबले क्रमश: 22.77 प्रतिशत और 21 प्रतिशत नीचे नजर आ रहे हैं। निफ्टी एफएमसीजी, सीपीएसई और एनर्जी इंडेक्स क्रमश: 15 प्रतिशत, 14.81 प्रतिशत और 8.6 प्रतिशत की बढ़त के साथ टॉप परफॉर्मर बने रहे हैं।
इस बीच, एमसीएक्स गोल्ड पिछले एक साल में 7 प्रतिशत की गिरावट के बाद करीब 5.6 प्रतिशत चढ़ गया। जबकि 10 साल के बॉन्ड यील्ड में 115 बेसिस पॉइंट्स की बढ़ोतरी हुई है। ये आंकड़ां पिछले 17 सालों में सबसे ज्यादा है।
एनालिस्ट्स ने सुझाव दिया है कि अगले साल भी भारतीय मुद्रास्फीति के उच्च बने रहने की संभावना है। लिहाजा निवेशक को ऐसे शेयरों और सेक्टर्ट में निवेशित रहना चाहिए जो अस्थिर बाजारों में सबसे अच्छा रिटर्न देने में सक्षम हैं।
Geojit Financial Services के विनोद नायर ने कहा कि सबसे पहले, हमें उन शेयरों और सेक्टर्स पर फोकस करना चाहिए जिन पर बढ़ी हुई महंगाई का कम असर होता है।
उन्होंने आगे कहा संवत 2079 की थीम वैल्यू बाईंग होनी चाहिए। उनका मानना है हाईली वैल्यूड स्टॉक मुद्रास्फीति और उच्च ब्याज दरों की अवधि के दौरान परफॉर्म नहीं करेंगे।
निवेश के लिए एनालिस्ट्स का कहना है कि स्थिर अर्थव्यवस्था और ग्लोबली कमोडिटी की कीमतों में गिरावट के बीच निवेशकों को अगले साल आईटी, फार्मा, एफएमसीजी, टेलीकॉम, गैस और प्राइवेट बैंकों में निवेश के मौके तलाशने चाहिए।
मोटे तौर पर एनालिस्ट्स ने कंजम्पशन, ग्रीन एनर्जी (सौर, पवन, हाइड्रो पावर, हाइड्रोजन, बैटरी), स्पेशियालिटी केमिकल्स और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेश करने का सुझाव दे रहे हैं।