वायदा में एक्सपायरी का स्ट्रक्चर बदलने से एक्सचेंज के वॉल्यूम पर काफी असर दिख रहा है। वॉल्यूम में कमी से क्या BSE के रेवेन्यू और मुनाफे पर भी फर्क पड़ सकता है ? इस मुद्दे पर सीएनबीसी-आवाज़ के मैनेजिंग एडिटर अनुज सिंघल ने BSE के MD&CEO सुंदररामन राममूर्ति से खास बातचीत की। इस बातचीत में सुंदररामन राममूर्ति ने कहा कि वायदा सेगमेंट में BSE तुलनात्मक तौर पर नया है।वायदा में बैंकेक्स काफी नया इंडेक्स है। बैंकेक्स में बैंक निफ्टी जैसे वॉल्यूम की उम्मीद नहीं है। बैंकेक्स की मंथली एक्सपायरी में वॉल्यूम काफी घटे हैं।
