कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट के एमडी निलेश शाह (Nilesh Shah) का नाम उन फंड मैनेजर्स में शामिल है, जिनकी बातों को इनवेस्टर्स बहुत ध्यान से सुनते हैं। हाल में शाह ने स्टॉक मार्केट के बारे में अपनी राय बताई। उन्होंने कहा कि स्टॉक मार्केट अपने ऑल-टाइम हाई के करीब है। फेयर वैल्यूएशन से मार्केट थोड़ा ही ऊपर दिख रहा है। बाजार की इस तेजी के पीछे तीनों बातों के सगंम का हाथ है। इनमें फंड फ्लो, पॉजिटिव सेंटीमेंट और इकोनॉमी की मजबूत बुनियाद शामिल हैं।
देश और विदेश दोनों से पैसा मार्केट में आ रहा
उन्होंने कहा कि पैसा घरेलू और विदेशी दोनों तरह के इनवेस्टर्स से आ रहा है। वे स्टॉक मार्केट में जमकर खरीदारी कर रहे हैं। शेयरों को बेचने में निवेशकों की दिलचस्पी नहीं है। प्राइमरी मार्केट्स में तेजी नहीं दिख रही थी। लेकिन, अब इसकी रौनक भी लौटती दिख रही है। करीब तीन दर्जन कंपनियां आईपीओ पेश करने के लिए तैयार हैं। हालांकि, एग्रेसिव फंड फ्लो से वैल्यूएशन अपने फेयर वैल्यू से ऊपर पहुंच गया है।
इंडियन इकोनॉमी सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी
शाह ने कहा कि इंडिया तब उम्मीद जगा रहा है, जब दुनिया के देशों की स्थिति ठीक नहीं है। यह दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी है। हाल में टमाटर की कीमतों में उछाल के बावजूद इनफ्लेशन कमोबेश RBI के टारगेट के करीब है। इंडिया दुनिया के कुछ चुनिंदा देशों में शामिल है, जहां रिटल इंटरेस्ट रेट पॉजिटिव है। विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में इंडिया दुनिया में चौथे पायदान पर है। ट्रेड डेफिसिट और फिस्कल डेफिसिट दोनों ही कंट्रोल में हैं। सरकार अपना निवेश लगातार बढ़ा रही है। रुपये में कमोबेश स्थिरता बनी हुई है। यह दुनिया में सबसे कम उतार-चढ़ाव वाली करेंसी है। 2014 में इंडियन इकोनॉमी 10वें पायदान पर थी। आज यह दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बन चुकी है। अगले कुछ सालों में इंडिया का दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनना तय है।
स्थिति अकबर-बीरबल की कहानी जैसी
उन्होंने कहा कि इंडिया में अभी जो चीजें दिख रही हैं, वह अकबर-बीरलब की कहानी जैसी है। अकबर ने बीरबल को कहा कि लाइन को छुए बगैर बड़ी करके दिखाएं। बीरबल ने उसके नीचे एक छोटी लाइन खींच दी। इससे पहले वाली लाइन बड़ी दिखने लगी। आज इंडिया की ग्रोथ स्टोरी और इकोनॉमी से जुड़े दूसरे डेटा बेहतर हैं। लेकिन, यह इसलिए भी बेहतर दिख रहे हैं, क्योंकि दूसरी इकोनॉमीज अलग-अलग तरह की प्रॉब्लम्स का सामना करना रही हैं।
लक्ष्मण रेखा पार करना खतरनाक हो सकता है
स्टॉक मार्केट की वर्तमान स्थिति के बारे में उन्होंने कहा कि अभी कई चीजें हैं, जिन पर गौर करने की जरूरत है। कई Micro Caps, Mini Caps और स्मॉलकैप्स महंगे दिख रहे हैं। कई में लार्ज कैप से ज्यादा वैल्यूएशंस पर ट्रेडिंग हो रही है। यह स्थिति लंबे समय तक जारी रहने वाली है। कुछ कंपनियों ने अपने नाम के आगे AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) लगाने शुरू कर दिए हैं। ऐसे में निवेशकों के लिए लक्ष्मण रेखा के अंदर में बने रहना बहुत जरूरी है। यह वक्त लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट का है। आपके पोर्टफोलियो में लॉर्जकैप की हिस्सेदारी ज्यादा होनी चाहिए। अपने पास कुछ कैश रखें और पोर्टफोलियो में कुछ ऐसे शेयर भी रखें जिन्हें जरूरत पड़ने पर जल्द बेचा जा सकता है।