लगभग 1400 करोड़ रुपये के एसेट का प्रबंधन करने वाली निवेश सलाहकार फर्म, आईथॉट फाइनेंशियल कंसल्टिंग के फाउंडर श्याम शेखर का कहना है कि अनरेग्युलेटेड एडवाइजर्स और ट्रेंड का पीछा करने वाली भीड़, मिड और स्मॉलकैप में उन्माद को बढ़ावा दे रही है और स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण से बाहर दिख रही है। इस बार छोटे-मझोले शेयरों में आई खरीदारी कुछ अलग टाइप की है लेकिन ये कुल मिलाकर पॉजिटिव नहीं है। उन्होंने मनीकंट्रोल से एक टेलीफोनिक साक्षात्कार में कहा, निवेशकों के बीच मौका चूकने का डर (fear of missing out (FOMO) बनाया जा रहा है। ऐसे में छोटे-मझोले शेयरों में अभी और तेजी देखने को मिल सकती है।
लॉजिस्टिक कंपनियों में होगी कमाई
श्याम शेखर को इस समय लॉजिस्टिक कंपनियों, फाइनेंशियल कंपनियों और इंडस्ट्रियल कंज्यूमेबल बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में निवेश के अच्छे मौके दिख रहे हैं। देश की अर्थव्यवस्था में आगे तेजी आने की उम्मीद है। किसी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में सीमेंट, स्टील और इंजीनियरिंग सेक्टर की भारी मांग होती है। ऐसे में हमें इन सेक्टर से जुड़े अच्छे शेयरों पर नजर रखनी चाहिए।
श्याम शेखर का कहना है तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में कार्यक्षमता और कार्यकुशलता ही मुनाफे का स्रोत होती है। अगर आप कच्चे माल और प्रोडक्ट को तेज गति से एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में सक्षम हैं, तो इससे बहुत अधिक कार्यक्षमता और कार्यकुशलता पैदा होती है। इसके आपका समय बचता है, आपकी इन्वेंट्री कम होती है। यह सब मुनाफे में तब्दील हो जाता है। ऐसे देश में आगे लॉजिस्टिक कंपनियों की भूमिका काफी अहम होगी। लॉजिस्टिक्स सेक्टर देश के आर्थिक परिवर्तन में एक बहुत ही अहम भूमिका निभाएगा। ऐसे में लॉजिस्टिक्स शेयरों में अच्छी तेजी देखने को मिलेगी।
हमें मिड-कैप और स्मॉल-कैप कंपनियों के शेयरों में भारी खरीदारी देखने को मिल रही है। माइक्रो-कैप कंपनियों के शेयरों में खरीद उन्माद के स्तर पर पहुंच गई। इस पर आपकी क्या राय है? इस पर श्याम शेखर ने कहा कि निवेशकों को एक सेक्टर या एक थीम के पीछे भागते देखना कोई नई बात नहीं है। हमने 2018 में स्मॉलकैप में ऐसा होते देखा है। 2008 में इन्फ्रा सेक्टर में भी इसी तरह की तेजी देखने को मिली थी। फार्मा और बैंकिंग में हमें कई बार ऐसा देखने को मिला है। इस बार जो अलग है वह यह है कि खरीदारी की गति बहुत तेज है। ट्रेंड बनाने वाले लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है और ट्रेंड का पीछा करने वाली भीड़ अब पहले से कहीं अधिक बड़ी है। जिस तरह से इस ट्रेंड को बढ़ावा दिया जा रहा है वह अब नियंत्रण से बाहर हो रहा है। इस समय भीड़ बाजार का ट्रेंड तय कर रही है। हम इसे रेग्यूलेट करने में सक्षम नहीं हैं, सिर्फ तमाशबीनबन कर रह गए हैं। बाजार इस समय एकदम असहाय स्थिति में दिख रहा है।
लिक्विडिटी और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर तय कर रहे बाजार की दिशा
आज, जो लोग दूसरों लोगों को स्टॉक खरीदने की सलाह दे रहे हैं वे लगभग पूरी तरह से अनरेग्यूलेटेड है। इन पर किसी का अंकुश नहीं है। सोशल मीडिया पर राय देने वालों की भरमार है। मीडिया पर इस तरह की निवेश सलाह देने वालों की कोई जवाबदेही भी तय नहीं है। इसके अलावा हमारे सिस्टम में इस समय नकदी भी काफी ज्यादा है। ऐसे में कोई भी उल्टी-सीधी निवेश सलाह मिलने पर लोग बिना सोचे-समझे पैसे लगा रहे हैं। ऐसा लगता है कि आगे बाजार में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा। स्थिति सुधरने से पहले थोड़ी बिगड़ेगी। अब अगला मानसून बाजार की आगे की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएगा। बीच की अवधि में हमें बाजार काफी वोलेटाइल नजर आएगा।
डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनीकंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।