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IT Stocks: आईटी कंपनियों को डोनाल्ड ट्रंप दे सकते हैं एक और झटका; कोफोर्ज, विप्रो समेत 10 में से 9 शेयर लुढ़के

IT Stocks: अमेरिकी की डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने H-1B वीजा की फीस बढ़ाने के बाद अब इसमें एक और बदलाव का प्रस्ताव रखा है। यह नया प्रस्ताव भारतीय आईटी कंपनियों के आउटसोर्सिंग हायरिंग मॉडल को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके चलते अधिकतर आईटी कंपनियों के शेयर आज 24 सितंबर को दबाव के साथ कारोबार करते हुए दिखाई दिए। निफ्टी आईटी इंडेक्स कारोबार के दौरान 0.7 फीसदी से अधिक टूटकर 34,857.70 के स्तर पर आ गया

अपडेटेड Sep 24, 2025 पर 3:49 PM
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IT Stocks: निफ्टी आईटी इंडेक्स के 10 में से 9 गिरावट के साथ बंद हुए

IT Stocks: अमेरिकी की डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने H-1B वीजा की फीस बढ़ाने के बाद अब इसमें एक और बदलाव का प्रस्ताव रखा है। यह नया प्रस्ताव भारतीय आईटी कंपनियों के आउटसोर्सिंग हायरिंग मॉडल को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके चलते अधिकतर आईटी कंपनियों के शेयर आज 24 सितंबर को दबाव के साथ कारोबार करते हुए दिखाई दिए। निफ्टी आईटी इंडेक्स कारोबार के दौरान 0.7 फीसदी से अधिक टूटकर 34,857.70 के स्तर पर आ गया। यह इसका पिछले दो हफ्तों का सबसे निचला स्तर है।

आईटी शेयरों की स्थिति

आईटी शेयरों में गिरावट की अगुआई कोफोर्ज और विप्रो ने की। कोफोर्ज के शेयर 2.68 फीसदी और विप्रो के शेयर 2.02 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुए। वहीं टेक महिंद्रा और एलटीआईमाइंडट्री के शेयरों में 1 फीसदी से अधिक की गिरावट देखने को मिली। TCS, एमफैसिस और पर्सिस्टेंट सिस्टम्स के शेयर करीब 0.98 फीसदी तक गिरकर बंद हुए। जबकि ओरेकेल फाइनेंशियल सर्विसेज और इंफोसिस के शेयरों में 0.19 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली।

निफ्टी आईटी इंडेक्स के 10 में से 9 गिरावट के साथ बंद हुए। सिर्फ HCL टेक के शेयर 0.87 फीसदी की तेजी के साथ हरे निशान में बंद हुए।


ट्रंप प्रशासन का नया प्रस्ताव

अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) ने H-1B वीजा के लिए मौजूदा लॉटरी सिस्टम को खत्म करके और वेतन आधारित चयन प्रक्रिया लागू करने का प्रस्ताव रखा है। इसमें ज्यादा वेतन और ज्यादा स्किल वाले आवेदकों को प्राथमिकता दी जाएगी।

नए प्रस्ताव के मुताबिक, अगर सालाना 85,000 वीजा की सीमा से अधिक आवेदन आते हैं, तो ऊंचे वेतन देने वाली कंपनियों को तरजीह मिलेगी। इस प्रस्ताव का मकसद अमेरिकी कर्मचारियों को सस्ते विदेशी कर्मचारियों से मिलने वाले कॉम्पिटीशन से बचाना है।

वीजा फीस में ऐतिहासिक बढ़ोतरी

डोनाल्ड ट्रंप ने अभी हाल ही में H-1B वीजा आवेदन के लिए फीस को करीब सौ गुना बढ़ाकर $100,000 (करीब ₹88 लाख रुपये) करने का ऐलान किया था। इससे पहले यह 215 डॉलर से $4,500 डॉलर के बीच थी। भारत इस H-1B वीजा सिस्टम का सबसे बड़ा लाभार्थी है, पिछले साल 71% मंजूरियां भारतीय पेशेवरों को मिली थीं। जबकि चीन का हिस्सा केवल 11.7% था।

एक्सपर्ट्स की क्या है राय?

ICICI सिक्योरिटीज का कहना है कि यह कदम खासतौर पर फ्रेशर हायरिंग और स्टार्टअप्स पर नेगेटिव असर डाल सकता है। वहीं, बड़ी आईटी कंपनियां ऑफशोरिंग, लोकल हायरिंग और नियर-शोरिंग के जरिए आंशिक रूप से इसका प्रभाव कम कर सकती हैं।

वहीं एलारा कैपिटल का कहना है कि भारतीय आईटी कंपनियों ने पिछले कुछ सालों में H-1B वीजा पर अपनी निर्भरता घटाई है और लोकर हायरिंग में इजाफा किया है। आगे यह कंपनियां ऑफशोरिंग का सहारा ले सकती हैं। इसके अलावा कंपनियां क्लाइंट्स के साथ बातचीत कर सकती हैं ताकि बढ़ी हुई वीजा लागत का कुछ बोझ साझा किया जा सके।

एलारा कैपिटल ने कहा कि अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो मिडकैप आईटी कंपनियों की आय पर 5.8% तक और लार्जकैप कंपनियों की आय पर 8.4% तक नकारात्मक असर पड़ सकता है।

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Vikrant singh

Vikrant singh

First Published: Sep 24, 2025 3:49 PM

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