टाटा टेक्नोलॉजीज का आईपीओ (Tata Technologies IPO) बहुत ही अच्छे भाव पर आया है। यह आईपीओ टाटा एलेक्सी, KPIT टेक्नोलॉजीज, L&T टेक्नोलॉजी सर्विसेज जैसी अपनी प्रतिद्वन्दी कंपनियों की तुलना में सस्ता मिल रहा है। ये बातें मनीकंट्रोल को दिए एक साक्षात्कार में मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में एवीपी - रिटेल रिसर्च, ब्रोकिंग और डिस्ट्रीब्यूशन स्नेहा पोद्दार ने कही हैं। उनका मानना है कि टाटा समूह 19 साल के अंतराल के बाद आईपीओ लेकर आ रहा है। इसलिए भी इस आईपीओ में निवेशकों की खास रुचि है।
इक्विटी रिसर्च में 10 साल से ज्यादा का अनुभव रखने वाली स्नेहा का कहना है हाई क्रेडिट रेटिंग और अच्छे कॉरपोरेट गवर्नेंस के चलते IREDA की फंड लागत काफी कम है। इसके साथ ही आईपीओ का भाव भी काफी अच्छा लग रहा है। इन वजहों से यह आईपीओ भी अच्छा दिख रहा है।
Tata Technologies के IPO की इतनी मांग क्यों है?
इसके जवाब में स्नेहा पोद्दार ने कहा कि टाटा ग्रुप 19 साल के अंतराल के बाद कोई आईपीओ लेकर आया है। ऐसे में यह आईपीओ निवेशकों को आकर्षित कर रहा है। इसके अलावा कंपनी को अच्छे प्रमोटर और मजबूत वित्तीय स्थिति का भी फायदा मिल रहा है। टाटा टेक्नोलॉजीज ER&D (इंजीनियरिंग रिसर्च और डेवलपमेंट) सेक्टर की जान-मानी कंपनी है। कंपनी की आय में 70 फीसदी से ज्यादा योगदान ऑटोमोटिव सेगमेंट का है जो ER&D इंडस्ट्री का सबसे बड़ा सेगमेंट है। कंपनी को इस सेक्टर में बड़े आउटसोर्सिंग अवसर से फायदा होगा।
क्या IREDA 32 रुपये प्रति शेयर के भाव पर एक बढ़िया आईपीओ है?
इसके जवाब में स्नेहा ने कहा कि इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (आईआरईडीए), रिन्यूएबल एनर्जी से जुड़े प्रोजेक्टस के फंडिंग के कारोबार में है। रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर पर सरकार के बढ़ते फोकस के साथ IREDA को लिए भी ग्रोथ की व्यापक संभावनाएं हैं । हाल ही में IREDA को अपग्रेड करके 'अनुसूची ए' कटेगरी में डाल दिया गया है। ऐसे में कंपनी के लिए "नवरत्न" स्टेटस का दरवाजा खुल गया है। इससे कंपनी के बैलेंस शीट को और मजबूती मिल सकती है। हाई क्रेडिट रेटिंग और अच्छे कॉरपोरेट गवर्नेंस के चलते IREDA की फंड लागत काफी कम है। इसके साथ ही आईपीओ का भाव भी काफी अच्छा लग रहा है। इन वजहों से यह आईपीओ भी अच्छा दिख रहा है।
क्या आपको लगता है कि एनबीएफसी कंपनियों के लिए मौजूदा माहौल को देखते हुए फेडबैंक फाइनेंशियल सर्विसेज का आईपीओ सही भाव पर लॉन्च हुआ है?
इस सवाल पर स्नेहा ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
क्या आपको लगता है कि गांधार ऑयल रिफाइनरी, पोर्टफोलियो में शामिल करने के लिए एक अच्छी कंपनी है?
इसके जवाब में स्नेहा ने कहा कि गांधार ऑयल विदेशी बाजारों में अच्छी पैठ रखने के साथ ही इंडियन व्हाइट ऑयल मार्केट की लीडिंग मैन्युफैक्चरर है। कंपनी के प्रोडक्ट्स का उपयोग कंज्यूमर, हेल्थकेयर, ऑटोमोटिव, इंडस्ट्रियल, पावर, टायर और रबर सेक्टर में कच्चे माल के तौर पर किया जाता। देश में व्हाइट ऑयल के बाजार में तेज ग्रोथ की उम्मीद है जिसका फायदा गांधार ऑयल को मिलेगा।
फ्लेयर राइटिंग इंडस्ट्रीज आईपीओ पर आपकी क्या राय है?
इस सवाल के जवाब में स्नेहा ने कहा कि निवेशक फ़्लेयर राइटिंग पर भी नज़र डाल सकते हैं क्योंकि यह भारत में स्टेशनरी सेक्टर की टॉप थ्री खिलाड़ियों में से एक है। कंपनी की ब्रांड इमेज काफी मजबूत है। कंपनी की बाजार हिस्सेदारी भी 9 फीसदी के आसपास है। कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन भी काफी अच्छा रहा है। इसके अलावा इसमें हाउसवेयर प्रोडक्ट्स के कारोबार में भी कदम रखा है। इस कारोबार के विस्तार में कंपनी को अपने पहले से स्थापित बड़े नेटवर्क का फायदा मिलेगा। इससे आगे कंपनी की कमाई में और बढ़त होने की उम्मीद है। इसके अलावा स्टॉक का भाव भी दूसरी प्रतिद्वंदी कंपनियों की तुलना में सस्ता है जो इस आईपीओ को आकर्षक बनाता है।
क्या आपको चालू वित्त वर्ष की बाकी बची अवधि में बड़े आईपीओ आने की उम्मीद है?
इसके जवाब में स्नेहा ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में 40 से ज्यादा कंपनियां अपने आईपीओ लेकर आई हैं। कई आईपीओ अभी भी पाइपलाइन में हैं। सेकेंडरी मार्केट में आए उछाल को देखते हुए कंपनियां धन जुटाने या मौजूदा निवेशकों को बाहर निकलने का रास्ता देने लिए इस तेजी का फायदा उठाना चाहती हैं। रिटेल निवेशकों के जोश से भी आईपीओ बाजार को बूस्ट मिल रहा है। आईटीसी होटल्स, ओयो रूम्स, ओला इलेक्ट्रिक, स्विगी, मोबिक्विक, टाटा प्ले, टाटा संस समेत कई दूसरे आईपीओ जल्द ही बाजार का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
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