इंडसइंड बैंक के शेयर 18 मार्च को मजबूत खुलने के बाद लाल निशान में आ गए। 11 मार्च को आई गिरावट ने इस स्टॉक पर बड़ी चोट की है। कई निवेशक इंडसइंड बैंक के शेयरों में निवेश के मौके तलाश रहे हैं। खासकर 15 मार्च को आरबीआई के इस बयान के बाद शेयरों में निवेश का बढ़ता दिख रहा है कि इंडसइंड बैंक की वित्तीय स्थिति को लेकर किसी तरह की चिंता की बात नहीं है। सवाल है कि तेज गिरावट के बाद क्या इंडसइंड के शेयरों में निवेश करने से मोटी कमाई होगी?
ब्रोकरेज फर्मों की अलग-अलग राय
IndusInd Bank के शेयरों के बारे में ब्रोकरेज फर्मों की अलग-अलग राय है। एमके ग्लोबल ने हाल में अपने मॉडल पोर्टफोलियो में इंडसइंड बैंक के स्टॉक के शामिल होने पर अफसोस जताया था। उसने यह भी कहा था कि उसने इस स्टॉक को बेचने में काफी देर कर दी। इस ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि जब तक नए सीईओ की नियुक्ति नहीं हो जाती है, इस स्टॉक में ज्यादा उछाल नहीं दिखेगा। ध्यान देने वाली बात है कि RBI ने इंडसइंड बैंक के सीईओ सुमंत कठपालिया को सिर्फ 1 साल का एक्सटेंशन दिया है।
ब्रोकरेज फर्मों ने घटाए प्राइस टारगेट
कोटक इंस्टीट्यूशन इक्विटीज ने इंडसइंड बैंक के शेयरों का टारगेट प्राइस 1,400 रुपये से घटाकर 850 रुपये कर दिया है। उसने इस स्टॉक पर अपनी राय भी 'खरीदें' से 'घटाएं' (Reduce) कर दी है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (MOFSL) ने इसका टारगेट प्राइस 925 रुपये कर दिया है। ICICI Securities ने इस स्टॉक का टारगेट प्राइस 850 रुपये कर दिया है। नुवामा ने 750 रुपये और निर्मल बंग ने 900 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है। पीएल कैपिटल ने 1,000 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है।
बैंक के लिए बड़े चैलेंजेज
ब्रोकरेज फर्मों के टारगेट प्राइस को देखने से यह संकेत मिलता है कि इंडसइंड बैंक का शेयर जल्द 11 मार्च को आई गिरावट की भरपाई कर लेगा। लेकिन, इसके 11 मार्च के लेवल से बहुत ज्यादा चढ़ने की उम्मीद ज्यादा नहीं दिखती है। बैंक की वित्तीय स्थिति को लेकर किसी तरह की चिंता नहीं है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंडसइंड बैंक ने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में लैप्सेज की जांच के लिए एक बाहरी एजेंसी को नियुक्त किया है। इस महीने के अंत तक एजेंसी की जांच रिपोर्ट आ जाने की उम्मीद है। अगर लैप्सेज इंडसइंड बैंक की आंतरिक जांच से ज्यादा रहता है तो इंडसइंड बैंक के शेयरों में फिर से बिकवाली शुरू हो सकती है।
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क्या आपको निवेश करना चाहिए?
अगर आप इंडसइंड बैंक के शेयरों में निवेश करना चाहते हैं तो आपको कम से कम एक्सटर्नल एजेंसी की जांच रिपोर्ट के नतीजों का इंतजार करना चाहिए। मीडियम टर्म में इंसडइंड बैंक का रास्ता आसान नहीं दिख रहा है। पहले बैंक के सामने माइक्रो फाइनेंस सेक्टर को दिया लोन और लीडरशिप का मसला था। अब डेरिवेटिव पोर्टफोलियो का मसला सबसे बड़ा चैलेंज बन गया है। इस मामले में तस्वीर साफ होने तक बैंक के शेयरों में निवेश करने में रिस्क है।