आईआरसीटीसी के शेयरों का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। पिछले 3 महीनों की बात की जाए या बीते 10 महीनों की इसका प्रदर्शन स्टॉक एक्सचेंज के प्रमुख सूचकांक निफ्टी से कमजोर रहा है। घरेलू ट्रैवल और टूरिज्म इंडस्ट्री में आईआरसीटीसी की दमदार पोजीशन है। रेलवे के टिकट, कैटरिंग और पैकेज्ड वाटर बिजनेस में इसका एकाधिकार है। यह कंपनी कम कीमत में टूरिज्म पैकेज भी ऑफर करती है। कंपनी के ज्यादातर बिजनेस मैच्योर हो गए हैं। इनमें ऑर्गेनिक ग्रोथ की सीमति संभावना नजर आती है।
जून तिमाही में रेवेन्यू ग्रोथ 4 फीसदी
फाइनेंशियल ईयर 2025-26 की पहली तिमाही में IRCTC की रेवेन्यू ग्रोथ साल दर साल आधार पर सिर्फ 4 फीसदी रही। हालांकि, कंपनी के टूरिज्म बिजनेस की ग्रोथ अच्छी रही। लेकिन, कैटरिंग बिजनेस में गिरावट आई, जिसकी वजह इलेक्शन स्पेशनल ट्रेनों की गौर-मौजूदगी हो सकती है, जो एक साल पहले दौड़ रही थीं। इसके अलावा आईआरसीटीसी के कैटरिंग बिजनेस पर अमृत भारत स्टेशनों के अपग्रेडेशन का भी असर पड़ा होगा, क्योंकि इसके चलते स्टैटिक यूनिट्स से लाइसेंस फीस का नुकसान कंपनी को उठाना पड़ा।
नए प्लांट्स चालू होने पर रेल नीर बिजनेस को मिलेगा सपोर्ट
कंपनी का बिलासपुर प्लांट बंद रहा और वंदे भारत ट्रेनों में एक लीटर की बोतल की जगह 500 एमएल की बोतल की सप्लाई का असर रेल नीर के बिजनेस पर पड़ा। इंटरनेट टिकटिंग की वजह से कंपनी का ग्रोथ आउटलुक अच्छा रहा है। रेलवे के नई ट्रेनें शुरू करने का भी पॉजिटिव असर आईआरसीटीसी के कैटिरिंग बिनजेस पर पड़ा है। कंपनी दानापुर और अंबरनाथ में नए प्लांट्स लगा रही है, जिससे कंपनी के रेल नीर बिजनेस को मजबूती मिलेगी। कंपनी प्रयागराज, भागलपुर और मैसुरू में भी प्लांट्स लगा रही है।
वंदे भारत ट्रेनों की संख्या बढ़ने से होगा फायदा
भारत गौरव ट्रेन में रेक बढ़ाए जा रहे हैं, महाराजा एक्सप्रेस को अच्छी बुकिंग मिल रही है और अध्यात्मिक पर्यटन को ध्यान में रख नई ट्रेनें शुरू की जा रही हैं। इसका IRCTC के बिजनेस पर पॉजिटिव असर पड़ेगा। कैटरिंग को छोड़ बाकी सभी सब-सेगमेंट्स में मार्जिन में इम्प्रूवमेंट दिखा है। इंटरनेट टिकटिंग 87 फीसदी से ज्यादा पहुंच गया है, जिससे इसमें ज्यादा इजाफा की उम्मीद नहीं दिखती। ऐसे में मीडियम टर्म में वंदे भारत ट्रेनों की संख्या बढ़ने से आईआरसीटीसी के बिजनेस को मजबूती मिल सकती है। अगले तीन साल में वंदे भारत की स्लीपर ट्रेनों से भी आईआरसीटीसी के बिजनेस को सपोर्ट मिलेगा।
कंपनी के बिजनेस पर इकोनॉमिक स्लोडाउन का ज्याद असर नहीं
आईआरसीटीसी का मानना है कि डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर शुरू होने से रेल लाइनों पर लोड घटेगा, जिससे पैसेंजर ट्रेनों की संख्या बढ़ाने का मौका बनेगा। इकोनॉमिक स्लोडाउन और ग्लोबल इकोनॉमी की अनिश्चितता का रेलवे ट्रैवल और बजट टूरिज्म पर कम असर पड़ता है। इसलिए FY25-27 के दौरान कंपनी की अनुमानित अर्निंग्स की 12 फीसदी से ज्यादा सीएजीआर को लेकर बहुत कम रिस्क दिखता है। लंबी अवधि में आईआरसीटीसी की ग्रोथ को लेकर किसी तरह का चैलेंज नहीं दिख रहा।
कंजम्प्शन बढ़ाने के उपायों से होगा बिजनेस को फायदा
सरकार ने यूनियन बजट में टैक्सपेयर्स पर टैक्स कम करने का बड़ा कदम उठाया था। इसके अलावा जीएसटी रेट्स में कमी से भी मिडिल क्लास परिवार का मासिक खर्च घटेगा, जिससे उनके हाथ में ज्यादा पैसे बचेंगे। सरकार के इन उपायों से कंजम्प्शन बढ़ेगा, जिसका फायदा IRCTC जैसी कंपनियों को मिलेगा। बीते एक साल में आईआरसीटीसी का शेयर 23 फीसदी से ज्यादा गिरा है।