अपने देश को छोड़ भारत पर अधिक है भरोसा, जापान के रिटेल इनवेस्टर्स धड़ाधड़ खरीद रहे भारतीय शेयर

जापान के रिटेल इनवेस्टर्स भारतीय शेयरों की ताबड़तोड़ खरीदारी कर रहे हैं। जापानी निवेशकों के मुताबिक भारत अगला चाइना है। आंकड़ों के मुताबिक भारतीय शेयरों से जुड़े जापानी इनवेस्टमेंट ट्रस्ट्स में टोटल एसेट्स जनवरी में 11 फीसदी बढ़कर 23.7 हजार करोड़ येन (13.41 हजार करोड़ रुपये) पर पहुंच गया। इस मामले में चीन काफी पीछे छूट गया। जानिए इसकी वजह क्या है?

अपडेटेड Feb 02, 2024 पर 11:51 AM
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जापान के खुदरा निवेशकों की दिलचस्पी बाकी उभरते देशों की तुलना में भारत में अधिक दिख रही है।

जापान के रिटेल इनवेस्टर्स भारतीय शेयरों की ताबड़तोड़ खरीदारी कर रहे हैं। जापानी निवेशकों के मुताबिक भारत अगला चाइना है। न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक भारतीय शेयरों से जुड़े जापानी इनवेस्टमेंट ट्रस्ट्स में टोटल एसेट्स जनवरी में 11 फीसदी बढ़कर 23.7 हजार करोड़ येन (13.41 हजार करोड़ रुपये) पर पहुंच गया। पिछले महीने भारतीय शेयरों की तेजी जापानी करेंसी येन के आधार पर बात करें तो भारतीय शेयरों से जुड़े फंड्स में 14 हजार करोड़ येन (7920.04 करोड़ रुपये) का निवेश आया जबकि जापानी शेयरों से जुड़े फंड में लगभग कोई नेट इनफ्लो नहीं आया।

किसी खास स्टॉक नहीं बल्कि पूरे भारत को लेकर दिलचस्पी

जापान के खुदरा निवेशकों की दिलचस्पी बाकी उभरते देशों की तुलना में भारत में अधिक दिख रही है। इसकी एक वजह तो इस साल शुरू हुए टैक्स-फ्री इनवेस्टमेंट अकाउंट्स है। जापान के यूबीएस सुमी ट्रस्ट वेल्थ मैनेजमेंट कंपनी के रीजनल चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर दैजू आओकी (Daiju Aoki) का कहना है कि इकनॉमिक ग्रोथ की थीम के रूप में भारतीय शेयरों को लेकर निवेशकों का आकर्षण बढ़ रहा है। जापानी निवेशक इसे अगला चीन मान रहे हैं। उनका यह भी कहना कि यह दिलचस्पी सिर्फ इंडिविजुअल कंपनियों को लेकर नहीं है बल्कि पूरे भारत को लेकर है।


Japan Stocks

भारतीय शेयरों में जापानी खुदरा निवेशकों का निवेश तेजी से बढ़ रहा है तो इसकी तुलना में चाइनीज शेयरों में निवेश 14 उभरते देशों में सबसे तेज गिरा। इन आंकड़ों में इंस्टीट्यूशनल और रिटेल इनवेस्टर्स की पोजिशंस शामिल है। दुनिया के सबसे बड़े क्रेडिटर जापान से यह पैसा ऐसे समय में शिफ्ट हो रहा है जब चीन में प्रॉपर्टी बबल के फूटने और डिफ्लेशन की स्थिति का सामना कर रहा है। इस आर्थिक दिक्कत से जापान दशकों से जूझ रहा है।

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कैसी रही पिछले महीने मार्केट की स्थिति और आगे क्या है हाल

भारत का निफ्टी 50 इंडेक्स पिछले महीने रुपये के हिसाब से लगभग फ्लैट रहा, लेकिन जापानी मुद्रा की गिरावट के कारण येन के हिसाब से 4.2% ऊपर चढ़ा। येन पर आधारित निवेशकों के लिए शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 3.5% और हैंग सेंग इंडेक्स 5.7% गिर गए। इकनॉमिस्ट्स का अनुमान है कि भारत की आर्थिक वृद्धि सालाना आधार पर कम से कम 2025 की दूसरी तिमाही तक औसतन 6% से अधिक रहेगी जबकि इस दौरान चीन की आर्थिक ग्रोथ 5% से नीचे रह सकती है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार जनसंख्या के हिसाब से भी माहौल भारत के पक्ष में है क्योंकि इसकी जनसंख्या 2050 तक 17% बढ़ने का अनुमान है जबकि चीन में 7.9% की गिरावट आ सकती है।

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First Published: Feb 02, 2024 11:51 AM

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