सरकार के बॉन्ड्स के ग्लोबल बॉन्ड इंडेक्स का हिस्सा बनने से इनवेस्टर्स खुश, लेकिन अचानक पैसे निकलने पर क्या होगा?

JPMorgan Chase & Co ने 22 सितंबर को कहा था कि वह अपने गवर्नमेंट बॉन्ड इंडेक्स-Emerging Markets (GBI-EM) ग्लोबल इंडेक्स सुइट में भारत सरकार के बॉन्ड्स शामिल करेगी। यह फैसला अगले साल जून से लागू होगा। इस इंडेक्स में भारत सरकार के बॉन्ड्स का वेटेज धीरे-धीरे बढ़कर मार्च 2025 में 10 फीसदी तक पहुंच जाएगा। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस फैसले से सरकारी बॉन्ड्स में 10 महीने की अवधि में 24 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आ सकता है

अपडेटेड Sep 27, 2023 पर 5:49 PM
Story continues below Advertisement
जून 2024 से भारत सरकार के बॉन्ड्स जेपी मॉर्गन के ग्लोबल सूचकांकों में शामिल हो जाएंगे। इससे इन बॉन्ड्स में काफी ज्यादा विदेशी निवेश आएगा। इसका असर लोकल डेट मार्केट पर पड़ना तय है।

JPMorgan के ग्लोबल सूचकांकों में भारत सरकार के बॉन्ड्स शामिल होने से इन बॉन्ड्स में अरबों रुपये का निवेश होगा। लेकिन, अचानक बहुत ज्यादा पैसे निकाले जाने का आशंका भी रहेगी। अथॉरिटीजी इससे पड़ने वाले असर को लेकर चिंतित हैं। RBI इस असर से निपटने के उपायों के बारे में सोच रहा है। जून 2024 से भारत सरकार के बॉन्ड्स जेपी मॉर्गन के ग्लोबल सूचकांकों में शामिल हो जाएंगे। इससे इन बॉन्ड्स में काफी ज्यादा विदेशी निवेश आएगा। इसका असर लोकल डेट मार्केट पर पड़ना तय है।

RBI उपायों पर कर रहा विचार

इस मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने कहा कि एक विकल्प भारत सरकार के बॉन्ड्स में संभावित निवेश को सीमित रखने का उपाय हो सकता है। अभी इस बारे में कई तरह के विकल्पों पर बातचीत चल रही है। इस बारे में जानकारी देने वाले सूत्र ने कहा कि अचानक बॉन्ड् से काफी ज्यादा पैसे की निकासी होने पर क्या होगा, इस पर चर्चा जारी है।


यह भी पढ़ें : NSE शाम में ट्रेडिंग सेशन की कर सकता है शुरुआत, जानिए क्या है एक्सचेंज का प्लान

2025 में आ सकती है समस्या

सूत्र ने कहा कि यह ऐसी संभावना है, जो काफी बाद में ही देखने को मिलेगी। हो सकता है कि ऐसा 2025 में दिखाई दे। लेकिन अभी से इसके समाधान के बारे में सोचना जरूरी है। इंडिया ने जेपी मॉर्गन के सूचकांकों में सरकार के बॉन्ड्स के शामिल होने के हिसाब से सॉवरेन राइट्स और टैक्स के नियमों में बदलाव नहीं किए हैं। लेकिन, इस बारे में सरकार को जल्द सोचना होगा। इस मसले को लंबे समय तक टाला नहीं जा सकता है।

अगले साल जून से लागू होंगे नियम

JPMorgan Chase & Co ने 22 सितंबर को कहा था कि वह अपने गवर्नमेंट बॉन्ड इंडेक्स-Emerging Markets (GBI-EM) ग्लोबल इंडेक्स सुइट में भारत सरकार के बॉन्ड्स शामिल करेगी। यह फैसला अगले साल जून से लागू होगा। इस इंडेक्स में भारत सरकार के बॉन्ड्स का वेटेज धीरे-धीरे बढ़कर मार्च 2025 में 10 फीसदी तक पहुंच जाएगा। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस फैसले से सरकारी बॉन्ड्स में 10 महीने की अवधि में 24 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आ सकता है। हालांकि, इनवेस्टर्स ग्लोबल बॉन्ड्स में निवेस को लंबी अवधि का निवेश मानते हैं लेकिन इस पैसे के निकलने से बड़ा संकट पैदा हो सकती है।

RBI के पास स्थिति से निपटने का व्यापक अनुभव

सरकार के एक टॉप इकोनॉमिस्ट ने कहा कि यह ऐसा है, जिसके लिए हमें पहले से तैयार रहना होगा। हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि भारत सरकार के बॉन्ड्स के ग्लोबल इंडेक्स का हिस्सा बनने से बॉन्ड या फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में बढ़ा उतार-चढ़ाव आए। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो हम इससे निपटने में पूरी तरह सक्षम हैं। RBI को इस बारे में व्यापक अनुभव है। वह पहले से इंटरेस्ट रेट में होने वाले उतार-चढ़ाव को हैंडल कर रहा है।

Rakesh Ranjan

Rakesh Ranjan

First Published: Sep 27, 2023 5:40 PM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।