LIC IPO : भारत सरकार ने रेगुलेटर्स से लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन के ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस की जल्द समीक्षा करने के लिए कहा है। इस मामले की जानकारी रखने वाले दो सरकारी सूत्रों ने कहा कि सरकार देश के सबसे बड़े IPO से जुड़ी दिक्कतों को मार्च के अंत तक दूर कर लेना चाहती है। उन्होंने कहा कि सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) से अपनी जांच की प्रक्रिया को तीन हफ्ते से कम समय में पूरा करने के लिए कहा गया है, जिसमें आम तौर पर 75 दिन का समय लगता है।
एलआईसी के चलते टलीं दूसरी प्राइवेटाइजेशन की योजनाएं
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में एक सरकारी अधिकारी ने कहा, “डील के लिए हमारे पास 10 बैंकर हैं। वे सेबी के किसी भी सवाल का जवाब देने के लिए 24 घंटे उपलब्ध हैं।” उन्होंने कहा, सेबी के पास एक “साफ सुथरा” ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस जमा किया जाएगा। अधिकारी ने यह भी कहा कि सरकार का डिसइनवेस्टमेंट डिपार्टमेंट का पूरा ध्यान सरकार द्वारा समर्थित इंश्योरेंस कंपनी के IPO पर केंद्रित है, जिससे लगभग 12 अरब डॉलर मिलने की उम्मीद है और इसके चलते इस वित्त वर्ष में दूसरी प्राइवेटाइजेशन की योजनाओं को टाल दिया गया है।
सूत्रों ने कहा कि सेबी के पास अगले कुछ दिनों में ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस जमा होने का अनुमान है। रॉयटर्स के अनुरोध पर वित्त मंत्रालय, सेबी और एलआईसी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
वित्त वर्ष के अंत तक एलआईसी को लिस्ट कराने का संकल्प दोहराने के साथ, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार किसी भी प्रकार के नुकसान से बचना और सरकारी खजाने को भरने के उद्देश्य से अपने प्राइवेटाइजेशन प्रोग्राम को फिर गति देना चाहती है।
एलआईसी का 65 फीसदी है मार्केट शेयर
लगभग 500 अरब डॉलर की असेट और भारत में लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में 65 फीसदी मार्केट शेयर के साथ एलआईसी अपने IPO को सफल बनाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। स्थानीय समाचार पत्रों में बड़े-बड़े विज्ञापनों के अलावा, 12 लाख एजेंटों को 25 करोड़ से ज्यादा पॉलिसीहोल्डर्स को पहली बार रिटेल इनवेस्टर बनाने के काम पर लगा दिया है।
10 फीसदी तक हिस्सेदारी बेच सकती है सरकार
हालांकि एलआईसी की स्टॉक सेल कितनी सफल होगी, यह अभी भी बड़ा सवाल बना हुआ है। सरकार को IPO से 12 अरब डॉलर मिलने की उम्मीद है। सरकारी और बैंकिंग सूत्रों ने कहा कि एलआईसी की 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर यह धनराशि हासिल करना इसकी सफलता का संकेत होगा, लेकिन सरकार 10 फीसदी तक हिस्सेदारी बेचने पर भी विचार कर रही है।
IPO पर काम कर रहे मुंबई के एक इनवेस्टमेंट बैंकर ने कहा, “हमने भारतीय बाजार में इतने बड़े आकार का इश्यू कभी नहीं देखा है और भले ही हम जानते हैं कि एलआईसी जैसी कंपनी अपनी ओर ध्यान खींचेगी, लेकिन यह उतना आसान भी नहीं है।” उन्होंने कहा, “इस IPO को सफल बनाने के लिए अभी भी कई काम किए जाने बाकी हैं।”