Jio Financial Services के RIL से अलग होने के ठीक एक दिन पहले यानी 19 जुलाई को जिन निवेशकों ने Reliance Industries के शेयर खरीदे थे, वे 100 फीसदी कैपिटल गेन पर बैठे हुए हैं। 20 जुलाई को स्टॉक एक्सचेंजों में स्पेशल प्री-ओपन सेशन के आयोजन के बाद जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के स्टॉक का डिस्कवर्ड प्राइस 261.85 रुपये था, जबकि RIL का शेयर 2,589 रुपये पर सेटल हुआ। डीमर्जर से पहले RIL ने अपने शेयर की एक्विजिशन कॉस्ट 95.32 फीसदी बताई है, जबकि जियो फाइनेंशियल के स्टॉक की एक्विजिशन कॉस्ट 4.68 फीसदी है। इसका मतलब है कि जिस इनवेस्टर ने 19 जुलाई को रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर खरीदे थे, उसने Jio Financial Services के एक शेयर के लिए 133 रुपये (2,853 के क्लोजिंग प्राइस का 4.68 फीसदी) चुकाए हैं।
इस तरह 19 जुलाई को RIL के शेयर खरीदने वाले निवेशक 100 फीसदी मुनाफे में हैं। चार्टर्ड अकाउंटेंट और टैक्स एक्सपर्ट सुरेश अंचलिया ने बताया कि JFS के शेयरों को खरीदने की कॉस्ट ऑफ एक्विजिशन 4.68 फीसदी होगी। डीमर्जर के बाद यह प्राइस RIL के शेयर में से घटा दी जाएगी। इस तरह अगर किसी निवेशक ने मार्च में RIL के शेयर को 2,180 रुपये के प्राइस पर खरीदा था तो JFS की कॉस्ट 102 रुपये होगी और RIL की कॉस्ट 2,078 फीसदी होगी।
इससे इनवेस्टर्स को अपने कैपिटल गेंस को कैलकुलेट करने में मदद मिलेगी। हालांकि, यह टैक्स तभी लगेगा जब इनवेस्टर अपने शेयर बेचेगा। इनवेस्टर्स को यह ध्यान में रखना जरूरी है कि अभी वे JFS के शेयर नहीं बेच सकते। इसकी वजह यह है कि फिलहाल जेएफएस के शेयर सभी सूचकांकों में स्थिर कीमत पर बने रहेंगे। अभी कंपनी ने शेयरों के एलॉटमेंट और लिस्टिंग की तारीखों का ऐलान नहीं किया है। लिस्टिंग के दिन JFS के शेयर का प्राइस प्री-ओपन सेशन में 261 रुपये से कम या ज्यादा हो सकता है। लिस्टिंग के दिन प्री-ओपन सेशन का आयोजन एक्सचेंज करेंगे। स्कीम ऑफ अरैंजमेंट के मुताबिक, RIL के शेयरधारकों को हर एक शेयर पर जेएफएस का एक शेयर मिलेगा।
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