Cigarettes Stocks: जीएसटी काउंसिल ने सिगरेट, पान मसाला, गुटखा और दूसरे तंबाकू उत्पादों पर जीएसटी दर को 28 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने का फैसला किया है। यह फैसला 56वीं जीएसटी काउंसिल बैठक के दौरान लिया गया। वित्त मंत्री ने कहा कि 40 प्रतिशत की यह स्पेशल दर केवल पान मसाला, सिगरेट, गुटखा और तंबाकू से बने उत्पादों जैसे जर्दा, बिना प्रोसेस किए तंबाकू और बीड़ी पर लागू होगी। हालांकि इस फैसले के बावजूद आज 4 सितंबर को शेयर बाजार में सिगरेट कंपनियों के शेयरों में तेजी देखने को मिली। सुबह 10 बजे के करीब, आईटीसी (ITC), वीएसटी इंडस्ट्रीज (VST Industries) और गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया (Godfrey Phillips India) के शेयर 1 से 4 प्रतिशत की तेजी के साथ कारोबार कर रहे थे।
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह फैसला तंबाकू कंपनियों के लिए न्यूट्रल या पॉजिटिव साबित हो सकता है। उन्होंने बताया कि तंबाकू उत्पादों पर अभी तक 28 प्रतिशत जीएसटी के साथ-साथ सेस भी लगाया जाता था। इस वजह से इन कंपनियों के लिए टैक्स की कुल प्रभावी दर एमआरपी का लगभग 50-55 प्रतिशत तक पहुंच जाता था। लेकिन अब नई व्यवस्था में 40 प्रतिशत जीएसटी के अलावा कोई सेस नहीं लगेगा।
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने कहा कि अगर इस नए जीएसटी ढांचे के अलावा सरकार कोई अतिरिक्त टैक्स नहीं लगाती है, तो यह तंबाकू इंडस्ट्री के लिए फायदे वाली बात होगी। हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि तंबाकू उत्पादों पर लगने वाली नेशनल कैलैमिटी कंटिजेंट ड्यूटी (NCCD) जारी रहेगी या नहीं।
ब्रोकरेज ने कहा कि अगर NCCD मौजूदा दर पर जारी भी रहती है, तो भी कुल टैक्स का बोझ करीब 5 प्रतिशत कम हो जाएगा। ऐसे में तंबाकू कंपनियां अपने उत्पादों के दाम घटाकर अवैध बिक्री करने वाले प्लेयर्स से कॉम्पिटीशन में बढ़त ले सकती हैं।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि पिछले कुछ सालों में स्थिर टैक्स नीति ने अवैध सिगरेट कारोबार को नियंत्रित करने में मदद की है और वैध बिक्री बढ़ने से सरकार को भी लाभ हुआ है। ब्रोकरेज फर्म एमके ग्लोबल (Emkay Global) ने जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले एक रिपोर्ट में कहा था, "हमारा मानना है कि सरकार धीरे-धीरे टैक्स स्ट्रक्चर को बदल सकती है और जीएसटी दर को 28 से 40 प्रतिशत कर सकती है, जबकि बाकी टैक्स के बोझ को NCCD पर डाल सकती है।"
ITC के शेयरों में कमजोरी जारी
हालांकि, बीते एक साल में ITC के शेयरों में लगभग 16 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। इसके पीछे टैक्स में बढ़ोतरी से जुड़ी चिंता मुख्य वजह रही है। इसके अलावा गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया ने आक्रामक कॉम्पिटीशन के जरिए ITC से लगभग 300 बेसिस प्वाइंट का मार्केट शेयर छीन लिया है। साथ ही तंबाकू पत्तियों की बढ़ती कीमतों ने भी ITC के मुनाफे के मार्जिन पर दबाव डाला है।
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