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सरकार से मिली छूट तो LIC शेयर को लगे पंख, 7% तक उछलकर 1 साल के नए हाई पर

LIC मई 2022 में सूचीबद्ध हुई थी। सरकार ने IPO के माध्यम से LIC में 22.13 करोड़ से अधिक शेयर यानी 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची थी। कंपनी में फिलहाल सरकार की 96.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। भारतीय जीवन बीमा निगम का मार्केट कैप वर्तमान में 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है। कंपनी के स्टॉक ने पिछले 6 माह में निवेशकों को 19 प्रतिशत से ज्यादा का रिटर्न दिया है

अपडेटेड Dec 22, 2023 पर 4:21 PM
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22 दिसंबर को LIC का शेयर बढ़त के साथ बीएसई पर 805.05 और एनएसई पर 807 रुपये पर खुला।

22 दिसंबर को भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के शेयर में अच्छी तेजी देखने को मिली और इसने 52 सप्ताह का नया उच्च स्तर क्रिएट किया। उछाल की वजह रही LIC (Life Insurance Corporation of India) को सरकार की ओर से एक छूट दिया जाना। दरअसल सरकार ने LIC को 25 प्रतिशत मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग का टार्गेट हासिल करने को लेकर 10 साल की एकबारगी छूट दी है। इसका मतलब है कि अब LIC के पास ऐसा करने के लिए मई 2032 का वक्त है। इस छूट के मिलने के बाद 22 दिसंबर को शेयर बाजार में ट्रेडिंग शुरू होने पर LIC का शेयर बढ़त के साथ बीएसई पर 805.05 और एनएसई पर 807 रुपये पर खुला।

कुछ ही ​देर में बीएसई पर शेयर ने 7 प्रतिशत से ज्यादा की मजबूती के साथ 52 सप्ताह का नया उच्च स्तर 820.05 रुपये क्रिएट किया। इसी तरह एनएसई पर भी शेयर 821 रुपये के हाई पर जा पहुंचा, जो इस इंडेक्स पर शेयर का 52 सप्ताह का नया हाई है। कारोबार खत्म होने पर शेयर करीब 4 प्रतिशत की बढ़त के साथ बीएसई पर 793 और एनएसई पर 792 रुपये के लेवल पर सेट हुआ।

LIC में सरकार की हिस्सेदारी 96.5%


कंपनी में फिलहाल सरकार की 96.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है। LIC ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि आर्थिक मामलों के विभाग ने ‘LIC को लिस्टिंग की तारीख से 10 साल के अंदर यानी मई 2032 तक 25 प्रतिशत मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग हासिल करने को लेकर एकबारगी छूट दी है।' नियम है कि हर लिस्टेड कंपनी में पब्लिक शेयर होल्डिंग कम से कम 25 प्रतिशत होनी चाहिए। नई लिस्ट होने वाली कंपनियों के लिए प्रावधान है कि उन्हें लिस्ट होने के 3 साल के अंदर कम से कम 25 प्रतिशत पब्लिक शेयर होल्डिंग को अचीव करना होगा। वहीं 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक मार्केट कैप वाली लिस्टेड कंपनियों के लिए यह समयावधि 5 साल की है।

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सरकार ने इस साल की शुरुआत में नियमों में संशोधन किया था ताकि सार्वजनिक क्षेत्र की सूचीबद्ध कंपनियों और बैंकों को प्राइवेटाइजेशन के बाद भी जरूरत के अनुसार जनहित में 25 प्रतिशत मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग के नियम से छूट मिले। मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग नियम में छूट इससे पहले केवल सरकार के नियंत्रण वाली कंपनियों के लिए मौजूद थी।

Moneycontrol News

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First Published: Dec 22, 2023 11:22 AM

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