IT शेयरों में निवेश किया है? तो जान लीजिए जून तिमाही के नतीजे क्या संकेत दे रहे हैं

कई बड़ी आईटी कंपनियों ने नतीजों के ऐलान कर दिए हैं। जून तिमाही में उनका प्रदर्शन कमजोर रहा है। रेवेन्यू ग्रोथ अच्छी नहीं रही है। इसकी वजह वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता को माना जा रहा है। टीसीएस और विप्रो की रेवेन्यू (डॉलर में) गिरावट आई है

अपडेटेड Jul 21, 2025 पर 6:37 PM
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FY2025 की पहली तिमाही के मुकाबले FY26 की पहली तिमाही में टीसीएस, एचसीएल और एलटीआईमाइंडट्री के मार्जिन में गिरावट आई है।

आईटी स्टॉक्स में इनवेस्ट करने वाले निवेशकों की नजरें कंपनियों के जून तिमाही के नतीजों पर लगी थीं। कई बड़ी आईटी कंपनियों ने नतीजों के ऐलान कर दिए हैं। जून तिमाही में उनका प्रदर्शन कमजोर रहा है। रेवेन्यू ग्रोथ अच्छी नहीं रही है। इसकी वजह वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता को माना जा रहा है। टीसीएस और विप्रो की रेवेन्यू (डॉलर में) गिरावट आई है। एचसीएल टेक्नोलॉजीज और एलटीआईमाइंडट्री की सेल्स में मामूली वृद्धि दिखी है।

FY26 में अर्निंग्स कमजोर रहने का अनुमान

कमजोर नतीजों के बावजूद आईटी कंपनियों को आगे अच्छी डील होने की उम्मीद है। ऑर्डर बुकिंग के मामले में Wipro बड़ी आईटी कंपनियों में सबसे मजबूत स्थिति में है। इसके बावजूद FY26 में विप्रो की अनिंग्स के अनुमान को ज्यादा नहीं बढ़ाया गया है। जून तिमाही के नतीजों के बाद TCS और HCL Technologies की FY26 की कमाई के अनुमान में बड़ी कमी देखने को मिली है। दरअसल, ऑर्डर के रेवेन्यू में बदलने की रफ्तार सुस्त रही है। प्रॉफिट मार्जिन का आउटलुक भी कमजोर रहा है। FY2025 की पहली तिमाही के मुकाबले FY26 की पहली तिमाही में टीसीएस, एचसीएल और एलटीआईमाइंडट्री के मार्जिन में गिरावट आई है।


कमजोर रेवेन्यू की ग्रोथ मार्जिन पर पड़ने की आशंका

विप्रो के कई ऑर्डर्स में कुछ बड़े प्रोजेक्ट्स शामिल हैं। इनमें अपफ्रंट कॉस्ट शामिल है। कंपनी ने ये प्रोजेक्ट्स कड़ी प्रतिस्पर्धा के माहौल में हासिल किए हैं। इस वजह से इनका प्रॉफिट मार्जिन कम रह सकता है। BoB Capital Markets के एनालिस्ट्स ने विप्रो के बारे में अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यह माना जा रहा है कि इन डील में प्रॉफिट मार्जिन मौजूदा कॉर्पोरेट मार्जिन के मुकाबले कम रहेगा। इसका असर FY26 में कंपनी के कुल मार्जिन पर दिख सकता है।

कंपनियां मैनपावर का नहीं कर पा रहीं पूरा इस्तेमाल

आईटी कंपनियों के सामने सिर्फ कॉम्पिटिशन और प्राइसिंग का चैलेंज नहीं है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता के बीच नए प्रोजेक्ट्स मिलने की रफ्तार फी सुस्त है। इस वजह से जून तिमाही में टीसीएस और एचसीएल टेक्नोलॉजीज अपने एंप्लॉयीज का पूरा इस्तेमाल नहीं कर पाईं। रेवेन्यू की सुस्त रफ्तार का सीधा असर कंपनी के प्रॉफिट मार्जिन पर पड़ रहा है। कंपनियां FY26 में प्रॉफिट मार्जिन का अनुमान घटा रही हैं।

वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थितियां बेहतर होने का इंतजार

जून तिमाही में साल दर साल आधार पर टीसीएस के प्रॉफिट मार्जिन में कमी आई। हालांकि, कंपनी ने एंप्लॉयीज की सैलरी में इंक्रीमेंट टाल दिया था। टीसीएस के प्रॉफिट मार्जिन पर भी कमजोर रेवेन्यू का दबाव दिखा है। जेफरीज के एनालिस्ट्स का कहना है कि डिस्क्रेशनरी आईटी स्पेंड्स पर प्रेशर बना हुआ है। फैसले लेने में भी देर लग रही है। इसका असर आईटी कंपनियों के बिजनेस पर दिखेगा। कंपनियों के प्रॉफिट मार्जिन में इम्प्रूवमेंट तभी दिखेगा जब ओवरऑल माहौल बेहतर होगा।

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आईटी कंपनियों के शेयरो पर दबाव

आईटी कंपनियों के शेयरों पर 21 जुलाई को दबाव देखने को मिला। विप्रो का शेयर 2 फीसदी गिरकर 261.50 रुपये पर चल रहा था। टीसीएस का शेयर 1.07 फीसदी की गिरावट के साथ 3,156 रुपये था। इंफोसिस का शेयर 0.21 फीसदी की कमोजोरी के साथ 1,582 रुपये पर चल रहा था।

MoneyControl News

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First Published: Jul 21, 2025 1:12 PM

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