Jio Financial Services Shares: जियो फाइनेंशियल सर्विसेज को अब निफ्टी-50 और सेंसेक्स से 24 अगस्त की जगह 29 अगस्त को हटाया जाएगा। इसके बारे में पहले से ही संकेत मिल गया था। ऐसा इसलिए हो रहा क्योंकि लिस्टिंग के तुरंत बाद जियो फाइनेंशियल के शेयर ने लगातार दो दिनों तक अपनी सर्किट सीमा को छुआ है। S&P डाउ जोन्स इंडेक्स ने क्लाइंट्स को भेजे एक नोट में कहा, "इंडेक्ट कमिटी ने सभी S&P BSE सूचकांकों से जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (JFSL) को हटाने को अगले 3 दिनों के लिए टालने का फैसला किया है। JFSL को अब मंगलवार, 29 अगस्त को कारोबार शुरू होने से पहले सभी S&P BSE सूचकांकों से हटा दिया जाएगा।"
हालांकि NSE की ओर से अभी तक कोई औपचारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन डीमर्जर के मौजूदा सिस्टम को देखते हुए वहां भी यहीं संकेत मिलता है। NSE इंडेक्स ने इससे पहले 26 अप्रैल को जारी अपनी प्रेस रिलीज में कहा था, "अगर शुरुआती 3 दिनों के पहले 2 दिनों के दौरान, यदि अलग किया गया बिजनेस/यूनिट दोनों दिन सर्किट सीमा को छूती है, तो उसे हटाए जाने की तारीख को तीन और दिनों के लिए टाल दिया जाएगा।"
नुवामा अल्टरनेटिव एंड क्वांटिटेटिव रिसर्च (Nuvama Alternative & Quantitative Research) के मुताबिक, पैसिव फंड अपने पोर्टफोलियो को एडजस्ट कर रहे हैं। इस दौरान निफ्टी और सेंसेक्स दोनों पर कुल करीब 14-15 करोड़ शेयरों का आउटफ्लो होगा।
इस बीच देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC ने जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (JFSL) में 6.66 फीसदी हिस्सेदारी हासिल की है। जीवन बीमा निगम (LIC) ने आज मंगलवार को कहा कि उसे यह हिस्सेदारी डीमर्जर प्रोसेस के माध्यम से मिली है। LIC ने शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा, "कंपनी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज से अलग हुई जियो फाइनेंशियल सर्विसेज में 6.66 फीसदी शेयरहोल्डिंग हासिल कर ली है।’’
265 रुपये के भाव पर लिस्ट हुई कंपनी
जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के शेयरों की सोमवार को मार्केट में एंट्री हुई है। इसके शेयरों की BSE पर 265 रुपये के भाव पर शुरुआत हुई। पहले यह कंपनी रिलायंस का हिस्सा थी और अब इससे अलग होकर मार्केट में लिस्ट हुई है। फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी का मार्केट कैप 1.60 लाख करोड़ रुपये के करीब रहा। एलआईसी ने आगे कहा कि जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के अधिग्रहण की लागत रिलायंस इंडस्ट्रीज की प्री-डीमर्जर कॉस्ट का 4.68 फीसदी है।