शेयर बाजार में कुछ दिनों पहले ही IREDA, सेलो वर्ल्ड, होनासा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (Mamaearth) और सिग्नेचर ग्लोबल की लिस्टिंग हुई है। अब ये स्टॉक्स MSCI स्मॉलकैप इंडेक्स में जगह बनाने वाले शीर्ष दावेदारों में से हैं। यह बात नुवामा अल्टरनेटिव एंड क्वांटिटेटिव रिसर्च की एक रिपोर्ट में कही गई है। MSCI 13 फरवरी को आधिकारिक घोषणा करेगा। एडजस्टमेंट्स 29 फरवरी को होने वाले हैं।नुवामा के अनुसार, MSCI स्मॉलकैप इंडेक्स में जगह बना सकने वाले अन्य दावेदारों में जय प्रकाश एसोसिएट्स, आरआर काबेल, केपीआई ग्रीन एनर्जी, प्रोटीन ई-गॉव, स्वान एनर्जी, जे कुमार इंफ्राप्रोजेक्ट्स, RattanIndia Power, टाइम टेक्नोप्लास्ट, इथोसा, संदुर मैंगनीज, केसोराम इंडस्ट्रीज, साई सिल्क्स कलामंदिर, फेडबैंक और डीबी रियल्टी शामिल हैं।
पिछले तीन महीनों में इन शेयरों में 10-100 प्रतिशत के बीच तेजी आई है जिससे उनका फ्री फ्लोट-एडजस्टेड मार्केट कैप, MSCI स्मॉलकैप इंडेक्स में शामिल होने के काबिल हो गया है। नुवामा की कैलकुलेशन के अनुसार, IREDA के इंक्लूजन से स्टॉक में 1.1 करोड़ डॉलर का पैसिव इनफ्लो आ सकता है, जबकि अन्य शेयरों में से हर एक में 20-70 लाख डॉलर का निवेश देखने को मिल सकता है।
पैसिव इनफ्लो यानि पैसिव फंड्स से निवेश। पैसिव फंड एक ऐसा इनवेस्टमेंट व्हीकल है, जो मार्केट इंडेक्स या एक विशिष्ट मार्केट सेगमेंट को ट्रैक करता है, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि किसमें निवेश करना है। MSCI और FTSE जैसे वैश्विक सूचकांकों में स्टॉक वेटेज का इंक्लूजन या इसमें बढ़ोतरी, पैसिव फंड्स से इनफ्लो की ओर ले जाती है। इन सूचकांकों से स्टॉक का एक्सक्लूजन, आमतौर पर निवेश की निकासी की ओर ले जाता है।
MSCI स्टैंडर्ड इंडेक्स की बात करें तो जिंदल स्टेनलेस, BHEL, पंजाब नेशनल बैंक, NMDC और ओबेरॉय रियल्टी, वर्तमान में MSCI स्टैंडर्ड इंडेक्स में शामिल होने के लिए क्वालिफाई कर रहे हैं। नुवामा अल्टरनेटिव एंड क्वांटिटेटिव रिसर्च के प्रमुख अभिलाष पगारिया का कहना है कि इस इंडेक्स में एक बार शामिल होने के बाद, प्रत्येक स्टॉक में 13-15 करोड़ डॉलर का पैसिव इनफ्लो देखा जा सकता है। MSCI स्टैंडर्ड इंडेक्स में शामिल होने के लिए कुछ अन्य मजबूत दावेदार अल्केम लैब्स, प्रेस्टीज एस्टेट्स, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और सोलर इंडस्ट्रीज हैं। लेकिन इसके लिए इनकी कीमत में मौजूदा लेवल्स से 2-6 प्रतिशत की तेजी चाहिए।
इसी तरह, शेयरों में 8-20 प्रतिशत की तेजी आने पर डालमिया भारत, NHPC, जीएमआर एयरपोर्ट्स, FSN ई-कॉमर्स वेंचर्स (Nykaa), केनरा बैंक, मैनकाइंड फार्मा, बॉश और वोडाफोन आइडिया भी MSCI स्टैंडर्ड इंडेक्स में जगह बना सकते हैं। पगारिया के मुताबिक, अगर फरवरी की घोषणा से पहले इन शेयरों में तेजी नहीं दिखती है, तो वे मई के रिव्यू के लिए जबूत दावेदार हो सकते हैं। MSCI ने फरवरी की घोषणा के लिए कट-ऑफ अवधि 18 से 31 जनवरी के बीच निर्धारित की है। जहां तक एक्सक्लूजन की बात है तो इंद्रप्रस्थ गैस का शेयर मौजूदा बाजार मूल्य से 3-4 प्रतिशत नीचे आने पर इंडेक्स से बाहर हो सकता है। हालांकि फिलहाल यह सुरक्षित है।
भारत की MSCI एमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में हिस्सेदारी
अक्टूबर 2020 में भारत की MSCI एमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में हिस्सेदारी 8 प्रतिशत थी, जो अब बढ़कर 17.1 प्रतिशत हो चुकी है। पिछली रिस्ट्रक्चरिंग में MSCI ने MSCI स्टैंडर्ड इंडेक्स में नौ भारतीय शेयरों को शामिल किया था, जिनमें इंडसइंड बैंक, सुजलॉन एनर्जी, पर्सिस्टेंट सिस्टम्स और पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस भी शामिल थे।
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