इस फाइनेंशियल ईयर की पहली छमाही में इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन में गतिविधियां थोड़ी सुस्त रहीं। इसकी वजह अप्रैल और मई में लोकसभा चुनाव रहे। इस दौरान सरकार का पूंजीगत खर्च भी कम रहा। एलएंडटी का मानना है कि इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में हालात बेहतर रहेंगे। पूंजीगत खर्च बढ़ा है। वर्कर्स और दूसरे संसाधनों की उपलब्धता भी बेहतर रही है। पूंजीगत बढ़ने से नए ऑर्डर मिलने की रफ्तार बढ़ेगी। हालांकि, दूसरी तिमाही में एलएंडटी की रेवेन्यू ग्रोथ अच्छी रही। इसमें कोर इंफ्रास्ट्रक्चर, एनर्जी प्रोजेक्ट्स और फाइनेंशियल सर्विसेज बिजनेस का हाथ रहा।
कुल रेवेन्यू में इंफ्रा बिजनेस की 50 फीसदी हिस्सेदारी
कंपनी के कुल रेवेन्यू में इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस की हिस्सेदारी करीब 50 फीसदी है। इस बिजनेस का प्रदर्शन अच्छा रहने का असर कंपनी की रेवेन्यू ग्रोथ पर पड़ता है। एनर्जी प्रोजेक्ट्स के मामले में कंपनी का प्रदर्शन अच्छा रहा। इंटरनेशनल हाइड्रोकार्बन प्रोजेक्ट्स का एग्जिक्यूशन अच्छा रहा। फाइनेंशियल सर्विसेज बिजनेस में स्ट्रॉन्ग डिस्बर्समेंट देखने को मिला। खासकर रिटेल सेगमेंट में इस बिजनेस का प्रदर्शन अच्छा है। आईटी और आईटी टेक्नोलॉजी सर्विसेज बिजनेस की ग्रोथ सामान्य रही।
दूसरी तिमाही में मार्जिन में गिरावट
दूसरी तिमाही में एलएंडटी के ओवरऑल मार्जिन में गिरावट आई है। आईटी सर्विसेज और इंफ्रास्ट्रक्चर को छोड़ ज्यादातर सेगमेंट के मार्जिन में साल दर साल आधार पर गिरावट आई। प्रोजेक्ट एग्जिक्यूशन में देर का असर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के मार्जिन पर पड़ा। हाई टेक बिजनेस के मार्जिन में अतिरिक्त कॉस्ट प्रोविजनिंग की वजह से गिरावट आई। आईटी एंड आईटी बिजनेस का मार्जिन साल दर साल आधार पर स्टेबल रहा। कोर इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस मार्जिन में इम्प्रूवमेंट देखने को मिला।
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इस साल जनवरी से L&T के शेयरों का प्रदर्शन स्टॉक मार्केट्स के मुकाबले कमजोर रहा है। बाजार में पिछले 6-8 महीनों में आई तेजी का असर एलएंडटी के शेयरों पर नहीं पड़ा है। इस साल जून में कंपनी का शेयर 3,910 रुपये पर पहुंच गया था। उसके बाद यह गिरकर 3,407 रुपये पर आ गया था। आने वाले महीनों में विजिबिलिटी, एग्जिक्यूशन, अर्निंग्स और ऑवरऑल ऑर्डिंग में इम्प्रूवमेंट आने की उम्मीद है। इसका असर एलएंडटी के शेयरों पर दिखेगा। FY26 की अनुमानित अर्निंग्स के 22 गुना पर इस स्टॉक में ट्रेडिंग हो रही है। इसका मतलब है कि इस शेयर में 5 फीसदी तक की तेजी आ सकती है।