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NSE Q2 Results: सितंबर तिमाही में 57% बढ़ा नेट प्रॉफिट, IPO लाने की तैयारी कर रही है कंपनी

NSE ने 4 नवंबर को एक बयान में कहा कि ट्रेडिंग रेवेन्यू के अलावा, ऑपरेशनल रेवेन्यू को अन्य रेवेन्यू लाइनों से भी मदद मिली, जिसमें मुख्य रूप से क्लियरिंग सर्विसेज, डेटा सेंटर और कनेक्टिविटी चार्ज, लिस्टिंग सर्विसेज, इंडेक्स सर्विसेज और डेटा सर्विसेज शामिल हैं

अपडेटेड Nov 04, 2024 पर 9:46 PM
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नेशनल स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (NSE) ने FY25 की दूसरी तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं।

NSE Q2 Results: IPO लाने की तैयारी कर रही कंपनी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (NSE) ने FY25 की दूसरी तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं। कंपनी ने आज 4 नवंबर को बताया कि जुलाई-सितंबर तिमाही में उसका कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 57 फीसदी बढ़ गया है। NSE ने इस अवधि में 3137 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया है। स्टॉक एक्सचेंज ने कहा कि उसकी कंसोलिडेटेड टोटल इनकम 25 फीसदी बढ़कर 5023 करोड़ रुपये हो गई।

कैसे रहे NSE के तिमाही नतीजे?

NSE ने 4 नवंबर को एक बयान में कहा, "ट्रेडिंग रेवेन्यू के अलावा, ऑपरेशनल रेवेन्यू को अन्य रेवेन्यू लाइनों से भी मदद मिली, जिसमें मुख्य रूप से क्लियरिंग सर्विसेज, डेटा सेंटर और कनेक्टिविटी चार्ज, लिस्टिंग सर्विसेज, इंडेक्स सर्विसेज और डेटा सर्विसेज शामिल हैं।"


NSE ने कहा कि उसने वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में सरकारी खजाने में 30130 करोड़ रुपये का योगदान दिया। इसमें सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) और कमोडिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (CTT) में 24,755 करोड़ रुपये, स्टांप ड्यूटी में 2,099 करोड़ रुपये, सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) फीस में 1333 करोड़ रुपये, इनकम टैक्स में 1,119 करोड़ रुपये और गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) में 824 करोड़ रुपये शामिल हैं।

एक्सचेंज ने कहा, "24755 करोड़ रुपये के STT/CTT में से 64 फीसदी कैश मार्केट सेगमेंट से और 36 फीसदी इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट से है।"

NSE के खर्च में 8% की गिरावट

NSE के कुल खर्च में 8 फीसदी की गिरावट देखी गई और यह 1,303 करोड़ रुपये रहा, जिसका मुख्य कारण सेबी को 670 करोड़ रुपये का सेटलमेंट फीस और 58 करोड़ रुपये का रेगुलेटरी फीस था, जिसकी आंशिक भरपाई कोर सेटलमेंट गारंटी फंड (SGF) में अतिरिक्त योगदान में कमी से हुई। कंपनी का ऑपरेटिंग EBITDA मार्जिन 74 फीसदी बढ़कर 3,344 करोड़ रुपये हो गया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 64 फीसदी था।

कब आएगा NSE का IPO?

NSE के सीईओ आशीष कुमार चौहान ने हाल ही में बताया कि देश के सबसे बड़े एक्सचेंज को मार्केट रेगुलेटर सेबी से क्लियरिंग का इंतजार है। एक बार क्लियरिंग मिल जाए, तो आईपीओ का काम आगे बढ़ेगा। एनएसई के सीईओ का कहना है कि वर्ष 2016 से ही लिस्टिंग की तैयारी चल रही है लेकिन यह टलता ही जा रहा है। इसे फिर से अप्लाई करने के लिए सेबी की मंजूरी की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसके कागजात तभी तैयार हो पाएंगे जब सेबी से नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) मिल जाएगा तो इसमें समय लगेगा।

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