Infosys की चौथी तिमाही के नतीजे उम्मीद के मुकाबले कमजोर रहे हैं। FY24 के लिए कंपनी का आउटलुक भी निराश करने वाला है। इसके बावजूद कंपनी अपनी कैपिटल एलोकेशन पॉलिसी में किसी तरह का समझौता करने के लिए तैयार नहीं है। इंफोसिस देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी है। ब्लूमबर्ग के डेटा से पता चलता है कि कंपनी के डिविडेंड पेआउट की ग्रोथ पिछले तीन साल में सबसे कम है। FY23 यह ग्रोथ 9.7 फीसदी रही। प्रति शेयर 17.50 रुपये के साथ FY19 और FY20 के दौरान इंफोसिस का डिविडेंड प्रति शेयर एक जैसा रहा। FY21 में यह 27 रुपये रहा। FY22 में यह 31 रुपये रहा।
प्रति शेयर 17.50 रुपये फाइनल डिविडेंड
Infosys ने 13 अप्रैल को प्रति शेयर 17.50 रुपये के फाइनल डिविडेंड का ऐलान किया। इससे फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के दौरान उसका टोटल डिविडेंड बढ़कर 34 रुपये हो गया। यह FY22 के मुकाबले 9.7 फीसदी ज्यादा है। कंपनी ने पिछले साल अक्टूबर में प्रति शेयर 16.50 रुपये अंतरिम डिविडेंड का ऐलान किया था। कंपनी के CFO निलांजन रॉय ने कहा, "शानदार कलेक्शंस की वजह से चौथी तिमाही में फ्री कैश जेनरेशन मजबूत रहा। हमने अपनी कैपिटल एलोकेशन पॉलिसी पर अमल करते हुए शेयर बायबैक को सफलतापूर्वक पूरा किया। हमने FY23 में हमने 17.50 रुपये फाइनल डिविडेंड का प्रस्ताव दिया है।"
टोटल डिविडेंड पेआउट 14,200 करोड़ रुपये
FY23 में इंफोसिस का टोटल डिविडेंड पेआउट 14,200 करोड़ रुपये रहा। इससे पेआउट रेशियो 61 फीसदी आता है। कंपनी ने 13 फरवरी को ओपन मार्केट शेयर बायबैक को भी पूरा किया। यह औसत प्रति शेयर 1,539 रुपये पर किया गया। मैक्सिमम बायबैक प्राइस 1,850 रुपये तय किया गया था। FY23 के फाइनल डिविडेंड पेआउट के साथ कंपनी ने करीब 86 फीसदी फ्री कैशफ्लो शेयरहोल्डर्स को वापस किए हैं। करेंट कैपिटल एलोकेशन पॉलिसी के तहत ऐसा किया गया है।
इंफोसिस ने 13 अप्रैल को मार्च 2023 तिमाही के नतीजे जारी किए। कंपनी ने स्टॉक मार्केट बंद होने के बाद यह ऐलान किया। कंपनी का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट साल-दर-साल आधार पर 7.8 फीसदी बढ़कर 6182 करोड़ रुपए रहा। तिमाही दर तिमाही आधार पर कंपनी का कंसॉलिडेटेड प्रॉफिट दिसंबर 2022 तिमाही से कम रहा। दिसंबर 2022 तिमाही में उसका कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट 6586 करोड़ रुपए था।
Infosys के शेयरों में 13 अप्रैल को गिरावट देखने को मिली। कंपनी का शेयर 3.14 फीसदी गिरकर 1,383 रुपये पर बंद हुआ। दरअसल, 13 अप्रैल को आईटी शेयरों पर दबाव देखने को मिला। इसकी वजह टीसीएस के नतीजे रहे। टीसीएस ने 12 अप्रैल को स्टॉक मार्केट बंद होने के बाद चौथी तिमाही के नतीजों का ऐलान किया था। कंपनी के नतीजे उम्मीद के मुकाबले कमजोर रहे। इससे 13 अप्रैल को मार्केट ओपन पर आईटी शेयरों पर दबाव का अनुमान था।