डिफेंस सेक्टर की कंपनियों में निवेश शॉर्ट टर्म में रिस्की हो सकता है। Kotak Mahindra AMC के एमडी निलेश शाह (Nilesh Shah) ने यह बात कही है। मनीकंट्रोल से बातचीत में उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में इस सेक्टर को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि इस सेक्टर पर सरकार की पॉलिसी का सीधा असर पड़ता है। डिफेंस कंपनियों के शेयरों में आई तेजी की वजह सरकार की पॉलिसी है। सरकार ने रक्षा उपकरणों की खरीद में घरेलू कंपनियों को प्राथमिकता देने की पॉलिसी अपनाई है। शानदार तेजी के बाद अब डिफेंस कंपनियों के शेयरों में शॉर्ट टर्म में रिस्क दिख रहा है, क्योंकि इनमें प्रॉफिट बुकिंग हो सकती है।
डिफेंस शेयरों ने किया मालामाल
डिफेंस सेक्टर की कंपनियों के शेयरों में जबर्दस्त तेजी देखने को मिली है। इनमें Bharat Dynamics (49.66%), Hindustan Aeronautics (95.13 %), Astra Microwave (33.98 %), Bharat Electronics (39.97 %), Cochin Shipyard (100.03%), MTAR Technologies (64.03 %) और Zen Technologies (235.60 %) शामिल हैं।
डिफेंस सेक्टर का अच्छा भविष्य
इन कंपनियों की ऑर्डर बुक ठोस है। आरएंडडी में निवेश हो रहा है। सरकार ने डिफेंस इक्विपमेंट के आयात पर रोक लगाई है। भारतीय कंपनियों से रक्षा उपकरण की खरीदारी को प्राथमिकता दी जा रही है। DRDO से इन कंपनियों को सपोर्ट मिल रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि डिफेंस सेक्टर की कंपनियों के शेयरों में लॉन्ग टर्म ग्रोथ की संभावना है।
शाह ने कहा कि सरकार की पॉलिसी में बदलाव आने पर इस सेक्टर पर असर पड़ सकता है। उन्होंने डिफेंस शेयरों में प्रॉफिट बुकिंग की भी संभावना जताई। उन्होंने कहा, "इस सेक्टर के लॉन्ग टर्म फंडामेटल्स तब तक बेहतर दिखते रहेंगे, जब तक डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरर्स को प्राथमिकता मिलती रहेगी।" उन्होंने कुछ ऐसी कंपनियों के बारे में संकेत दिए, जो घरेलू बाजार में सप्लाई के साथ ही विदेश में भी सप्लाई करने में सक्षम हैं। दूसरे देश भी उन्हीं कंपनियों के डिफेंस प्रोडक्ट्स खरीदना चाहेंगे, जो घरेलू बाजार में भी सप्लाई करती हैं।
लोकल मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस
लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की सरकार की पॉलिसी के बाद डिफेंस सेक्टर का परिदृश्य बदला है। मेक इन इंडिया की पहल के बाद अब घरेलू बाजार से 68 फीसदी डिफेंस प्रोडक्ट्स की खरीदारी हो रही है। कुछ साल पहले यह आंकड़ा 38 फीसदी था।