IndusInd Bank share price: इंडसइंड बैंक के शेयर क्यों क्रैश कर गए, आखिर इस बैंक में क्या हुआ है?

IndusInd Bank में डेरिवेटिव लैप्सेज की खबर आने के बाद शेयरों में 11 मार्च को तेज गिरावट आई। ब्रोकरेज फर्मों ने भी इंडसइंड बैंक के बारे में अपना नजरियां बदलना शुरू कर दिया है। इससे इंडसइंड बैंक के शेयरों के निवेशकों को काफी ज्यादा नुकसान हो सकता है

अपडेटेड Mar 11, 2025 पर 2:28 PM
Story continues below Advertisement
पिछले साल 8 अप्रैल को इंडसइंड का स्टॉक 1,576 रुपये पर पहुंच गया था। यह इस स्टॉक का 52 हफ्ते का हाई है। 11 मार्च को इस स्टॉक का प्राइस 669 रुपये रह गया है।

इंडसइंड बैंक के शेयरों में 11 मार्च को जो हुआ, उसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। मार्केट खुलते ही इंडसइंड बैंक के शेयर गिरने लगे। करीब 1 बजे से पहले यह स्टॉक 25.50 फीसदी तक गिर चुका था। 10 मार्च को आई खबर के बाद 11 मार्च को शेयरों में बिकवाली का अनुमान तो था। लेकिन, इतनी बड़ी गिरावट का अनुमान नहीं था। यह स्टॉक लगातार पांच दिनों से गिर रहा था। मार्च में यह स्टॉक 29 फीसदी गिर चुका है। पिछले साल 8 अप्रैल को इंडसइंड का स्टॉक 1,576 रुपये पर पहुंच गया था। यह इस स्टॉक का 52 हफ्ते का हाई है। इस साल 11 मार्च को इस स्टॉक का प्राइस 669 रुपये रह गया है।

पिछले साल हुई प्रॉब्लम की शुरुआत

IndusInd Bank के शेयरों में आई इस गिरावट ने निवेशकों को हैरान कर दिया है। कुछ समय पहले तक इंडसइंड बैंक को इंडिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाले बैंकों में से एक माना जा रहा था। कुछ तिमाही पहले तक तिमाही-दर-तिमाही और साल-दर-साल इस बैंक का वित्तीय प्रदर्शन शानदार होता था। निवेशक भी इस बैंक के स्टॉक पर फिदा थे। लेकिन, पिछले साल माइक्रो फाइनेंस सेक्टर को दिए लोन पर इंडसइंड बैंक को बड़े नुकसान की खबर आने के बाद तस्वीर बदलनी शुरू हो गई। इस बैंक में कॉर्पोरेट गवर्नेंस से लेकर मैनेजमेंट के कामकाज के तरीके पर सवाल उठने शुरू हो गए। इसका असर इसके शेयरों पर दिखा। स्टॉक की कीमतें गिरनी शुरू हो गईं।


बैंक ने 10 मार्च को डेरिवेटिव लैप्सेज के बारे में बताया

अब इंडसइंड बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में लैप्सेज की खबर आई है। बताया जाता है कि यह लैप्सेज करीब 1,530 करोड़ रुपये का है। इस लैप्सेज की वजह से इंडसइंड बैंक के नेटवर्थ में करीब 2.35 फीसदी की कमी का अनुमान है। IndusInd Bank ने 10 मार्च को स्टॉक मार्केट बंद होने के बाद स्टॉक एक्सचेंजों को इस बारे में बताया। उसने कहा कि उसके डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में मिसमैच का पता चला है। तब यह अंदाजा नहीं था कि यह मिसमैच कितना बड़ा है। लेकिन, बैंक ने खुद कहा कि आंतरिक जांच से पता चला है कि इस मिसमैच के चलते दिसंबर 2024 में उसके नेटवर्थ पर 2.5 फीसदी का असर पड़ा है।

बैंक ने मामले की जांच के लिए बाहरी एजेंसी नियुक्त की

अब इंडसइंड बैंक ने मामले की जांच के लिए एक बाहरी एजेंसी को नियुक्त कर दिया है। सूतों के मुताबिक, बैंक ने PWC को मामले की स्वतंत्र जांच करने को कहा है। PWC की रिपोर्ट 2-3 हफ्ते में आ सकती है। इसके बाद पता चलेगा कि बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में मिसमैच का यह पूरा मामला कितना बड़ा है। सवाल है कि क्या मामला उतना ही बड़ा है जितने का दावा इंडसइंड बैंक ने अपने आंतरिक जांच के आधार पर बताया है? अगर यह मिसमैच 1500 करोड़ रुपये से ज्यादा का हुआ तो इंडसइंड बैंक बड़ी मुसीबत में फंस सकता है। इसकी वजह यह है कि बैंक के मैनेजमेंट ने कहा है कि 1500 करोड़ रुपये के लॉस को बर्दाश्त करने के लिए उसके पास पर्याप्त रिजर्व है।

करेंसी डेरिवेटिव ट्रेड्स 5-7 साल पुराने हैं

माना जा रहा है कि डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में लैप्सेज का यह मामला फॉरेक्स डेरिवेटिव से जुड़ा है। यह करेंसी डेरिवेटिव ट्रेड्स मार्च 2024 से पहले के 5-7 सालों के दौरान के हैं। उसके बाद बैंक ने इस ट्रेड को बंद कर दिया था। दरअसल बैंक ने तीन से पांच साल के येन और 8 से 10 साल के डॉलर बॉरोइंग के कम लिक्विडिटी वाले सौदे किए थे। ये मार्के-टू-मार्केट की जगह स्वैप कॉन्ट्रैक्ट्स थे।

यह भी पढ़ें: IndusInd Bank Shares: इंडसइंड बैंक के शेयरों में मची भगदड़, खुलते ही 22% क्रैश हो गया भाव

RBI के हस्तक्षेप के बाद बैंक ने डेरिवेटिव ट्रेडिंग रोकी थी

यह भी बताया जाता है कि डेरिवेटिव्स/स्वैप ट्रांजेक्शन को बैंक ने RBI के कहने के बाद रोक दिया था। आरबीआई ने बैंक को 1 अप्रैल, 2024 से इनटर्नल ट्रेड/हेजिंग रोकने को कहा था। सूत्रों का यह भी कहना है कि बैंक की आंतरिक कमेटी ने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो पर करीब 2,100 करोड़ रुपये के लॉस की जानकारी दी है। टैक्स के बाद यह अमाउंट करीब 1,580 करोड़ रुपये आता है। इससे बैंक के नेटवर्थ पर 2.35 फीसदी का असर पड़ सकता है।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।