Jay Ambe Supermarkets IPO Listing: 'सिटी स्केयर मार्ट' की पैरेंट कंपनी जय अंबे सुपरमार्केट्स के शेयरों की आज BSE SME पर सुस्त एंट्री हुई। हालांकि इसके आईपीओ को निवेशकों का धांसू रिस्पांस मिला था और ओवरऑल इसे 64 गुना से अधिक बोली मिली थी। आईपीओ के तहत ₹78.00 के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज BSE SME पर ₹79.00 पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को 1.28% का लिस्टिंग गेन (Jay Ambe Supermarkets Listing Gain) मिला। लिस्टिंग के बाद शेयर और ऊपर चढ़े। उछलकर यह ₹82.95 (Jay Ambe Supermarkets Share Price) के अपर सर्किट पर पहुंच गया और इसी पर बंद भी हुआ यानी कि पहले कारोबारी दिन की समाप्ति पर आईपीओ निवेशक 6.35% मुनाफे में हैं।
Jay Ambe Supermarkets IPO के पैसे कैसे होंगे खर्च
जय अंबे सुपरमार्ट्स का ₹18.45 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 10-12 सितंबर तक खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का शानदार रिस्पांस मिला था और ओवरऑल यह 64.13 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 16.79 गुना (एक्स-एंकर), नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 110.24 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 71.39 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत ₹10 की फेस वैल्यू वाले 23,64,800 नए शेयर जारी हुए हैं। इन शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों में से ₹4.25 करोड़ अहमदाबाद के नाना चिलोदा में स्थित कंपनी के एक मौजूदा स्टोर को खरीदने, ₹4.63 करोड़ तीन नए स्टोर्स के लिए फिट-आउट की खरीदारी, ₹4.50 करोड़ वर्किंग कैपिटल की जरूरतों और बाकी पैसे आम कॉरपोरेट उद्देश्यों पर खर्च होंगे।
Jay Ambe Supermarkets के बारे में
वर्ष 2020 में बनी जय अंबे सुपरमार्केट्स एफएमसीजी गुड्स, ग्रासरी, होम टेक्सटाइल, होम डेकर, कपड़े, खिलौन, गिफ्ट के सामान, जूते-चप्पल, घर से जुड़ी और चीजें सुपरमार्केट्स के जरिए बेचती है। यह फ्रेंचाइजी मॉडल के जरिए रिटेल मार्ट चलाती है जिसमें फ्रेंचाइजीज इसके ब्रांड 'सिटी स्केयर मार्ट' के तहत शुरुआती फीस और सालाना लाइसेंस फीस के जरिए अपने प्रोडक्ट्स बेचती हैं। गुजरात में इसके 17 स्टोर्स हैं।
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो यह लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2023 में इसे ₹35 लाख का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2024 में बढ़कर ₹1.55 करोड़ और वित्त वर्ष 2025 में ₹2.75 करोड़ पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी की टोटल इनकम सालाना 20% से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर ₹47.40 करोड़ पर पहुंच गई। इस दौरान कंपनी पर कर्ज वित्त वर्ष 2023 के आखिरी में ₹7.47 करोड़ और वित्त वर्ष 2024 के आखिरी में ₹8.56 करोड़ से वित्त वर्ष 2025 के आखिरी में ₹8.71 करोड़ पर पहुंच गया। इस दौरान रिजर्व और सरप्लस की बात करें तो वित्त वर्ष 2023 के आखिरी में यह ₹1.36 करोड़ और वित्त वर्ष 2024 के आखिरी में ₹5.55 करोड़ से वित्त वर्ष 2025 के आखिरी में ₹7.06 करोड़ पर पहुंच गया।
डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।