जम्मू-कश्मीर में मिला लिथियम का बड़ा भंडार, देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल के दाम हो सकते हैं कम

भारत के पास लिथियम-आयन बैटरी की घरेलू मांग को पूरा करने के लिए आवश्यक कच्चे माल का केवल एक छोटा हिस्सा ही है। ऐसे में जम्मू-कश्मीर में 5.9 मिलियन टन के लिथियम के भंडार की खोज ईवी बाजार में विस्तार की सरकार की योजनाओं के लिए एक बड़े बूस्टर डोज का काम करेगा

अपडेटेड Feb 10, 2023 पर 5:58 PM
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लिथियम को "सफेद सोना" भी कहा जाता है क्योंकि यह आधुनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाली तमाम जरूरी चीजों को बनाने में काम आता है

भारत में पहली बार लिथियम के भंडार (Lithium deposits) पाए गए हैं। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ( Geological Survey of India) के मुताबिक जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले के सलाल-हैमाना एरिया में 5.9 मिलियन टन लिथियम के अनुमानित भंडार की खोज की गई है।

बता दें कि लिथियम एक अलौह धातु (non-ferrous metal) है। ये इलेक्ट्रिक व्हीकल बैटरी में इस्तेमाल वाले घटकों में से एक है। रॉयटर्स की हाल में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत लिथियम समेत तमाम अहम खनिजों की आपूर्ति को मजबूती देने की तलाश में है। इससे देश को अपने इलेक्ट्रिक वाहन से संबंधित योजनाओं को आगे बढ़ाने में सहायता मिलेगी। इस नजरिए से देखें तो जम्मू और कश्मीर में लिथियम के भंडार की खोज एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

भारत में लिथियम की खोज एक बड़ी बात क्यों?


लिथियम इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) में लगने वाली बैटरी के प्रमुख घटकों में से एक है। जैसे-जैसे दुनिया पेट्रोल और डीजल से इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ मूव कर रही है वैसे-वैसे लिथियम की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। लिथियम का उपयोग न केवल ईवी में बल्कि लैपटॉप और मोबाइल फोन जैसे गैजेट्स की बैटरी में भी किया जाता है। इसका इस्तेमाल कांच और चीनी मिट्टी इंडस्ट्री में भी होता है। लिथियम को "सफेद सोना" भी कहा जाता है क्योंकि यह आधुनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाली तमाम जरूरी चीजों को बनाने में काम आता है

दुनिया में लिथियम की सप्लाई पहले से ही काफी कम है। अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया को 2025 तक लिथियम की कमी का सामना करना पड़ सकता है।

लिथियम की घटती आपूर्ति के साथ इसकी बढ़ती मांग ही एकमात्र समस्या नहीं है। एक और मुश्किल ये है कि लिथियम के रिसोर्स कुछ खास स्थानों पर केंद्रित हैं। दुनिया के लगभग 50 फीसदी लिथियम भंडार अर्जेंटीना, बोलीविया और चिली के नमक के मैदानों में पाए जाते हैं। ऑस्ट्रेलिया में भी लगभग 2.7 मिलियन टन लिथियम के भंडार हैं।

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बताते चलें कि चीन कच्चे लिथियम उत्पादों को बैटरी में लगने वाले कम्पोनेंट में बदलने के कारोबार में दुनिया की 60 फीसदी क्षमता को अकेले नियंत्रित करता है। कुछ अनुमानों के मुताबिक लिथियम-आयन बैटरी के बाजार में चीन का प्रभुत्व 80 फीसदी तक हो सकता है।

यूरोपियन कमिशन के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन (Ursula von der Leyen) का कहना है कि सीमित आपूर्ति और बढ़ती कीमतों के साथ, लिथियम आज की दुनिया में एक अहम जरूरी चीज बन गई है जो "तेल और गैस की तुलना में जल्द ही ज्यादा महत्वपूर्ण हो सकती है"।

लिथियम और भारत

भारत वर्तमान में लिथियम, निकल और कोबाल्ट सहित अपनी तमाम खनिज जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबित पूरी दुनिया इस अहम बैटरी कम्पोनेंट के लिए चीन पर अपनी निर्भरता को कम करने की कोशिश कर रही है। ऐसे में भारत इलेक्ट्रिक व्हीकल सप्लाई चेन में एक विकल्प के रूप में खुद का स्थान बनाने लिए साहसिक कदम उठा रहा है।

हालांकि, पिछले महीने की एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत के पास लिथियम-आयन बैटरी की घरेलू मांग को पूरा करने के लिए आवश्यक कच्चे माल का केवल एक छोटा हिस्सा ही है। ऐसे में जम्मू-कश्मीर में 5.9 मिलियन टन के लिथियम के भंडार की खोज ईवी बाजार में विस्तार की सरकार की योजनाओं के लिए एक बड़े बूस्टर डोज का काम करेगा।

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First Published: Feb 10, 2023 5:58 PM

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